गुना। जिले की चाचौड़ा उप जेल में कैदी से अवैध वसूली कराने के मामले में मानव अधिकार आयोग और लोकायुक्त के निर्देश पर गुना जेलर राम लाल सेलाम ने जांच शुरू कर दी है. मामले में अब तक तीन लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
गुना जेलर के सामने अपने बयान दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता भूपेंद्र ने बताया कि दो साल से अधिक सजा काटने के दौरान उसने लगभग 40 लाख रुपए की अवैध वसूली कर जेलर मनीष पवार को दी है.
भूपेंद्र के अलावा उसकी पत्नी ने भी लोकायुक्त और मानव अधिकार आयोग को बताया कि साल 2017 में मिलने के दौरान जेलर मनीष पवार ने भूपेंद्र की पत्नी के साथ बदसलूकी की थी. जेल में अवैध वसूली के मामले की शिकायत के बाद जेल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि चाचौड़ा जेलर पर आरोप लगने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी उनके खिलाफ शिकायतें और आरोप लगते रहे हैं.
यह है पूरा मामला
जेल में बंद एक कैदी भूपेंद्र सिंह राजपूत ने रिहा होने के बाद चाचौड़ा जेलर मनीष पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें साल 2016 से 2019 तक जेलर मनीष कुमार ने उसे कैदियों से प्रतिमाह दस हजार वसूली का जिम्मा सौंपा था.
भूपेंद्र का आरोप है कि ऐसा करने के लिए जेलर द्वारा उस पर दबाव बनाया गया था. इसके लिए उसे एक मोबाइल भी दिया जाता था. भूपेंद्र की मानें तो यह मोबाइल उसने चाचौड़ा जेल में ही दफन कर दिया है. जिसके जरिए लोकायुक्त और अन्य जांच एजेंसियों को जांच में आसानी होगी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि जेल से रिहा होने के बाद उन कैदियों के परिजनों द्वारा उसे धमकाया जा रहा है. जिनसे उसने जेल में रहते हुए जेलर मनीष पवार के कहने पर अवैध वसूली की थी.