गुना। गुना शहर के महारानी लक्ष्मीबाई कन्या विद्यालय में सीएसी पद पर अटैच किए गए शिक्षक चंद्रमोलेश्वर श्रीवास्तव ने आज डीईओ ऑफिस में दोपहर को जहरीला पदार्थ खा लिया. इस घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हड़कंप मच गया. इसके बाद नाजुक हालत में सीएसी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गौरतलब है कि सीएसी के कुछ आवेदन के दस्तावेज मिले हैं, जिसमें वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान होने की जानकारी दे रहा है. चंद्रमोलेश्वर फतेहगढ़ सरकारी विद्यालय में पदस्थ थे. जहां से उन्हें गढ़ा के शासकीय विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था. लेकिन तीन महीने से ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही थी. इसके बाद जिला परियोजना समन्वयक आशीष टांटिया ने एमएलबी स्कूल में अटैच कर दिया . यहां भी वे लगातार मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे थे. चंद्रमोलेश्वर बार-बार अधिकारियों से कह रहे थे, या उन्हें गढ़ा में ही ज्वॉइनिंग दी जाए या फिर उनकी मूल संस्था फतेहगढ़ में वापस भेज दिया जाए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई और चंद्रमोलेश्वर ने यह घातक कदम उठा लिया.फिलहाल उनका जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.वहीं शिक्षा विभाग के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने मामले में चर्चा करने या जानकारी देने से इंकार कर दिया है.
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चंद्रमोलेश्वर ने की थी प्रताड़ित करने की शिकायत
चंद्रमोलेश्वर श्रीवास्तव को जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी ने 18 फरवरी को एक आदेश जारी कर महारानी लक्ष्मीबाई कन्या विद्यालय में सीएसी के पद पर पदस्थ किया था. चंद्रमोलेश्वर श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए दो आवेदन मीडिया के सामने आए हैं. इनमें वह जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक आशीष को बता चुके थे कि बीआरसीसी एमएलबी में पदस्थ एक अन्य सीएसी उन्हें अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान बाधा पहुंचा रहे हैं. यहां तक कि जिस पद के लिए वह एमएलबी में भेजे गए थे. उसके रिकॉर्ड रूम की चाबियां तक उन्हें नहीं सौंपी गईं. ऐसे में वह अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर सकते. इसलिए उन्हें दोबारा उनकी मूल संस्था में पदस्थ किया जाए. पूरे मामले में जिला परियोजना समन्वयक आशीष टांटिया से पक्ष जानना चाहा, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका. फिलहाल चंद्रमोलेश्वर श्रीवास्तव का जिला अस्पताल में उपचार जारी है. जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई करता है.