गुना। जिले में किसानों पर आफत आ गई है. बिजली के बकायादार किसानों पर कंपनी ने सख्ती बढ़ा दी है. कर्जदार किसानों की जमीनों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. सरकारी राशि भी नहीं मिलेगी. जो किसान 50 हजार रुपये से ज्यादा के बकायादार होंगे, बिजली कंपनी द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बिजली कंपनी ने ऐसा इंतज़ाम किया है, जिससे किसान न अपनी जमीन बेच पाएंगे और न ही उन्हें सरकारी राशि का लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही कंपनी ने 50 हजार से अधिक बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं पर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी है.
बिजली का बकाया खसरा रिकॉर्ड में भी : कुर्की के दौरान उपभोक्ता अपनी जमीन न बेच सकें. इसलिए उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को भी अपनाया गया है. बिजली कंपनी के पदेन तहसीलदार ने बड़े बकायादारों के बिजली बिलों की राशि सम्बंधित किसान की जमीन के खसरा रिकॉर्ड में दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं. मतलब अब किसानों के खसरा रिकॉर्ड में बिजली बिल बकाया को भी दर्शाया जाएगा. रिकॉर्ड में बकाया राशि दर्ज होने से उक्त किसान या अन्य उपभोक्ता अपनी जमीन को नहीं बेच पायेगा. किसानों और उपभोक्ताओं को शासन से मिलने वाले आर्थिक लाभ जैसे किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पायेगा.
शिवराज सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें : बिजली कंपनी वसूली को लेकर सख्त हो गई है. कंपनी की करोड़ों रुपये की बकाया राशि लंबे समय से अटकी हुई है. मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बकायादार किसानों पर कार्रवाई करना सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है. इस मुद्दे को कांग्रेस भुनाना चाहती है. विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है किसानों की जमीनों की बिक्री पर रोक लगाना ठीक नहीं है. खेतीबाड़ी में लागत बढ़ गई है. साथ ही प्रकृति की मार भी किसान को सहनी पड़ती है. उस अनुपात में किसान लाभ नहीं कमा पाता. बेहतर होगा कि किसानों को छूट दी जाए.