गुना। पिछले दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मध्यप्रदेश के 16 मजदूरों की ट्रेन दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है, वहीं गुना में भी मजदूरों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. साथ ही सरकार ने अभी हाल ही में मजदूरों को 12 घंटे काम करवाने का निर्णय लिया है जो श्रम कानूनों के खिलाफ है.
मप्र सरकार ने किए गए श्रम कानूनों के संशोधन के खिलाफ एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष नरेंद्र भदोरिया ने मांग की है कि इसे वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं, तब राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों का कारखानों में भारी उद्योगों में समायोजन किया जाए, वहीं काम के लिए घंटे भी कम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को कारखाने में श्रमिक के तौर पर लेना चाहिए ताकि उनका घर चल सके.
इस मौके पर ट्रेड यूनियन नेता राजेंद्र तिवारी ने कहा की बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार की नाकामी देखने को मिल रही है. वहीं लोकेश शर्मा ने कहा सरकार ने मजदूरों के पालायन के वक्त भी कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई है. मजदूर एक उम्मीद के साथ दिल्ली, सूरत, महाराष्ट्र सहित पूरे देश के कोने कोने में अपने गांव से उम्मीद के साथ गया था, लेकिन इन सभी मजदूरों के साथ-साथ हमारे देश की सरकारों ने भी उनके खिलाफ जिम्मेदारी नहीं निभाई है.
वहीं इस दौरान औरंगाबाद में ट्रेन दुर्घटना में मारे गए मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई, बैठक में नरेंद्र भदौरिया समेत कई लोग शामिल हुए.