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डिंडौरी और छतरपुर में रैन बसेरा का रियलिटी चेक, सुख-सुविधाओं के साथ व्यवस्थाओं का अभाव - व्यवस्थाओं का अभाव

डिंडौरी और छतरपुर में बने रैन बसेरा का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया. जहां डिंडौरी में अच्छी व्यवस्थाओं के साथ कुछ समस्याएं भी हैं, तो वहीं छतरपुर के आश्रय स्थल में आने वाले लोगों के लिए सारी व्यवस्थाएं हैं.

reality check doss house
रैन बसेरा का हुआ रियलिटी चेक
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Published : Jan 14, 2020, 1:24 PM IST

डिंडौरी/छतरपुर। डिंडौरी नगर परिषद क्षेत्र में मंडला बस स्टैंड के पीछे बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल की व्यवस्थाओं का हमारे रिपोर्टर ने लिया जायजा. इसके साथ ही छतरपुर में मुसाफिरों के लिए नगर परिषद की तरफ से बनाया गया रैन बसेरा, इन दिनों आम आदमी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों के लिए एक बेहतर आशियाना बना हुआ है. यहां आने वाले लोग न सिर्फ अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि यहां पर आने वाले मुसाफिरों के लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हैं जो एक अच्छे रैन बसेरा में होनी चाहिए.


डिंडौरी में मुसाफिरों के लिए व्यवस्थाएं
डिंडौरी में बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल में पेड़-पौधे सहित साफ-सफाई और अलाव की व्यवस्था की गई है. रैन बसेरा में रुके लोग भोपाल से डिंडौरी आए हैं, जिनका काम वार्ड में जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. आश्रय स्थल में ठंड से बचने के लिए गर्म बिस्तर तो उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन जिस बाथरूम का महिलाएं उपयोग कर रही हैं, उनमें दरवाजा ही नहीं है. वहीं पानी की भी समस्याएं हैं. जिसके चलते उन्हें पीने के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है. कुछ इसी तरह की समस्याओं का सामना रैन बसेरा में रुके पुरषों को भी करना पड़ रहा है.

रैन बसेरा का हुआ रियलिटी चेक


छतरपुर का रैन बसेरा
छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में मौजूद रैन बसेरा सबसे सुरक्षित रैन बसेरों में से एक है. जहां लोग चैन की नींद सोते हैं और उपस्थित स्टाफ भी उनकी देखभाल करता है, साथ ही अपनी सभ्यता के लिए जाना जाता है. छतरपुर जिले में नगर पालिका की गाड़ी शाम के समय घूमती है और बस स्टैंड और अन्य जगहों पर सो रहे मुसाफिरों को रैन बसेरा में चलने के लिए कहती है, जहां उनके सोने की और रहने की उत्तम व्यवस्था की जाती है.

रैन बसेरा का हुआ रियलिटी चेक


घनश्याम दास गुप्ता बताते हैं कि वो अपने चाचा के इलाज के लिए पिछले कई महीनों से इस रैन बसेरा में रुके हुए हैं. यहां पर काम करने वाले लोगों से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है. सभी का व्यवहार बेहद सरल एवं शालीन है.


रैन बसेरा की केयर टेकर बताती हैं कि वो कोशिश करती हैं कि उनके रैन बसेरा में आने वाले लोग ना सिर्फ सुरक्षित रहें, बल्कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी भी ना उठानी पड़े. शिप्रा तिवारी का कहना है कि नगर पालिका की गाड़ी शाम ढलते ही बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस और भी कई जगहों पर जाकर ऐसे राहगीरों को ढूंढती है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें यहां लाया जाता है. हम उनके यहां रहने की व्यवस्था करते हैं और ये भी कोशिश करते हैं कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो.

डिंडौरी/छतरपुर। डिंडौरी नगर परिषद क्षेत्र में मंडला बस स्टैंड के पीछे बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल की व्यवस्थाओं का हमारे रिपोर्टर ने लिया जायजा. इसके साथ ही छतरपुर में मुसाफिरों के लिए नगर परिषद की तरफ से बनाया गया रैन बसेरा, इन दिनों आम आदमी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों के लिए एक बेहतर आशियाना बना हुआ है. यहां आने वाले लोग न सिर्फ अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि यहां पर आने वाले मुसाफिरों के लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हैं जो एक अच्छे रैन बसेरा में होनी चाहिए.


डिंडौरी में मुसाफिरों के लिए व्यवस्थाएं
डिंडौरी में बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल में पेड़-पौधे सहित साफ-सफाई और अलाव की व्यवस्था की गई है. रैन बसेरा में रुके लोग भोपाल से डिंडौरी आए हैं, जिनका काम वार्ड में जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. आश्रय स्थल में ठंड से बचने के लिए गर्म बिस्तर तो उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन जिस बाथरूम का महिलाएं उपयोग कर रही हैं, उनमें दरवाजा ही नहीं है. वहीं पानी की भी समस्याएं हैं. जिसके चलते उन्हें पीने के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है. कुछ इसी तरह की समस्याओं का सामना रैन बसेरा में रुके पुरषों को भी करना पड़ रहा है.

रैन बसेरा का हुआ रियलिटी चेक


छतरपुर का रैन बसेरा
छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में मौजूद रैन बसेरा सबसे सुरक्षित रैन बसेरों में से एक है. जहां लोग चैन की नींद सोते हैं और उपस्थित स्टाफ भी उनकी देखभाल करता है, साथ ही अपनी सभ्यता के लिए जाना जाता है. छतरपुर जिले में नगर पालिका की गाड़ी शाम के समय घूमती है और बस स्टैंड और अन्य जगहों पर सो रहे मुसाफिरों को रैन बसेरा में चलने के लिए कहती है, जहां उनके सोने की और रहने की उत्तम व्यवस्था की जाती है.

रैन बसेरा का हुआ रियलिटी चेक


घनश्याम दास गुप्ता बताते हैं कि वो अपने चाचा के इलाज के लिए पिछले कई महीनों से इस रैन बसेरा में रुके हुए हैं. यहां पर काम करने वाले लोगों से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है. सभी का व्यवहार बेहद सरल एवं शालीन है.


रैन बसेरा की केयर टेकर बताती हैं कि वो कोशिश करती हैं कि उनके रैन बसेरा में आने वाले लोग ना सिर्फ सुरक्षित रहें, बल्कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी भी ना उठानी पड़े. शिप्रा तिवारी का कहना है कि नगर पालिका की गाड़ी शाम ढलते ही बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस और भी कई जगहों पर जाकर ऐसे राहगीरों को ढूंढती है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें यहां लाया जाता है. हम उनके यहां रहने की व्यवस्था करते हैं और ये भी कोशिश करते हैं कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो.

Intro:एंकर _ डिंडौरी नगर परिषद क्षेत्र में मंडला बस स्टैंड के पीछे बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल का ईटीवी भारत ने देर रात लिया व्यवस्थाओं का जायजा।जहाँ गरीब और बाहर से आये लोगो के लिए रहती है रुकने की निशुल्क व्यवस्था। डिंडौरी नगर के आश्रय स्थल में किस तरह के है इंतजाम देखिए इस रिपोर्ट में !


Body:वि ओ 01 सोमवार की रात जब ईटीवी भारत डिंडौरी नगर के वार्ड नंबर 15 में बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आश्रय स्थल पहुँचा तो पाया कि बाहर बाउंड्रीवाल से सुरक्षित आश्रय स्थल में पेड़ पौधे सहित साफ सफाई और अलाव की व्यवस्था की गई है।जब हमने आश्रय स्थल के भीतर प्रवेश किया तो बाई तरफ पुरुष कक्ष और पुरुष प्रसाधन था वही दाहिनी तरफ महिला कक्ष और महिला प्रसाधन।

जब हमने आश्रय स्थल में रुके कुछ महिला और पुरुषों से बात की तो पता चला कि वे सभी भोपाल से डिंडौरी बीते 4 से 5 दिनों पूर्व से आकर रुके हुए है। जिनका काम है वार्ड वार्ड जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना था। महिलाओ से जब हमने आश्रय स्थल के भीतर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि ठंड से बचने गर्म बिस्तर तो उपलब्ध कराए गए है पर जिस बाथरूम का महिलाए उपयोग कर रही है उनमें दरवाजा ही नही है ,वही निस्तार के पानी की भी समस्याएं है । जिसके चलते उन्हें पीने के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है।कुछ इसी तरह की समस्याओं का सामना आश्रम में रुके पुरषो को भी करना पड़ रहा है।
वही इस मामले में आश्रय स्थल के केयर टेकर हरीश उद्दे से बात की गई तो उनका कहना था कि उनका काम आश्रय स्थल में आने वाले लोगो को सुविधा और जानकारी प्रदान करना है और जो समस्या लोगो को हो रही है उसकी जानकारी नगर परिषद के अधिकारियों को दी जा चुकी है जिसका जल्द निराकरण किया जाएगा।
वही नगर परिषद के अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम ने ईटीवी भारत से कहा की 16 सीटर आश्रय स्थल तक लोगो को पहुचाने के लिए निशुल्क मोबाइल वेन शुरू की गई है जो फ़ोन करने पर नगर के किसी भी इलाके से लोगो को उठाकर आश्रम स्थल पहुचाती है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम _ ईटीवी भारत ने आश्रम स्थल में पाया कि सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता है।सुरक्षा की दृष्टि से बाहर बाउंड्रीवाल है तो वही हर कमरे में सीसीटीवी की निगरानी में लोग बेख़ौफ़ होकर आराम की नींद लेते है।

दर्ज होती है इंट्री_ आश्रय स्थल में रुकने वाले लोग अपनी पहचान पत्र को जमाकर निःशुल्क सेवा का लाभ ले सकते है।किस तरह की पहचान पत्र आश्रय स्थल में आवश्यक है इसके लिए बाकायदा बोर्ड कमरे के बाहर जानकारी के साथ लगाया गया है ।

मनोरंजन के साधन उपलब्ध_ ईटीवी भारत के रियल्टी चेक में पाया गया कि डिंडौरी नगर के आश्रय स्थल में रुकने वाले लोगो के लिए मनोरंजन के साधन के तौर पर बड़ी एलईडी टीवी लगाई गई है।साथ ही गर्मी के दिनों में ठंडे पानी के लिए फ्रिज की व्यवस्था भी की गई है।


Conclusion:बाइट 01सुनीता,भोपाल निवासी
बाइट 02संतोषी,भोपाल निवासी
बाइट 03 मोहन सदेले, भोपाल निवासी
बाइट 04 हरीश चंद्र उद्दे,केयर टेकर,आश्रय स्थल
बाइट 05 पंकज तेकाम,अध्यक्ष नगर परिषद डिंडौरी
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