गुना। सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई वायरल हो रहा है. रानू मंडल का नाम भला कौन भूला होगा ऐसे ही गुना के एक बुजुर्ग मजदूर का भजन खूब पसंद किया जा रहा है. भजन के वीडियो को लोग सोशल मीडिया पर शेयर भी कर रहे हैं. मजदूर 70 वर्षीय मजदूर का नाम नन्नूलाल कुशवाह है. रेलवे ब्रिज के नीचे रहकर गरीबी में जीवन यापन करने वाला मजदूर नन्नूलाल अपनी तंगी को लेकर आंसू नहीं बहाता और न ही किसी के सामने हाथ फैलाता है बल्कि नन्नूलाल अपने हालातों को जीवटता के साथ जीकर खुश रहता है.
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कबाड़ के बदले पेड़े: आपको जानकर हैरानी होगी कि नन्नूलाल कुशवाह भले ही गरीबी में जीवन जी रहा हो लेकिन वो दूसरों को लड्डू और पेड़े बांटता है. नन्नूलाल कुशवाह घर-घर जाकर कबाड़ खरीदता है और उसके बदले में लड्डू पेड़े बांटता है. नन्नूलाल ने अपनी उम्र को कभी आड़े नहीं आने दिया. आज भी नन्नूलाल साइकिल पर सवार होकर सुबह होते ही कबाड़ खरीदने निकल जाता है जो भी मिलता है उसे बेचकर अपना गुजारा करता है.
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नन्नूलाल ने गाने से बांधा समां: 'तोरा मन दर्पण कहलाए' भजन को सुनाते हुए जीवन को खुशहाली से जीने की कला सिखाता है. लोग नन्नूलाल कुशवाह के भजन के दीवाने हो गए हैं जिसका वीडियो खूब शेयर भी किया जा कहा है. नन्नूलाल ने बताया कि वो अक्सर भजन गाता है मजदूरी भी करता है. नन्नूलाल ने बताया कि तंगहाली का भूत यदि दिमाग पर सवार हो गया तो पूरा जीवन व्यर्थ हो जाता है. अमीरी गरीबी से जीवन का कुछ भी लेना देना नहीं है. जीवन में उतार चढ़ाव आते जाते रहते हैं. लेकिन इंसान को अपना वर्तमान जीना चाहिए.