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ये स्कूल सब के लिए बना रोल मॉडल, शिक्षक ने मेहनत कर बदली स्कूल की सूरत

डिंडौरी जिला का एक स्कूल सब के लिए रोल मॉडल है. जिसमें शिक्षक मधुदीप उपाध्याय ने मेहनत से स्कूल और गांव की स्थिति को बदल दिया है.

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Published : Sep 1, 2019, 7:37 AM IST

शिक्षक ने कड़ी मेहनत कर बदली स्कूल की सूरत


डिंडौरी। गुरु वह होता है जो खुद अपनी मंजिल पर चलता है और अपने शिष्यों को चलाने की कोशिश करता है. ऐसा ही खास काम कर दिखाया है आदिवासी बहुल क्षेत्र के एक गुरु ने, जिन्होंने अथक प्रयासों से स्कूल की तस्वीर और बच्चों तकदीर बदलने का बीडा उठाया है. स्कूल की बदहाली के साथ-साथ इस शिक्षक ने गांव के बच्चों और ग्रामीणों के जीवन स्तर को भी बदलने की ओर से काम किया है.

शिक्षक ने कड़ी मेहनत कर बदली स्कूल की सूरत
जिले का शासकीय माध्यमिक स्कूल सांरगगढ़ और उसके शिक्षक मधुदीप उपाध्याय इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं. जिनकी कोशिश ने गांव की दशा बदल दी है. स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को रहन- सहन का तरीका, स्वच्छता, शौचालयों का उपयोग करना,खाने से पहले हाथ धुलना, बाल,नाखून ,ड्रेस की साफ सफाई करना सिखाया जाता है.स्कूल में ग्रामीणों के सहयोग से पानी बचाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, मध्याह्न भोजन के लिए धुंआ रहित गैस सिलेंडर आदि की व्यवस्तथा की गई है. स्कूल में बाल केबिनेट है जहां प्रधानमंत्री से लेकर पूरा मंत्रिमंडल का निर्माण किया गया है. जो शौचालय को साफ करने से लेकर अपने अपने दायित्वों को बखूबी निभाते हैं. शिक्षक खुद बच्चों के साथ शौचालय करने जुट जाते है.शिक्षक मधुदीप उपाध्याय और उनके स्टाफ के द्वारा बीते 5 सालों के कठिन परिश्रम और मेहनत से स्कूल को रोल मॉडल के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है अब ग्रामीणों ने प्रशासन से शिक्षक सम्मानित करने की मांग की है.जिसे अधिकारियों ने कलेक्टर ने प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेज दिया है.


डिंडौरी। गुरु वह होता है जो खुद अपनी मंजिल पर चलता है और अपने शिष्यों को चलाने की कोशिश करता है. ऐसा ही खास काम कर दिखाया है आदिवासी बहुल क्षेत्र के एक गुरु ने, जिन्होंने अथक प्रयासों से स्कूल की तस्वीर और बच्चों तकदीर बदलने का बीडा उठाया है. स्कूल की बदहाली के साथ-साथ इस शिक्षक ने गांव के बच्चों और ग्रामीणों के जीवन स्तर को भी बदलने की ओर से काम किया है.

शिक्षक ने कड़ी मेहनत कर बदली स्कूल की सूरत
जिले का शासकीय माध्यमिक स्कूल सांरगगढ़ और उसके शिक्षक मधुदीप उपाध्याय इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं. जिनकी कोशिश ने गांव की दशा बदल दी है. स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को रहन- सहन का तरीका, स्वच्छता, शौचालयों का उपयोग करना,खाने से पहले हाथ धुलना, बाल,नाखून ,ड्रेस की साफ सफाई करना सिखाया जाता है.स्कूल में ग्रामीणों के सहयोग से पानी बचाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, मध्याह्न भोजन के लिए धुंआ रहित गैस सिलेंडर आदि की व्यवस्तथा की गई है. स्कूल में बाल केबिनेट है जहां प्रधानमंत्री से लेकर पूरा मंत्रिमंडल का निर्माण किया गया है. जो शौचालय को साफ करने से लेकर अपने अपने दायित्वों को बखूबी निभाते हैं. शिक्षक खुद बच्चों के साथ शौचालय करने जुट जाते है.शिक्षक मधुदीप उपाध्याय और उनके स्टाफ के द्वारा बीते 5 सालों के कठिन परिश्रम और मेहनत से स्कूल को रोल मॉडल के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है अब ग्रामीणों ने प्रशासन से शिक्षक सम्मानित करने की मांग की है.जिसे अधिकारियों ने कलेक्टर ने प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेज दिया है.
Intro:एंकर _ एक गुरु का ज्ञान ही होता है जो अपने आसपास के अंधकार को दूर करता है।ऐसा ही कुछ खास कर दिखाया है आदिवासी जिले के एक गुरु ने , जिनके प्रयासों ने न सिर्फ सालों से बदहाल स्कूल की दशा बदली बल्कि स्कूल में शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ साथ स्वच्छ्ता की दिशा पर भी बड़ा बदलाव किया हैं। अब इस सरकारी स्कूल की चर्चा पूरे डिंडौरी जिले में हो रही है । वही स्कूल के शिक्षक की माने तो गाँव की कुरीति और पुराने तौर तरीकों को देख उनके अंदर यह बदलाव लाने की प्रेरणा दी।जिसमें स्कूल के स्टाफ और ग्रामीणों का बहुमूल्य सहयोग मिला।अब ग्रामीण इस शिक्षक को शिक्षक दिवस के दिन सम्मानित करने की मांग जिला प्रशासन से कर रहे है।




Body:वि ओ 01 हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले की,जहाँ के अमरपुर विकासखंड अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला सारंगगढ में साफ सफाई,स्वच्छता, सुरक्षा और शैक्षणिक गुणवत्ता ने लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया है और यह सब कर दिखाया यहाँ के शिक्षक मधुदीप उपाध्याय ने। मधुदीप उपाध्याय वर्ष 2014 में सारंगगढ़ स्कूल में पदस्थ हुए थे उस समय स्कूल और गाँव के हालात बहुत खराब थे। गाँव मे कुरीतियों हावी थी लोग शराब के आदि थे,गाँव मे सभी बाहर सौच जाते थे साफ सफाई का कोई नामोनिशान न था।तभी से मधुदीप उपाध्याय ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर वर्ष 2015 से स्कूल की साफ सफाई,स्वच्छ्ता पर ध्यान दिया।जिसमें गाँव की महिलाओं ने विशेष सहयोग किया।अब इस स्कूल में बाल केबिनेट है जहाँ प्रधानमंत्री से लेकर पूरा मंत्रिमंडल का निर्माण किया गया।जो अपने अपने दायित्वों को बखूबी निभा रहे है।

बच्चों के साथ शिक्षक करते है शौचालय साफ_ मधुदीप उपाध्याय ने सबसे पहले स्कूल की व्यवस्था सुधारने के लिए दो अलग अलग शौचालय बनवाये,जिसमें टंकियां, वाश वेश से लेकर बाथरूम की सफाई की चीजें रखी, स्वयं शौचालय की सफाई बच्चों के साथ शुरू की,बच्चो में नियमित शौच के बाद,भोजन के पहले साबुन से हाथ धोना सिखाया।वही शिक्षक द्वारा स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के बाल,नाखून ,ड्रेस की साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।खेल गतिविधियां में नियमित संचालित की जाती है ताकी बच्चें स्वस्थ्य रहे।

स्कूल में छात्र छात्राओं की सुरक्षा के लिए मधुदीप उपाध्याय ने दो अलग अलग कचरे के डब्बे रखें, अग्निशमन यंत्र रखा, वही मध्यानभोजन संचालन के लिए धुंआ रहित गैस सिलेंडर रखा जिससे आसानी से रोजाना मेनू के आधार पर भोजन तैयार किया जाता है।भोजन भी एक साथ बच्चों के साथ एक शिक्षक पालती मारकर बैठ कर मंत्र उच्चारण के बाद करते हैं। स्कूल में पानी की कमी न हो इसके लिए हैंडपम्प में ग्रामीणों की मदद से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया।

शिक्षक मधुदीप उपाध्याय और उनके स्टाफ के द्वारा बीते 5 सालों के कठिन परिश्रम और मेहनत ने आज अमरपुर विकासखंड के सारंगगढ़ स्कूल को जिले में एक रोल मॉडल के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है अब ग्रामीण लियाकत अली ने इस नेक कार्य के लिये शिक्षक मधुदीप उपाध्याय को शिक्षक दिवस के लिए सम्मानित करने की मांग जिला प्रशासन से कर रहे है।

वही विकासखंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार चिचाम ने ईटीवी भारत को बताया कि शिक्षक मधुदीप उपाध्याय के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए अभिनव कार्य के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर जिला अधिकारी को भेजा गया हैं।


Conclusion:बाइट 01 नमेश धुर्वे,छात्र 8वी क्लास
बाइट 02 मधुदीप उपाध्याय,शिक्षक
बाइट 03 लियाकत अली,ग्रामीण
बाइट 04 वीरेंद्र कुमार चिचाम,विकासखंड शिक्षा अधिकारी अमरपुर
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