गुना। लोक शिक्षण संचालनालय ने गुना में पदस्थ चार शिक्षक वचन सिंह रावत, रोहित मरैया, हर्षद तिवारी और विवेक सिंह धाकड़ के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. इस मामले में दो शिक्षक पहले ही बर्खास्त किये जा चुके हैं. कमिश्नर लोक शिक्षा ने बीते 7 अगस्त को गुना सहित 13 अन्य जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे. निर्देश में उन शिक्षकों की सूची भी संलग्न की गई थी, जिनके दिव्यांग प्रमाण पत्र नकली थे. बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 66 शिक्षकों के सर्टिफिकेट को लेकर ग्वालियर के सरकारी अस्पताल से जानकारी मांगी थी.
ये शिक्षक हुए बर्खास्त : ग्वालियर सरकारी अस्पताल प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया था कि उनके द्वारा कोई भी दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया. शिक्षक वचन सिंह रावत (प्राथमिक शिक्षक शासकीय हाईस्कूल कपासी), शिक्षक रोहित मरैया (प्राथमिक शिक्षक शासकीय स्कूल मूंदौल), हर्षद तिवारी (शासकीय प्राथमिक विद्यालय चिरोला आरोन), विवेक सिंह धाकड़(शासकीय प्राथमिक विद्यालय तिगरा अहमद आरोन) में पदस्थ हैं. दिव्यांगजन अधिनियम 2016 की धारा 91 के तहत फर्जी सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों को कम से कम 2 वर्ष की सजा हो सकती है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
ग्वालियर से बनवाए फर्जी दस्तावेज : इसके अलावा फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने के मामले में 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है. जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने बताया कि वरिष्ठ कार्यालय से आदेश प्राप्त हुए थे. आरोपी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है. एफआईआर के लिए संबंधित थाने को लिखा गया है. बता दें कि ग्वालियर से जारी फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त हो करके गुना जिले के स्कूलों में ये शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे थे. इनकी बर्खास्तगी से गुना जिले के शिक्षकों में हड़कंप मचा है.