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चंबल अंचल में डेंगू ने पसारे पांव, 3 संदिग्ध मरीज आए सामने - डेंगू के तीन संदिग्ध मरीज

शहर में डेंगू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. इधर स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है. यहां न तो फॉगिंग का काम शुरू किया गया है और ना कोई दूसरा इंतजाम ही किया गया है.

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Published : Jul 16, 2019, 3:07 PM IST

ग्वालियर। चंबल अंचल में प्री मानसून के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है. शहर में डेंगू के 3 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जिनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जिम्मेदार अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाने के बजाय गहरी नींद में सो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक न तो फॉगिंग का काम शुरू किया है और ना कोई दूसरा इंतजाम.

चंबल अंचल में डेंगू की एंट्री

अंचल में पिछले साल डेंगू ने विकराल रूप ले लिया था और 1500 से अधिक डेंगू के मरीज मिले थे, जिनमें से 9 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल की घटना से स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं लिया. मानसून की बारिश के बाद शहर और सरकारी दफ्तरों में पानी भरा हुआ है, जिसके चलते डेंगू का लारवा तेजी से पनप रहा है.

खबर प्रकाशित होने के बाद भी अनदेखी
4 दिन पहले भी ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि संभागीय कमिश्नर दफ्तर के सामने पानी से भरे एक मटके में सैकड़ों की तादाद में डेंगू का लारवा पनप रहा है. जिसके चलते यहां आने वाले लोग डेंगू की चपेट में आ सकते हैं. इससे साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ अधिकारियों के दफ्तरों को लेकर भी गंभीर नहीं है.

अधिकारी कर रहे ये दावा
ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट है, जिसके चलते हर शासकीय विभाग के एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई है, जो अपने आसपास लारवा पनपने नहीं देने के लिए काम करेगा. शहर के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में फॉगिंग का काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. जेएच अस्पताल के अधीक्षक अशोक मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त दवाएं हैं, अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है.

ग्वालियर। चंबल अंचल में प्री मानसून के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है. शहर में डेंगू के 3 संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जिनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जिम्मेदार अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाने के बजाय गहरी नींद में सो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक न तो फॉगिंग का काम शुरू किया है और ना कोई दूसरा इंतजाम.

चंबल अंचल में डेंगू की एंट्री

अंचल में पिछले साल डेंगू ने विकराल रूप ले लिया था और 1500 से अधिक डेंगू के मरीज मिले थे, जिनमें से 9 लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल की घटना से स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं लिया. मानसून की बारिश के बाद शहर और सरकारी दफ्तरों में पानी भरा हुआ है, जिसके चलते डेंगू का लारवा तेजी से पनप रहा है.

खबर प्रकाशित होने के बाद भी अनदेखी
4 दिन पहले भी ईटीवी भारत ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि संभागीय कमिश्नर दफ्तर के सामने पानी से भरे एक मटके में सैकड़ों की तादाद में डेंगू का लारवा पनप रहा है. जिसके चलते यहां आने वाले लोग डेंगू की चपेट में आ सकते हैं. इससे साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ अधिकारियों के दफ्तरों को लेकर भी गंभीर नहीं है.

अधिकारी कर रहे ये दावा
ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट है, जिसके चलते हर शासकीय विभाग के एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई है, जो अपने आसपास लारवा पनपने नहीं देने के लिए काम करेगा. शहर के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में फॉगिंग का काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. जेएच अस्पताल के अधीक्षक अशोक मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त दवाएं हैं, अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है.

Intro:ग्वालियर चंबल अंचल में प्री मानसून के बाद डेंगू ने दस्तक दे दी है। हाल में ही शहर में डेंगू के तीन संदिग्ध मरीज सामने आए हैं। इन मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं लेकिन शौक है कि अभी भी डेंगू के रोकथाम लेकर गहरी नींद में सो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए ना तो फॉकिंग का काम शुरू किया है और ना ही इसकी सुरक्षा को लेकर कोई कड़े इंतजाम किए हैं।


Body:बता दे ग्वालियर चंबल अंचल में पिछले साल डेंगू ने विकराल रूप ले लिया था। पिछले साल अंचल में 1500 से अधिक डेंगू के मरीज मिले थे जिनमें से 9 लोगों की मौत भी हो चुकी थी। पिछले साल से सबक न लेते हुये स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष भी रेनू को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है क्योंकि प्री मानसून के बाद शहर और सरकारी दफ्तरों में पानी भरा हुआ है इसके चलते डेंगू का लारवा तेजी से पनप रहा है इसका उदाहरण 4 दिन पहले ईटीवी भारत ने दिखाया था। 4 दिन पहले ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी के संभागीय कमिश्नर दफ्तर के सामने पानी से भरे एक मटके में सैकड़ों की तादात में डेंगू का लारवा पनप रहा है। जिसके चलते यहां आने वाले लोगों डेंगू की चपेट में आ सकते हैं। इससे साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के साथ साथ अधिकारियों के दफ्तरों को लेकर भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है।


Conclusion:वहीं इस मामले पर ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट है जिसके चलते हर शासकीय विभाग कि एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई है जो अपने आसपास लारवा पनपने न देने के लिए कार्य करेगा। और शहर के साथ साथ सरकारी दफ्तरों मैं फॉकिंग का काम शुरू किया जा रहा है जल्द ही पूरे शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वहीं जी अस्पताल के अधीक्षक अशोक मिश्रा का कहना है कि अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त दवाएं हैं अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है।

बाइट - मृदुल सक्सेना सीएमएचओ

बाइट - अशोक मिश्रा जेएच अस्पताल अधीक्षक
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