गुना। 'शादी में रोजाना 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे. यह कालाधन कहां से आ रहा है. केजरीवाल बताएं.', ये हिसाब गुना की चाचौड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा की शादी में होने वाले खर्च को लेकर मांगा है. उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करते हुए सवाल किया. साथ ही कहा कि जिस होटल में उनकी शादी हो रही है, वो उस कमरे का किराया रोजाना 30 हजार से 40 हजार रुपए है. उनके पास इतना पैसा कहां से आया? साथ ही कहा कि उनकी शादी को अरविंद केजरीवाल भी अटैंड करेंगे. उन्हें जवाब देना चाहिए. बता दें, कांग्रेस और आप दोनों I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा हैं.
क्या हैं इस बयान के सियासी मायने?: दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का शोर है. ऐसे में आम आदमी पार्टी तीसरा प्रमुख विकल्प बनकर बीजेपी और कांग्रेस के बाद मैदान में है. हाल ही में बीजेपी की पूर्व विधायक ममता मीणा ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है. ममता मीणा चाचौड़ा से विधायक रह चुकी हैं और लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा से वर्तमान विधायक है.
राजनीतिक हलाकों में खबर है कि आप ममता मीणा को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार सकती है. ऐसे में कयास है कि त्रिकोणीय मुकाबला होने की स्थिति इस विधानसभा पर बन रही है. अब इसी को लेकर पहली बयानबाजी कांग्रेस नेता की तरफ से आप को लेकर आ गई है. जिसने आम आदमी पार्टी के नेता की शादी में होने वाले खर्च का हिसाब मांगकर शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा किया है.
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रमेश बिधूड़ी के बयान पर प्रभात झा क्या बोले?: इधर बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेपी के सीनियर नेता प्रभात झा का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि रमेश बिधूड़ी की भाषा शैली का समर्थ बीजेपी नहीं करती है. पार्लियामेंट में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी ने भी उनके इस बयान पर खेद प्रकट किया है.
प्रभात झा ने रमेश बिधूड़ी का बचाव करते हुए कहा - "जब आदमी फ्लो में होता है, तो वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता. इस दौरान हंसी आना भी स्वाभाविक होता है. रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन के भाव वैसे नहीं थे. प्रभात झा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और गांधी परिवार को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि सिंधिया ऐसे एकमात्र नेता हैं, जिनका राहुल गांधी के घर बिना अनुमति प्रवेश होता है. दोनों एक साथ पढ़े लिखे हैं. सेंट्रल हॉल में सिंधिया अचानक सोनिया गांधी से मिले तो एकसाथ बैठ गए. उस वक्त कोई संसदीय कार्रवाई नहीं चल रही थी. राजनीति में पार्टी अलग होती है. पारिवारिक संबंध अलग होते हैं. सिंधिया और गांधी परिवार के पारिवारिक संबंध हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में हैं और हमेशा बीजेपी में ही रहेंगे."