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ग्वालियर सेंट्रल जेल के कैदियों की पैरोल 2 महीने बढ़ाई गई - कैदियों की पैरोल

कोरोना के चलते ग्वालियर की सेंट्रल जेल से छोड़े गए 600 कैदियों की पैरोल की समय अवधि खत्म हो गई है, लेकिन वाहन व्यवस्था ना होने के कारण बंदियों की पैरोल अवधि को बढ़ा दिया गया है, अब कैदी किसी भी जेल में अपनी आमद दर्ज करवा सकते हैं.

Inmates of Gwalior Central Jail increased parole
ग्वालियर सेंट्रल जेल के कैदियों की पैरोल बढ़ी
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Published : Jun 2, 2020, 4:49 AM IST

ग्वालियर। शहर की सेंट्रल जेल से आपात पैरोल पर छोड़े गए 600 बंदियों की पैरोल की समय अवधि समाप्त हो गई है. बावाजूद इसके वाहन की व्यवस्था ना होने के कारण आपात पैरोल पर गए हुए बंदियों की दो महीने की पैरोल अवधि को बढ़ा दिया गया है, वहीं कैदी अपने नजदीकी जेल में भी आमद दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें वहीं से दो महीने की रिहाई का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

ग्वालियर सेंट्रल जेल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल से आपात पैरोल पर छोड़े गए बंदी अपनी नजदीकी जेल में आमद दर्ज करा सकते हैं. यह नियम केवल ग्वालियर सेंट्रल जेल के लिए नहीं बल्कि प्रदेश भर की जिलों के लिए है.

ग्वालियर की सेंट्रल जेल में करीब 600 बंदी हैं, जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. इसमें कुछ अंडरट्रायल और कुछ सजायाफ्ता के भी बंदी हैं, जिन्हें धीरे-धीरे करके 60 दिन की आपात पैरोल पर छोड़ा गया था जिसमें भिंड, मुरैना और शिवपुरी के बंदी भी शामिल हैं.

इन बंदियों की अवधी 28 मई को पूरी हो गई है. सभी बंदी वापस घर लौटने लगे हैं. कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते वाहन व्यवस्था भी पूरी तरह से अस्त व्यस्त हैं. ऐसे में दूसरे जिलों से आने वाले बंदियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, इस परेशानी को देखते हुए जेल के आला अधिकारियों ने निर्देश जारी किए.

जहां आपात पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की दो महीने की और पैरोल समय सीमा बढ़ा दी गई है. ऐसे में बंदियों को ग्वालियर सेंट्रल जेल नहीं आना पड़ेगा और वह नजदीकी जेल में ही अपनी आमद दर्ज करवा सकते हैं. जहां से उन्हें रिहाई का प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा.

ग्वालियर। शहर की सेंट्रल जेल से आपात पैरोल पर छोड़े गए 600 बंदियों की पैरोल की समय अवधि समाप्त हो गई है. बावाजूद इसके वाहन की व्यवस्था ना होने के कारण आपात पैरोल पर गए हुए बंदियों की दो महीने की पैरोल अवधि को बढ़ा दिया गया है, वहीं कैदी अपने नजदीकी जेल में भी आमद दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें वहीं से दो महीने की रिहाई का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

ग्वालियर सेंट्रल जेल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल से आपात पैरोल पर छोड़े गए बंदी अपनी नजदीकी जेल में आमद दर्ज करा सकते हैं. यह नियम केवल ग्वालियर सेंट्रल जेल के लिए नहीं बल्कि प्रदेश भर की जिलों के लिए है.

ग्वालियर की सेंट्रल जेल में करीब 600 बंदी हैं, जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. इसमें कुछ अंडरट्रायल और कुछ सजायाफ्ता के भी बंदी हैं, जिन्हें धीरे-धीरे करके 60 दिन की आपात पैरोल पर छोड़ा गया था जिसमें भिंड, मुरैना और शिवपुरी के बंदी भी शामिल हैं.

इन बंदियों की अवधी 28 मई को पूरी हो गई है. सभी बंदी वापस घर लौटने लगे हैं. कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते वाहन व्यवस्था भी पूरी तरह से अस्त व्यस्त हैं. ऐसे में दूसरे जिलों से आने वाले बंदियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, इस परेशानी को देखते हुए जेल के आला अधिकारियों ने निर्देश जारी किए.

जहां आपात पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की दो महीने की और पैरोल समय सीमा बढ़ा दी गई है. ऐसे में बंदियों को ग्वालियर सेंट्रल जेल नहीं आना पड़ेगा और वह नजदीकी जेल में ही अपनी आमद दर्ज करवा सकते हैं. जहां से उन्हें रिहाई का प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा.

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