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पांच रुपए से भी सस्ती हो गई है जान, अस्पताल के बाहर पड़ा रहा युवक, इलाज नहीं मिलने से हुई मौत - गुना जिला अस्पताल

गुना जिला अस्पताल के बाहर रात भर पड़े रहने से एक मरीज की मौत हो गई. पत्नी के पास रसीद कटवाने के लिए 5 रुपए नहीं थे. इस वजह से उसके पति को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. पढ़िए पूरी खबर.

GUNA
गुना जिला अस्पताल
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Published : Jul 23, 2020, 4:36 PM IST

गुना। गुना जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक महिला का सुहाग उजड़ गया. समय पर इलाज नहीं मिलने से सुनील धाकड़ नाम के शख्स की मौत हो गई. तबीयत खराब होने के चलते आरती अपने पति सुनील को लेकर बुधवार शाम अस्पताल पहुंची, तो उसे भर्ती नहीं किया गया, क्योंकि उसके पास रसीद के पैसे नहीं थे. बताया जा रहा है कि, मरीज को भर्ती कराने के लिए अस्पताल में जाते ही 5 रुपए की रसीद कटानी पड़ती है, जिसके बाद ही इलाज मिलता है.

अस्पताल के बाहर रात भर पड़े रहने से एक मरीज की मौत

लिहाजा महिला अस्पताल के बाहर बैठकर परिजनों का इंतजार करने लगी. रात गुजरने से उसके पति की हालत और बिगड़ गई. जब महिला सुबह 7 बजे दोबारा रसीद कटवाने पहुंची, तो उसे 9 बजे काउंटर खुलने की बात कहकर वापस कर दिया गया. 8 बजे उसके पति ने दम तोड़ दिया और वो कुछ नहीं कर सकी.

9 बजे अस्पताल के कर्मचारी उसे आनन-फानन में अंदर ले गए, लेकिन तब तक सुनील की मौत हो चुकी थी. महिला ने आरोप लगाया है कि, रात में जब वो रसीद कटवाने पहुंची थी, तो उससे पैसों की मांग की गई. उसके पास रसीद के पैसे नहीं थे, जबकि मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी. सब बताने के बाद भी उसके पति को भर्ती नहीं किया गया. सुनील ने लव मैरिज किया था, उसका दो साल का बेटा भी है.

महिला ने आरोप लगाया कि, अगर सही समय पर इलाज मिला होता, तो उसके पति की जान बच सकती थी, लेकिन न किसी ने रसीद दी और न ही उसे डॉक्टर ने देखा. इस मामले में डॉक्टर जवाब देने से बच रहे हैं. मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

गुना। गुना जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक महिला का सुहाग उजड़ गया. समय पर इलाज नहीं मिलने से सुनील धाकड़ नाम के शख्स की मौत हो गई. तबीयत खराब होने के चलते आरती अपने पति सुनील को लेकर बुधवार शाम अस्पताल पहुंची, तो उसे भर्ती नहीं किया गया, क्योंकि उसके पास रसीद के पैसे नहीं थे. बताया जा रहा है कि, मरीज को भर्ती कराने के लिए अस्पताल में जाते ही 5 रुपए की रसीद कटानी पड़ती है, जिसके बाद ही इलाज मिलता है.

अस्पताल के बाहर रात भर पड़े रहने से एक मरीज की मौत

लिहाजा महिला अस्पताल के बाहर बैठकर परिजनों का इंतजार करने लगी. रात गुजरने से उसके पति की हालत और बिगड़ गई. जब महिला सुबह 7 बजे दोबारा रसीद कटवाने पहुंची, तो उसे 9 बजे काउंटर खुलने की बात कहकर वापस कर दिया गया. 8 बजे उसके पति ने दम तोड़ दिया और वो कुछ नहीं कर सकी.

9 बजे अस्पताल के कर्मचारी उसे आनन-फानन में अंदर ले गए, लेकिन तब तक सुनील की मौत हो चुकी थी. महिला ने आरोप लगाया है कि, रात में जब वो रसीद कटवाने पहुंची थी, तो उससे पैसों की मांग की गई. उसके पास रसीद के पैसे नहीं थे, जबकि मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी. सब बताने के बाद भी उसके पति को भर्ती नहीं किया गया. सुनील ने लव मैरिज किया था, उसका दो साल का बेटा भी है.

महिला ने आरोप लगाया कि, अगर सही समय पर इलाज मिला होता, तो उसके पति की जान बच सकती थी, लेकिन न किसी ने रसीद दी और न ही उसे डॉक्टर ने देखा. इस मामले में डॉक्टर जवाब देने से बच रहे हैं. मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

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