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धूमधाम से मनाई गई गुरुनानक जयंती, गुरुद्वारे पहुंच लोगों ने मत्था टेका

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Published : Nov 30, 2020, 9:02 PM IST

गुना में गुरुनानक देव की 551वां जयंती की धूम देखने को मिली. शहर गुरुवाणी और संकीर्तनों से गूंजा. इस मौके पर गुरुद्वारों पर रोशनी की गई.

Gurunanak Jayanti
गुरुनानक जयंती

गुना। सिख समाज ने सोमवार को देशभर में गुरुनानक देव की 551वां जयंती प्रकाशोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाई. गुना के पुराना बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा में भी गुरुसिंह सभा पर सुबह से ही अरदास सहित कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सार्वजनिक कार्यक्रम और जुलूस जैसे आयोजन नहीं किए गए. लेकिन प्रसादी का सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वितरण किया गया.

गुरुनानक जयंती

गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा गुना के सचिव हरवीर सिंह ने बताया कि गुरुनानक देव ने जीवन भर मानव कल्याण के लिए काम किया. उनके तीन सिद्धांतों को समाज ने आत्मसात किया है. कर्म करना, परम पिता परमात्मा को हमेशा याद करना और बांटकर खाने के सिद्धांतों पर चलते हुए समाज ने निरंतर गुरुनानक देव जी के जीवन चरित्र से प्रेरणा ली है.

उन्होंने बताया कि प्रकाश उत्सव पर्व की तैयारियां कई दिनों पहले से गुना में जारी थी. गुरुद्वारा भवन को सुंदर लाइटिंग से सजाया गया. सोमवार को प्रकाश पर्व की शुरुआत परिसर में साफ-सफाई के साथ हुई. सिख समाज में सेवाकर्म प्रमुख माना जाता है, इसलिए समाज के लोग स्वयं झाडू लेकर पूरे प्रांगण की सफाई करते हैं. इसके लिए उत्साह भी देखा जाता है. इसके बाद अरदास का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के हरेक तबके के लोग और बच्चे सभी शामिल हुए.

गुरुद्वारा में मत्था टेकने के लिए प्रकाश पर्व का विशेष महत्व है, इसलिए सिख समाज के अलावा कई समाज के लोग भी दिनभर यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं और गुरुनानक देव का स्मरण करते हैं.

गुना। सिख समाज ने सोमवार को देशभर में गुरुनानक देव की 551वां जयंती प्रकाशोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाई. गुना के पुराना बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा में भी गुरुसिंह सभा पर सुबह से ही अरदास सहित कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सार्वजनिक कार्यक्रम और जुलूस जैसे आयोजन नहीं किए गए. लेकिन प्रसादी का सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वितरण किया गया.

गुरुनानक जयंती

गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा गुना के सचिव हरवीर सिंह ने बताया कि गुरुनानक देव ने जीवन भर मानव कल्याण के लिए काम किया. उनके तीन सिद्धांतों को समाज ने आत्मसात किया है. कर्म करना, परम पिता परमात्मा को हमेशा याद करना और बांटकर खाने के सिद्धांतों पर चलते हुए समाज ने निरंतर गुरुनानक देव जी के जीवन चरित्र से प्रेरणा ली है.

उन्होंने बताया कि प्रकाश उत्सव पर्व की तैयारियां कई दिनों पहले से गुना में जारी थी. गुरुद्वारा भवन को सुंदर लाइटिंग से सजाया गया. सोमवार को प्रकाश पर्व की शुरुआत परिसर में साफ-सफाई के साथ हुई. सिख समाज में सेवाकर्म प्रमुख माना जाता है, इसलिए समाज के लोग स्वयं झाडू लेकर पूरे प्रांगण की सफाई करते हैं. इसके लिए उत्साह भी देखा जाता है. इसके बाद अरदास का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के हरेक तबके के लोग और बच्चे सभी शामिल हुए.

गुरुद्वारा में मत्था टेकने के लिए प्रकाश पर्व का विशेष महत्व है, इसलिए सिख समाज के अलावा कई समाज के लोग भी दिनभर यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं और गुरुनानक देव का स्मरण करते हैं.

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