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समता सखी माहवारी के लिए महिलाओं को करेगी जागरुक, उपलब्ध कराएंगी सस्ते पेड - जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम

डिंडौरी में आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें समता सखी टीम महिलाओं को पेड के उपयोग से फायदा और कपड़ो के उपयोग से नुकसान के बारे में जानकारी देंगी. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माहवारी के प्रति जागरूक करना है.

आजीविका मिशन के तहत कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Nov 9, 2019, 11:56 AM IST

डिंडौरी। शहर में स्थित एकलव्य विद्यालय में प्रशासन ने स्वच्छता से स्वास्थ्य और आजीविका का कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में प्रदेश के जनजातीय कार्यमंत्री ओमकार सिंह मरकाम मौजूद रहे. आजीविका मिशन ने 10 युवतियों की प्रशिक्षित टीम तैयार की है, जो हर विकासखंड में उपलब्ध होकर महिलाओं और बच्चियों को माहवरी के प्रति जागरूक करेगा.

माहवारी के लिए महिलाओं को करेगी जागरुक

कार्यक्रम के जरिए बताया गया है कि जिले की महिलाओं को बेहतर गुणवत्ता वाले पेड 25 रुपये में भी देगा. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में 12 साल की छात्रएं मौजूद होंगी. जबकि आदिवासी अंचल में माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करने से महिलाओं को अनेक प्रकार की बीमारिया होती है. इसलिए एक ऐसी प्रशिक्षित टीम तैयार की गई, जो गांव-गांव में जाकर माहवारी के समय होने वाली परेशानियों से महिलाओं को अवगत कराएगी और उन्हें बचाने का काम भी किया जाएगा. इससे ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और युवतियों में ना सिर्फ जागरूकता आयेगी बल्कि स्वच्छ्ता की ओर बढ़ेगा.

महिलाओं की बढ़ेगी आय
आजीविका परियोजना में काम करने वाली महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी होगी. बाजार में कंपनी द्वारा बिकने वाले सेनेटरी पेडस जो 35 से 50 तक में आते हैं, उससे कम में आजीविका परियोजना की समता सखी 25 रुपये में मिला जायेगी. ग्रामीण इलाकों की महिलाएं गरीबी के चलते कपड़ों का इस्तेमाल करती थी. गंभीर बीमारियों की वजह से खुजली, बच्चादानी में कैंसर, खून की कमी, बार- बार माहवारी आने जैसे रोग हो जाते है. जिनसे बचने के उपाए महिलाओं को बताए जाएगे.

डिंडौरी। शहर में स्थित एकलव्य विद्यालय में प्रशासन ने स्वच्छता से स्वास्थ्य और आजीविका का कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम में प्रदेश के जनजातीय कार्यमंत्री ओमकार सिंह मरकाम मौजूद रहे. आजीविका मिशन ने 10 युवतियों की प्रशिक्षित टीम तैयार की है, जो हर विकासखंड में उपलब्ध होकर महिलाओं और बच्चियों को माहवरी के प्रति जागरूक करेगा.

माहवारी के लिए महिलाओं को करेगी जागरुक

कार्यक्रम के जरिए बताया गया है कि जिले की महिलाओं को बेहतर गुणवत्ता वाले पेड 25 रुपये में भी देगा. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में 12 साल की छात्रएं मौजूद होंगी. जबकि आदिवासी अंचल में माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करने से महिलाओं को अनेक प्रकार की बीमारिया होती है. इसलिए एक ऐसी प्रशिक्षित टीम तैयार की गई, जो गांव-गांव में जाकर माहवारी के समय होने वाली परेशानियों से महिलाओं को अवगत कराएगी और उन्हें बचाने का काम भी किया जाएगा. इससे ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और युवतियों में ना सिर्फ जागरूकता आयेगी बल्कि स्वच्छ्ता की ओर बढ़ेगा.

महिलाओं की बढ़ेगी आय
आजीविका परियोजना में काम करने वाली महिलाओं की आय में भी बढ़ोतरी होगी. बाजार में कंपनी द्वारा बिकने वाले सेनेटरी पेडस जो 35 से 50 तक में आते हैं, उससे कम में आजीविका परियोजना की समता सखी 25 रुपये में मिला जायेगी. ग्रामीण इलाकों की महिलाएं गरीबी के चलते कपड़ों का इस्तेमाल करती थी. गंभीर बीमारियों की वजह से खुजली, बच्चादानी में कैंसर, खून की कमी, बार- बार माहवारी आने जैसे रोग हो जाते है. जिनसे बचने के उपाए महिलाओं को बताए जाएगे.

Intro:एंकर _आदिवासी जिला डिंडौरी में महिलाओं और युवतियों में मासिक माहवारी के दौरान किस तरह से सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए, इसको लेकर जिला प्रशासन के प्रयास से एक अभिनव प्रयोग किया गया है। जिले की आजीविका मिशन की टीम ने 10 युवतियों की ऐसी प्रशिक्षित टीम तैयार की है जो जिले के हर विकासखंड में उपलब्ध रहकर महिलाओ और बच्चियों को माहवारी के प्रति न सिर्फ जागरूक करेंगी बल्कि उन्हें सस्ते दामो में बेहतर गुणवत्ता वाली पेड 25 रुपये में बेचेंगी।जिसकी शुरुआत एकलव्य विद्यालय से कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की और इस पहल की सराहना करते हुए इसे अभिनव प्रयोग बताया।


Body:वि ओ 01 डिंडौरी के एकलव्य विद्यालय में जिला प्रशासन के द्वारा स्वच्छ्ता से स्वास्थ्य और आजीविका का कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम मौजूद रहे।इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में 12 वर्ष की उम्र से ज्यादा की छात्राओं की मौजूदगी रही । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहरी सहित ग्रामीण इलाकों की महिलाओ और युवतियों को माहवारी के प्रति जागरूक करना था।

प्रशिक्षित महिलाए करेंगी जागरूक _ आदिवासी अंचल में माहवारी के दोरान कपड़े का इस्तेमाल कर अज्ञानता और गरीबी के चलते महिलाए अनेक प्रकार की बीमारियों से जूझती है ।महिलाओ में मासिक धर्म के प्रति जिला आजीविका परियोजना के द्वारा एक ऐसी प्रशिक्षित टीम तैयार की गई जो स्कूटी में सवार होकर गाँव गाँव ,स्कूल स्कूल जाकर माहवारी के दौरान होने वाली परेशानियों और उस दौरान पेड़ के इस्तेमाल से लाभ की जानकारी देंगी।जिससे ग्रामीण इलाकों की महिलाओ और युवतियों में न सिर्फ जागरूकता आयेगी बल्कि क्षेत्र स्वच्छ्ता की ओर बढ़ेगा और इससे महिलाओ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा ।

महिलाओ की बढ़ेगी आय_ जिला प्रशासन के इस अभिनव प्रयोग से आजीविका परियोजना में काम करने वाली इन महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी । बाजार में तरह तरह की कंपनी के जो सेनेटरी नेपकिन 35 से 50 तक मे तक में बिकते है उससे कम कीमत में यह सेनेटरी नेपकिन आजीविका परियोजना की समता सखी से महज 25 रुपयों में अधिक मिल सकेंगी।

बीमारियों से कराएंगी अवगत _ ग्रामीण इलाकों की महिलाए और युवतियां शर्म,अज्ञानता और गरीबी के चलते सेनेटरी नेपकिन नही खरीद पाती है और इनका इस्तेमाल न कर कपड़ों का इस्तेमाल कर गंभीर बीमारियों से घिर जाती है।जिसके चलते उन्हें खुजली,बच्चादानी में कैंसर,खून की कमी,बार बार माहवारी आना जैसे रोग हो जाते है।आजीविका मिशन की समता सखी टीम ऐसी महिलाओ और युवतियों की मीटिंग लेकर उन्हें पेड के उपयोग से फायदा और कपड़ो के उपयोग से नुकसान के बारे में जानकारी देंगी।


Conclusion:बाइट 01 पुष्पलता मरकाम,समता सखी समनापुर
बाइट 02 ओमकार सिंह मरकाम,कैबिनेट मंत्री मप्र
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