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साइंस के छात्र शिवम ने इंटरनेट की मदद से बनाया रडार बेस्ड डिवाइस, जानें इसकी खासियत

डिंडौरी के करौंदी गांव में रहने वाले शिवम ने जुगाड़ के संसाधन जुटाकर रडार बेस्ड डिवाइस बनाया है. इस डिवाइस की खासियत है कि 40 सेंटीमीटर की दूरी पर कोई भी व्यावधान आने पर ये ऑटोमैटिक काम करने लगता है. 12वीं के छात्र शिवम ने रडार के अलावा मिनी रोबोट, वाइस कंट्रोलिंग डिवाइस सहित तरह-तरह के उपकरण इंटरनेट की मदद से बनाये हैं.

Science student Shivam
साइंस के छात्र शिवम
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Published : Apr 21, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 7:01 PM IST

डिंडौरी। चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए बड़ा सिर दर्द बना हुआ है. जिसकी वजह से कई देश लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन की वजह लोग अपने घरों में ही कैद हैं. वहीं लॉकडाउन के दिनों में डिंडौरी के करौंदी गांव के 12वीं के छात्र शिवम ने जुगाड़ के संसाधनों से रडार बेस्ड डिवाइस बनाई है. शिवम के मुताबिक इस डिवाइस की खासियत ये है कि 40 सेंटीमीटर की दूरी पर कोई भी व्यवाधान आने पर ये ऑटोमेटिक काम करने लगता है.

साइंस के छात्र शिवम

छात्र शिवम ने बताया कि वह एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह उसे पूरा नहीं कर पाया क्योंकि ऑनलाइन सामान की सर्विस बंद है. जिसके बाद उसने जुगाड़ के सामान और लैपटॉप की मदद से रडार बनाया. करौदी गांव निवासी शिवम अपने पहले प्रोजेक्ट के तौर पर रियूज के सामान से रोबोट बनाया है. इसके अलावा भी शिवम कई प्रोजेक्ट बना चुके हैं. शिवम अपने लैपटॉप और इंटरनेट की मदद से प्रोजेक्ट बनाते रहते हैं और लैपटॉप पर साइंस की स्टडी करते रहते हैं. जब भी घर में फ्री रहते हैं तो वह इंटरनेट की मदद से सीखते रहते हैं.

Programing में रुचि रखने वाले शिवम ने कई प्रोजक्ट पर काम किया है. उनका पहला Programing Project Robot था. जो शिवम की वॉइस से चलता था. डिंडौरी के शिवम ने बताया कि वो साइंटिस्ट बनना चाहता है, जब भी फ्री होता है तो वह अपनी छुट्टियों का प्रयोग करता है. वह इंटरनेट का पूरा-पूरा प्रयोग अपने प्रोजेक्ट को बनाने में यूज करता है. जब शिवम से पूछा गया कि वह प्रोजेक्ट बनाने में कितने घण्टे मेहनत करते हैं. जिस पर छात्र शिवम ने कहा कि वो प्रोजेक्ट पर डिपेंड करता है कि प्रोजेक्ट कैसा है.

साइंस के छात्र शिवम के मुताबिक यदि वह छोटा प्रोजेक्ट बना रहे हैं तो उसमें दो से तीन घंटे का वक्त लगता है, इसकी वजह बताते हुए शिवम ने कहा कि वह अभी सीख रहे हैं. और यदि बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो उसमें एक सप्ताह तक लग जाता है. प्रोजेक्ट बनाने वाले शिवम ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को ज्ञान बढ़ाना चाहिए. उन्होंने इस बाद पर जोर देते हुए कहा कि लोग इंटरनेट की मदद से कुछ भी सीख सकते हैं और दूसरों की भी मदद कर सकते हैं. शिवम ने लोगों को मैसेज देते हुए कहा कि जिनको जो भी सीखना है वह सीख सकते हैं. सीखने के लिए इंटरनेट का सहयोग लीजिए उसका दुरुपयोग मत कीजिए.

डिंडौरी। चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए बड़ा सिर दर्द बना हुआ है. जिसकी वजह से कई देश लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन की वजह लोग अपने घरों में ही कैद हैं. वहीं लॉकडाउन के दिनों में डिंडौरी के करौंदी गांव के 12वीं के छात्र शिवम ने जुगाड़ के संसाधनों से रडार बेस्ड डिवाइस बनाई है. शिवम के मुताबिक इस डिवाइस की खासियत ये है कि 40 सेंटीमीटर की दूरी पर कोई भी व्यवाधान आने पर ये ऑटोमेटिक काम करने लगता है.

साइंस के छात्र शिवम

छात्र शिवम ने बताया कि वह एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह उसे पूरा नहीं कर पाया क्योंकि ऑनलाइन सामान की सर्विस बंद है. जिसके बाद उसने जुगाड़ के सामान और लैपटॉप की मदद से रडार बनाया. करौदी गांव निवासी शिवम अपने पहले प्रोजेक्ट के तौर पर रियूज के सामान से रोबोट बनाया है. इसके अलावा भी शिवम कई प्रोजेक्ट बना चुके हैं. शिवम अपने लैपटॉप और इंटरनेट की मदद से प्रोजेक्ट बनाते रहते हैं और लैपटॉप पर साइंस की स्टडी करते रहते हैं. जब भी घर में फ्री रहते हैं तो वह इंटरनेट की मदद से सीखते रहते हैं.

Programing में रुचि रखने वाले शिवम ने कई प्रोजक्ट पर काम किया है. उनका पहला Programing Project Robot था. जो शिवम की वॉइस से चलता था. डिंडौरी के शिवम ने बताया कि वो साइंटिस्ट बनना चाहता है, जब भी फ्री होता है तो वह अपनी छुट्टियों का प्रयोग करता है. वह इंटरनेट का पूरा-पूरा प्रयोग अपने प्रोजेक्ट को बनाने में यूज करता है. जब शिवम से पूछा गया कि वह प्रोजेक्ट बनाने में कितने घण्टे मेहनत करते हैं. जिस पर छात्र शिवम ने कहा कि वो प्रोजेक्ट पर डिपेंड करता है कि प्रोजेक्ट कैसा है.

साइंस के छात्र शिवम के मुताबिक यदि वह छोटा प्रोजेक्ट बना रहे हैं तो उसमें दो से तीन घंटे का वक्त लगता है, इसकी वजह बताते हुए शिवम ने कहा कि वह अभी सीख रहे हैं. और यदि बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो उसमें एक सप्ताह तक लग जाता है. प्रोजेक्ट बनाने वाले शिवम ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि युवाओं को ज्ञान बढ़ाना चाहिए. उन्होंने इस बाद पर जोर देते हुए कहा कि लोग इंटरनेट की मदद से कुछ भी सीख सकते हैं और दूसरों की भी मदद कर सकते हैं. शिवम ने लोगों को मैसेज देते हुए कहा कि जिनको जो भी सीखना है वह सीख सकते हैं. सीखने के लिए इंटरनेट का सहयोग लीजिए उसका दुरुपयोग मत कीजिए.

Last Updated : Apr 21, 2020, 7:01 PM IST
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