डिंडौरी। धान खरीदी केंद्रों में उठाव की धीमी रफ्तार के चलते बीते सप्ताह धान बारिश में भीग गई. वहीं रखरखाव में लापरवाही भी देखने को मिली थी. जिसको लेकर ईटीवी भारत ने धान उठाव और रखरखाव में लापरवाही को लेकर लगातार खबरें प्रमुखता से दिखा रहा है. जिसमें एक नया मामला निगवानी स्थित गोदाम का सामने आया है, जहां धान की ढुलाई करने वाले पल्लेदारों को प्रति क्विंटल दी जाने वाली राशि में ठेकेदार कटौती कर रहा है. जिसकी शिकायत नहीं होने पर किसी तरह की कार्रवाई विभाग ने ठेकेदार पर नहीं की है.
बीते दिनों ईटीवी भारत की खबर पर जिला आपूर्ति अधिकारी डिंडौरी ने नागरिक आपूर्ति निगम सहित धान खरीदी केंद्र प्रभारियों को नोटिस जारी की थी. वहीं जिला कलेक्टर ने नान विभाग को लापरवाही बरतने पर फटकार भी लगाई थी और 10 फरवरी तक धान के उठाव की डेड लाइन जारी की थी. नान विभाग के अधिकारी ने बताया कि आगामी 24 तारीख तक धान का 6 हजार मेट्रिक टन बाकी का उठाव खरीदी केंद्रों से पूरा कर लिया जायेगा. अब तक 3 लाख 24 हजार 224 मेट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है. 31 धान खरीदी केंद्र में 12 केंद्रों से उठाव पूरा कर लिया गया है, वहीं बाकी के 19 केंद्रों से आगामी 24 फरवरी तक 6 हजार मेट्रिक टन धान का उठाव कर लिया जाएगा.
नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी की माने तो परिवहन ठेकेदार को 7 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पल्लेदारों को भुगतान करना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है. पल्लेदार की माने तो उन्हें प्रति बोरी 2 रुपये 50 पैसे की दर से दिया जा रहा है, जो बहुत कम है. उन्होंने कहा दिनभर में सैकड़ों पल्लेदार धान की ढुलाई में दिनभर पसीना बहाते है. जिसमें1 बोरी में धान का वजन 40 किलो होता है और ढाई बोरी धान का वजन मिलाकर 1 क्विंटल, ऐसे में पल्लेदारों को प्रति क्विंटल 6 रुपये 25 पैसे ही दिया जा रहा है.