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मंत्री मरकाम के गृह जिले में जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे विद्यार्थी, स्कूल भवन की तरफ ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन

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Published : Nov 7, 2019, 8:43 PM IST

आदिवासी जिला डिंडौरी प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. लेकिन यहां के आनाखेड़ी प्रायमरी स्कूल का भवन बेहद जर्जर अवस्था में है. जिसके चलते विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर छात्र-छात्राएं

डिंडौरी। प्रदेश की सरकार छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए भले ही लगातार कई प्रयास कर रही हो. लेकिन जिन स्कूलों में इन छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है, वे कितने मजबूत है इसकी एक बानगी डिंडौरी जिले के आनाखेड़ा गांव के स्कूल में मिली जहां जर्जर भवन के नीचे गांव के नैनिहाल पढ़ने को मजबूर है.

जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर छात्र-छात्राएं

डिंडौरी जिला प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. अब जिस जिले का प्रतिनिधित्व खुद मंत्री करते हो वहां के स्कूलों की भी अगर यह हालत होगी तो प्रदेश के अन्य स्कूलों का क्या हाल होगा. देखने में आया है कि कांग्रेस की नई सरकार बजट की कमी से जूझ रही है, जिसका खामियाजा शिक्षा व्यवस्था में भी देखने को मिल रहा है.

स्कूल की छात्राएं सरकार से नए भवन की मांग कर रही है. मामले में जब स्कूल के प्रधानध्यापक सुमारू लाल मरावी से बात की तो उनका कहना है कि बीते चार-पांच सालों से स्कूल की स्थितीय बेहद दयनीय है. गांव के सरपंच और जनशिक्षक तक से शिकायत की जा चुकी है. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हालात ये है कि बच्चों को बारिश के दिनों में किसी तरह से बचा कर पढ़ाया जाता है.

मामले में जब जिला पंचायत सीईओ एम एल वर्मा से बात की गई, तो उनका कहना था मामला वाकई गंभीर है. स्कूल भवन को देखकर लगता है कि यहां कभी भी दुर्घटना घट सकती है. कमरों की मरम्मत तो मुमकिन नहीं है, लेकिन मांग की जाती है, तो अन्य किसी मद से अतिरिक्त कक्ष बनवाया जाएगा.

डिंडौरी। प्रदेश की सरकार छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए भले ही लगातार कई प्रयास कर रही हो. लेकिन जिन स्कूलों में इन छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है, वे कितने मजबूत है इसकी एक बानगी डिंडौरी जिले के आनाखेड़ा गांव के स्कूल में मिली जहां जर्जर भवन के नीचे गांव के नैनिहाल पढ़ने को मजबूर है.

जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर छात्र-छात्राएं

डिंडौरी जिला प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. अब जिस जिले का प्रतिनिधित्व खुद मंत्री करते हो वहां के स्कूलों की भी अगर यह हालत होगी तो प्रदेश के अन्य स्कूलों का क्या हाल होगा. देखने में आया है कि कांग्रेस की नई सरकार बजट की कमी से जूझ रही है, जिसका खामियाजा शिक्षा व्यवस्था में भी देखने को मिल रहा है.

स्कूल की छात्राएं सरकार से नए भवन की मांग कर रही है. मामले में जब स्कूल के प्रधानध्यापक सुमारू लाल मरावी से बात की तो उनका कहना है कि बीते चार-पांच सालों से स्कूल की स्थितीय बेहद दयनीय है. गांव के सरपंच और जनशिक्षक तक से शिकायत की जा चुकी है. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हालात ये है कि बच्चों को बारिश के दिनों में किसी तरह से बचा कर पढ़ाया जाता है.

मामले में जब जिला पंचायत सीईओ एम एल वर्मा से बात की गई, तो उनका कहना था मामला वाकई गंभीर है. स्कूल भवन को देखकर लगता है कि यहां कभी भी दुर्घटना घट सकती है. कमरों की मरम्मत तो मुमकिन नहीं है, लेकिन मांग की जाती है, तो अन्य किसी मद से अतिरिक्त कक्ष बनवाया जाएगा.

Intro:एंकर _ प्रदेश की सरकार छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है।लेकिन जिन स्कूलों में इन छात्र छात्राओं को शिक्षा दी जा रही है वे कितने मजबूत है इसकी बानगी देखने को मिली डिंडौरी जिले के आनाखेड़ा प्रायमरी स्कूल में । जहाँ जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर है गाँव के नोनिहाल। अगर बात स्कूल के कमरे की करे या बरामदे की दोनो की छत उधड़ कर नीचे गिर रही है।जिसकी चपेट में कभी भी छात्र छात्राएं आ सकते है।वही स्कूल के प्राध्यापक के द्वारा कई बार इसकी शिकायत अपने वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन अब तक सुधार के लिये किसी तरह की कार्यवाही नही की है । वही मामले में जिला पंचायत सीईओ ने अन्य बजट से स्कूल भवन सुधार की बात कह रहे है।


Body:वि ओ 01 यू तो आदिवासी जिला डिंडौरी प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का ग्रह जिला है।जहाँ से मंत्री प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते है।वही देखने मे आया है कि कांग्रेस की नई सरकार बजट की कमी से जूझ रही है जिसका खामियाजा शिक्षा व्यवस्था में भी देखने को मिल रहा है।

स्कूल की छात्राएं सरकार से नए भवन की मांग कर रही है।तो वही मामले में जब स्कूल के प्रधानध्यापक सुमारू लाल मरावी से बात की तो उनका कहना है कि बीते 4 से 5 सालो से स्कूल की स्थितीय बेहद दयनीय है जिसको लेकर गांव के सरपंच से लेकर जनशिक्षक तक से शिकायत की जा चुकी है लेकिन बावजूद इसके अब तक कोई कार्यवाही नही की गई है।हालात यह है कि बच्चो को बारिश के दिनों में किसी तरह से बचा कर पढ़ाया जाता है ।

जब इस मसले को लेकर जिला पंचायत सीईओ एम एल वर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि वाकई मामला गंभीर है और देखकर लगता है कि कभी भी दुर्घटना घट सकती है।कमरों की मरम्मत तो मुमकिन नही है पर मांग अगर की जाती है तो अन्य किसी मद से अतिरिक्त कक्ष बनवाया जाएगा।


Conclusion:बाइट 01 ज्योति टांडिया,छात्रा 3 क्लॉस
बाइट 02 सुमारू लाल मरावी,वर्ग 3 शिक्षक
बाइट 03 एम एल वर्मा,सीईओ जिला पंचायत डिंडौरी
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