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RSS के स्वयंसेवकों ने अलग अंदाज में मनाया विजय दिवस, 'महाप्रहार यज्ञ' का किया आयोजन

पूरा देश आज विजय दिवस मनाते हुए भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्यता को याद कर रहा है. डिंडौरी जिले के शहपुरा में आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने प्रहार महायज्ञ कर विजय दिवस मनाया.

RSS celebrated Victory Day
आरएसएस ने मनाया विजय दिवस
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Published : Dec 16, 2019, 11:32 AM IST

डिंडौरी। डिंडौरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शहपुर में विजय दिवस को याद करते हुए प्रहार महायज्ञ का आयोजन किया. जिसमें लगभग 50 स्वयंसेवकों ने इस महायज्ञ में सहभागिता दर्ज कर विजय दिवस को अलग अंदाज में मनाया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने प्रहार के लिए दंड का प्रयोग भी किया. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा शामिल हुए.

5 हजार से अधिक दंड प्रहार का अभ्यास किया गया. आयोजन में स्वयंसेवकों ने लोगों को विजय दिवस की शौर्य गाथा से अवगत कराया. इसके अलावा भी कई कार्यक्रमों के आयोजन किए गए. जिसमें स्वयंसेवकों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया.

आरएसएस ने मनाया विजय दिवस

स्वयंसेवक नेमलाल धुर्वे ने बताया कि विजय दिवस पर इस तरह के आयोजन हर साल किए जाते हैं. जिससे सभी को देश के वीर जवानों की जानकारी मिलती है. बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में 90 हजार से भी ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवानों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया. जिसे नए देश बांग्लादेश के रुप में देशभर में नई पहचान मिली थी.

डिंडौरी। डिंडौरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शहपुर में विजय दिवस को याद करते हुए प्रहार महायज्ञ का आयोजन किया. जिसमें लगभग 50 स्वयंसेवकों ने इस महायज्ञ में सहभागिता दर्ज कर विजय दिवस को अलग अंदाज में मनाया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने प्रहार के लिए दंड का प्रयोग भी किया. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा शामिल हुए.

5 हजार से अधिक दंड प्रहार का अभ्यास किया गया. आयोजन में स्वयंसेवकों ने लोगों को विजय दिवस की शौर्य गाथा से अवगत कराया. इसके अलावा भी कई कार्यक्रमों के आयोजन किए गए. जिसमें स्वयंसेवकों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया.

आरएसएस ने मनाया विजय दिवस

स्वयंसेवक नेमलाल धुर्वे ने बताया कि विजय दिवस पर इस तरह के आयोजन हर साल किए जाते हैं. जिससे सभी को देश के वीर जवानों की जानकारी मिलती है. बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में 90 हजार से भी ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवानों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया. जिसे नए देश बांग्लादेश के रुप में देशभर में नई पहचान मिली थी.

Intro:डिंडौरी ।
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खंड शहपुरा में विजय दिवस को याद करते हुए प्रहार महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50 स्वयंसेवकों ने इस महायज्ञ में सहभागिता दर्ज कर विजय दिवस को अलग अंदाज में मनाया जिसमें प्रहार के लिए दंड का प्रयोग किया गया है ।
इस दंड प्रहार में लगभग 5000 से अधिक दंड प्रहार का अभ्यास किया गया इस विजय दिवस में बच्चे, बुजुर्ग ,महिला ,युवा समाज के सभी वर्ग ने भाग लिया है ।
जिसमें उपस्थित खंड कार्यवाह नेमलाल धुर्वे, खंड प्रचारक मथुरा प्रसाद, खंड शारीरिक प्रमुख बिहारी लाल साहू, बौद्धिक प्रमुख सोनेलाल परस्ते , नगर सह कार्यवाह संजीव साहू ,योग प्रचारक बृजबिहारी साहू एवं धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के सचिव अधिवक्ता निर्मल साहू की विशेष उपस्थिति रही है । Body:डिंडौरी ।
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खंड शहपुरा में विजय दिवस को याद करते हुए प्रहार महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50 स्वयंसेवकों ने इस महायज्ञ में सहभागिता दर्ज कर विजय दिवस को अलग अंदाज में मनाया जिसमें प्रहार के लिए दंड का प्रयोग किया गया है ।
इस दंड प्रहार में लगभग 5000 से अधिक दंड प्रहार का अभ्यास किया गया इस विजय दिवस में बच्चे, बुजुर्ग ,महिला ,युवा समाज के सभी वर्ग ने भाग लिया है ।
जिसमें उपस्थित खंड कार्यवाह नेमलाल धुर्वे, खंड प्रचारक मथुरा प्रसाद, खंड शारीरिक प्रमुख बिहारी लाल साहू, बौद्धिक प्रमुख सोनेलाल परस्ते , नगर सह कार्यवाह संजीव साहू ,योग प्रचारक बृजबिहारी साहू एवं धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के सचिव अधिवक्ता निर्मल साहू की विशेष उपस्थिति रही है ।

•क्या है विजय दिवस-
1971 की युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण विजय दिवस मनाया जाता है इस युद्ध मैं 93000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासियों के दिल में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ देशभर में 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि 9851 घायल हो गए थे पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था ।
|| बाइट1-नेमलाल धुर्वे, खंड कार्यवाह RSS, शहपुरा Conclusion:डिंडौरी ।
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खंड शहपुरा में विजय दिवस को याद करते हुए प्रहार महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50 स्वयंसेवकों ने इस महायज्ञ में सहभागिता दर्ज कर विजय दिवस को अलग अंदाज में मनाया जिसमें प्रहार के लिए दंड का प्रयोग किया गया है ।
इस दंड प्रहार में लगभग 5000 से अधिक दंड प्रहार का अभ्यास किया गया इस विजय दिवस में बच्चे, बुजुर्ग ,महिला ,युवा समाज के सभी वर्ग ने भाग लिया है ।
जिसमें उपस्थित खंड कार्यवाह नेमलाल धुर्वे, खंड प्रचारक मथुरा प्रसाद, खंड शारीरिक प्रमुख बिहारी लाल साहू, बौद्धिक प्रमुख सोनेलाल परस्ते , नगर सह कार्यवाह संजीव साहू ,योग प्रचारक बृजबिहारी साहू एवं धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के सचिव अधिवक्ता निर्मल साहू की विशेष उपस्थिति रही है ।
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