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पुणे के दंपति ने पेश की मानव सेवा की मिसाल, लोगों की ऐसे कर रहे सेवा - example for human service

डिंडौरी जिले के ग्राम कारोपानी स्थित चरखुटिया घाट किनारे बंजर जमीन को हरी भरी कर उसमें तरह-तरह की सब्जियां पैदा कर रहा ये दंपति नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों की सेवा में लगा है. सुधीर चित्रे और प्रतिभा चित्रे मूल रूप से पुणे के रहने वाले हैं.

Pune couple set an example for human service
पेश की मानव सेवा की मिसाल
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Published : Jun 19, 2020, 1:14 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:57 PM IST

डिंडोरी। महाराष्ट्र राज्य के पुणे के रहने वाले चित्रे दंपति नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं. जो अपने स्वयं के खर्चे से मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर रहे लोगों की सेवा कर ऋण उतारने नर्मदा तट पर दिन रात लगे हैं. नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए वीरान और बंजर पड़ी जमीन को हरी- भरी कर मानव सेवा की मिसाल पेश की है.

बंजर जमीन को किया हरा-भरा

डिंडोरी जिले के ग्राम कारोपानी स्थित चरखुटिया घाट किनारे बंजर जमीन को हरी- भरी कर उसमें तरह-तरह की सब्जियां पैदा कर रहे ये नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों की सेवा कर रहे हैं. सुधीर चित्रे और प्रतिभा चित्रे मूल रूप से पुणे के रहने वाले है.

पेश की मानव सेवा की मिसाल

2012 से कर रहे हैं लोगों की सेवा

सुधीर चित्रे ने बताया कि, वे अपनी पत्नी प्रतिभा चित्रे के साथ साल 2007 से 2009 तक मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा पूरी किये है. नर्मदा परिक्रमा के दौरान मिलने वाले आश्रमों और लोगों से उन्हें भरपूर सहयोग सेवा के रूप में मिला है. जिसे वे ऋण के रूप में लेकर अब 2012 से अब तक अलग- अलग जिलों में रहकर नर्मदा तट किनारे से पैदल परिक्रमा करने वालों की सेवा में लगे हैं. इस दौरान उन्होंने करीब आठ महीने जिला रायसेन, हरदा, नरसिंहपुर, फिर अमरकंटक और अभी डिंडोरी में रुककर परिक्रमा कर रहे लोगों की भोजन पानी के प्रबंध कर सेवा कर चुके हैं.

नौकरी में रहते किया था नर्मदा परिक्रमा

सुधीर चित्रे महाराष्ट्र सरकार में सिंचाई विभाग में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रह चुके हैं, जिनका रिटायरमेंट हो गया है. जो नौकरी के दौरान ही छुट्टी लेकर नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं. चित्रे के 3 बेटे हैं, जो सभी नौकरी कर रहे हैं.

भोजन से करते हैं लोगों की मदद

सुधीर चित्रे ने बताया कि, अब वे जल्द डिंडोरी जिला को छोड़ दूसरे जिला सेवा के लिए रवाना होने वाले हैं. सुधीर चित्रे ने आगे बताया की, जब वे डिंडोरी जिला के कारोपानी ग्राम के चरखुटिया घाट पहुंचे, तो पाया कि घाट किनारे सामुदायिक भवन वीरान पड़ा था, जिसे दोनों पति- पत्नी ने स्थल चयन कर एक महीने की कड़ी मेहनत से सुंदर और हरा भरा कर दिया. जहां अब पैदल नर्मदा परिक्रमा कर रहे तमाम भक्त प्रतिदिन पहुंचते हैं और भोजन प्रसाद लेकर आराम कर अगले दिन आगे बढ़ जाते हैं.

भक्तों के आराम के लिए बाकायदा एक तंबू और बिस्तर भी लगा हुआ है. सुधीर चित्रे और उनकी पत्नी प्रतिभा चित्रे द्वारा बनाया गया नर्मदा तट किनारे चरखुटिया घाट आश्रम आज चर्चाओं में है.

डिंडोरी। महाराष्ट्र राज्य के पुणे के रहने वाले चित्रे दंपति नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं. जो अपने स्वयं के खर्चे से मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर रहे लोगों की सेवा कर ऋण उतारने नर्मदा तट पर दिन रात लगे हैं. नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए वीरान और बंजर पड़ी जमीन को हरी- भरी कर मानव सेवा की मिसाल पेश की है.

बंजर जमीन को किया हरा-भरा

डिंडोरी जिले के ग्राम कारोपानी स्थित चरखुटिया घाट किनारे बंजर जमीन को हरी- भरी कर उसमें तरह-तरह की सब्जियां पैदा कर रहे ये नर्मदा परिक्रमा कर रहे भक्तों की सेवा कर रहे हैं. सुधीर चित्रे और प्रतिभा चित्रे मूल रूप से पुणे के रहने वाले है.

पेश की मानव सेवा की मिसाल

2012 से कर रहे हैं लोगों की सेवा

सुधीर चित्रे ने बताया कि, वे अपनी पत्नी प्रतिभा चित्रे के साथ साल 2007 से 2009 तक मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा पूरी किये है. नर्मदा परिक्रमा के दौरान मिलने वाले आश्रमों और लोगों से उन्हें भरपूर सहयोग सेवा के रूप में मिला है. जिसे वे ऋण के रूप में लेकर अब 2012 से अब तक अलग- अलग जिलों में रहकर नर्मदा तट किनारे से पैदल परिक्रमा करने वालों की सेवा में लगे हैं. इस दौरान उन्होंने करीब आठ महीने जिला रायसेन, हरदा, नरसिंहपुर, फिर अमरकंटक और अभी डिंडोरी में रुककर परिक्रमा कर रहे लोगों की भोजन पानी के प्रबंध कर सेवा कर चुके हैं.

नौकरी में रहते किया था नर्मदा परिक्रमा

सुधीर चित्रे महाराष्ट्र सरकार में सिंचाई विभाग में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रह चुके हैं, जिनका रिटायरमेंट हो गया है. जो नौकरी के दौरान ही छुट्टी लेकर नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं. चित्रे के 3 बेटे हैं, जो सभी नौकरी कर रहे हैं.

भोजन से करते हैं लोगों की मदद

सुधीर चित्रे ने बताया कि, अब वे जल्द डिंडोरी जिला को छोड़ दूसरे जिला सेवा के लिए रवाना होने वाले हैं. सुधीर चित्रे ने आगे बताया की, जब वे डिंडोरी जिला के कारोपानी ग्राम के चरखुटिया घाट पहुंचे, तो पाया कि घाट किनारे सामुदायिक भवन वीरान पड़ा था, जिसे दोनों पति- पत्नी ने स्थल चयन कर एक महीने की कड़ी मेहनत से सुंदर और हरा भरा कर दिया. जहां अब पैदल नर्मदा परिक्रमा कर रहे तमाम भक्त प्रतिदिन पहुंचते हैं और भोजन प्रसाद लेकर आराम कर अगले दिन आगे बढ़ जाते हैं.

भक्तों के आराम के लिए बाकायदा एक तंबू और बिस्तर भी लगा हुआ है. सुधीर चित्रे और उनकी पत्नी प्रतिभा चित्रे द्वारा बनाया गया नर्मदा तट किनारे चरखुटिया घाट आश्रम आज चर्चाओं में है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:57 PM IST
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