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नशे में टल्ली मिला चालक तो पुलिस ने खड़ा कराया स्वचलित अस्पताल, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा इलाज - मध्यप्रदेश

डिंडौरी में नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहन 24 घंटे से अधिक समय से कोतवाली में खड़ा है, दीनदयाल चलित अस्पताल का वाहन चालक शराब के नशे में था, जिसे पुलिसकर्मी वाहन के साथ कोतवाली ले गये, ड्राइवर पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस वाहन भी नहीं छोड़ रही है, जिससे गरीबों का इलाज प्रभावित हो रहा है क्योंकि इस वाहन के जरिए स्वास्थ्यकर्मी एक दिन में चार गांवों का भ्रमण कर मरीजों का इलाज करते हैं।

मोबाइल मेडिकल यूनिट
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Published : Mar 4, 2019, 7:25 PM IST

डिंडौरी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित चलता-फिरता अस्पताल बीते 24 घंटे से भी अधिक समय से कोतवाली में खड़ा है, जबकि इसमें 'अस्पताल' का कोई कसूर नहीं है, कसूर है तो सिर्फ स्वचलित दीनदयाल अस्पताल के ड्राइवर का, जो शराब के नशे में टल्ली था, जिसे पुलिस स्वचलित अस्पताल सहित कोतवाली लेकर चली गयी.

थाने में खड़ा चलता फिरता अस्पताल

आदिवासी गांवों में अपनी सेवाएं देने वाला ये वाहन रोजाना 4 गांव के मरीजों को लाभ पहुंचाता है, इस दौरान वाहन में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद उनका इलाज भी करते हैं, लेकिन वाहन चालक की लापरवाही और कोतवाली पुलिस की हठधर्मिता के चलते ये वाहन पिछले 24 घंटे बीत जाने के बावजूद कोतवाली परिसर में खड़ा है. जिसका हैंडओवर लेने पहुंची डॉक्टर गीता नामदेव को भी पुलिस चक्कर कटवाती रही, जबकि पुलिस कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

दरअसल, पूरा मामला शराब से जुड़ा है, आरोप है कि दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन का चालक इंद्रपाल ठाकुर को पुलिस ने बिजली विभाग दफ्तर के पास नशे की हालत में पकड़ा था, जिसे 3 मार्च की देर शाम वाहन और चालक सहित कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया और धारा 185 के तहत कार्रवाई की. चलित अस्पताल में पदस्थ डॉ गीता नामदेव का कहना है कि अगर ड्राइवर ने गलती की है तो पुलिस उस पर कार्रवाई करें और वाहन उनके सुपुर्द कर दे. ताकि गरीबों का इलाज प्रभावित न हो.

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डिंडौरी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित चलता-फिरता अस्पताल बीते 24 घंटे से भी अधिक समय से कोतवाली में खड़ा है, जबकि इसमें 'अस्पताल' का कोई कसूर नहीं है, कसूर है तो सिर्फ स्वचलित दीनदयाल अस्पताल के ड्राइवर का, जो शराब के नशे में टल्ली था, जिसे पुलिस स्वचलित अस्पताल सहित कोतवाली लेकर चली गयी.

थाने में खड़ा चलता फिरता अस्पताल

आदिवासी गांवों में अपनी सेवाएं देने वाला ये वाहन रोजाना 4 गांव के मरीजों को लाभ पहुंचाता है, इस दौरान वाहन में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद उनका इलाज भी करते हैं, लेकिन वाहन चालक की लापरवाही और कोतवाली पुलिस की हठधर्मिता के चलते ये वाहन पिछले 24 घंटे बीत जाने के बावजूद कोतवाली परिसर में खड़ा है. जिसका हैंडओवर लेने पहुंची डॉक्टर गीता नामदेव को भी पुलिस चक्कर कटवाती रही, जबकि पुलिस कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

दरअसल, पूरा मामला शराब से जुड़ा है, आरोप है कि दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन का चालक इंद्रपाल ठाकुर को पुलिस ने बिजली विभाग दफ्तर के पास नशे की हालत में पकड़ा था, जिसे 3 मार्च की देर शाम वाहन और चालक सहित कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिया और धारा 185 के तहत कार्रवाई की. चलित अस्पताल में पदस्थ डॉ गीता नामदेव का कहना है कि अगर ड्राइवर ने गलती की है तो पुलिस उस पर कार्रवाई करें और वाहन उनके सुपुर्द कर दे. ताकि गरीबों का इलाज प्रभावित न हो.

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Intro:एंकर_ डिंडौरी कोतवाली में 03 मार्च की देर शाम से खड़ा यह है दीन दयाल चलित अस्पताल वाहन। दीनदयाल चलित अस्पताल प्रदेश सरकार से संचालित चलता फिरता अस्पताल है जिसे आदिवासी ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं देनी होती है इसके लिए बाकायदा रोज के 4 गाँव रुट चार्ट तैयार किया जाता है।लेकिन वाहन चालक की लापरवाही एवं कोतवाली पुलिस की हठ धर्मिता के चलते यह वाहन पिछले 24 घंटे बीत जाने के बावजूद कोतवाली परिसर में खड़ा है।जिसे हैंड ओवर लेने पहुँची डॉ गीता नामदेव को भी लगातार कोतवाली पुलिस द्वारा भटकाया जा रहा है। वही इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बचती नजर आ रही है।


Body:वि ओ 01 दरअसल पूरा मामला शराब से जुड़ा है।आरोप है कि दीनदयाल चलित अस्पताल वाहन का चालक इंद्रा पाल ठाकुर जिसे कोतवाली पुलिस बिजली विभाग दफ्तर के पास नशे की हालत में पकड़ा था। जिसे 03 मार्च की देर शाम वाहन और चालक सहित कोतवाली पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया और धारा 185 के तहत कार्यवाही की।

वि ओ 02 वही मामले में दीनदयाल चलित अस्पताल में पदस्थ डॉ गीता नामदेव का कहना है कि अगर ड्राइवर ने गलती की है तो पुलिस निश्चित उंसके खिलाफ कार्यवाही करें।लेकिन वाहन हमारे सुपुर्द कर दे।आरोप है कि वाहन को छुड़वाने के लिए डॉ गीता नामदेव को पुलिस कल देर शाम से परेशान कर रही है।जिसके चलते 04 मार्च की सुबह से जिन ग्रामीण इलाकों में दीनदयाल चलित अस्पताल को अपनी सेवाएं देनी थी वह प्रभावित हुई।वही पुलिस वाहन को छोड़ने में हीलाहवाली कर रही है डॉ गीता नामदेव का कहना है कि अब ऐसे में ग्रामीण इलाकों में मरीजो को कैसे इलाज दे सके। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर कोतवाली पुलिस कुछ भी कहने से साफ बचती नजर आ रही है।


Conclusion:बाइट_ डॉ गीता नामदेव,ए एमओ
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