गुना। जिले में ऑक्सीजन नहीं मिलने के चलते एक प्रसूता की मौत हो गई. महिला की यह 7वीं डिलीवरी थी. उसकी 6 बेटियां है. 7वीं डिलीवरी में बेटे को जन्म दिया था. इस वजह से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन कोविड काल में हुआ प्रसव जानलेवा साबित हुआ. महिला को अचानक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, लेकिन ऑक्सीजन न मिलने से उसकी मौत हो गई. इस मामले में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष व मृतका के देवर राजेश खटीक ने गर्भवती महिला को ऑक्सीजन दिलाने को लेकर मंत्री, विधायक तक को कॉल लगाया, लेकिन कुछ न हो सका. लिहाजा ऑक्सीजन के अभाव में महिला ने दम तोड़ दिया.
राजेश खटीक ने क्या कहा ?
राजेश खटीक ने कहा कि मेरे परिवार की महिला गुना स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती थी. उसकी डिलीवरी हुई थी, लेकिन ऑक्सीजन न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसने दम तोड़ दिया. खटीक का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन से कहा था कि ऑक्सीजन उपलब्ध करा दों, तो उन्होंने किल्लत होना बताया.
6 बेटियों को सौंप गई भाई
बीनागंज निवासी सोनम खटीक की दर्द भरी कहानी सुनकर हर कोई दुखी हो जाता है. लंबे इंतजार के बाद बेटे का जन्म हुआ, लेकिन ऑक्सीजन न मिलने से उसकी मौत हो गई. महिला अपने बेटे को छह बेटियों के हवाले कर गई.
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पचौर से ला रहे थे ऑक्सीजन
मृतका के देवर राजेश खटीक ने बताया कि 25 अप्रैल को उनकी भाभी की डिलीवरी बीनागंज में हुई थी. उसने शिशु को जन्म दिया था. तबीयत ज्यादा खराब होने से दूसरे दिन जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां ब्लड भी चढ़ाया गया, लेकिन 28 अप्रैल को नर्सों ने कहा कि ऑक्सीजन लगेगा. हमने सभी जगह हाथ-पैर जोड़े, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिला. अस्पताल में भी प्रबंधन ने कहा कि ऑक्सीजन की किल्लत है. इसलिए हमने 28 अप्रैल को पचौर से एक खाली सिलेंडर किराए से लिया. तीन हजार रुपये में उसमें ऑक्सीजन भरवाई, लेकिन गुना पहुंचते है, तो उनकी मौत हो चुकी थी.
दो दिन पहले हुई थी भर्ती
सिविल सर्जन डॉ. एसओ भोला ने बताया कि बीनागंज में महिला की डिलीवरी हुई थी. उसे वहां से जिला अस्पताल भर्ती किया गया था. ऑक्सीजन की पहले से ही समस्या है. हमें जैसे ही जानकारी लगी, तो उसके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रहे थे.