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बजट 2020: आइए जानते हैं, क्या कहता है आदिवासी जिला डिंडौरी

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Published : Feb 1, 2020, 9:00 AM IST

आदिवासी जिला डिंडौरी के लोगों को आज पेश होने वाले आम बजट से कई उम्मीदें हैं.

Dindori have expectations from the budget
बजट को लेकर क्या कहता है आदिवासी जिला डिंडौरी

डिंडौरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. इस बजट से आदिवासी जिला डिंडौरी का हर व्यक्ति कई तरह की उम्मीद लगाए बैठा है. बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, संसाधनों का महंगा होना, घर गृहस्थी की चीजों का महंगा होना, तमाम तरह की समस्याओं के साथ-साथ किसान, व्यापारी, युवा, महिला से लेकर हर वर्ग बजट के लिए अपनी राय देकर ये मांग कर रहा है कि वित्त मंत्री बजट में कुछ खास रियायत दें, जिससे महिलाओं और युवा को राहत मिल सके.

बजट को लेकर क्या कहता है आदिवासी जिला डिंडौरी

डिंडौरी जिले में किसी तरह का बड़ा उद्योग या कल कारखाने नहीं हैं, जिसके चलते यहां की आम जनता खेती-किसानी के साथ-साथ छोटे-मोटे काम धंधे पर आश्रित रहती है. जिले का राजस्व भी शासन को पर्याप्त मिलने के बावजूद, यहां की जनता को कुछ खास नहीं मिल पाता. यही कारण है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डिंडौरी जिले की महिला, पुरुष, युवा और किसान सब ने ये मांग की है कि आज पेश होने जा रहे आम बजट में कुछ ऐसी रियायत दें, जिससे सभी को लाभ मिल सके, उनकी जरूरतें पूरी हो सकें, उनकी दिनचर्या में सुधार आ सके.

गृहणी महिलाओं की मांग है कि आदिवासी जिले में घर गृहस्थी का सामान इतना महंगा होता है कि परिवार को चलाना भी मुश्किल रहता है. घर के सामान से जुड़ी सामग्रियों को सस्ता किया जाए, साथ ही जरूरत के सभी सामान में भी रियायत दी जाए जिससे उन्हें लेने में आसानी हो.

बेरोजगारों का कहना है कि देश सहित प्रदेश और जिले में बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. जिसको दूर करते हुए आम बजट में रोजगार के संसाधनों को उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे महिला और पुरुषों को इसका लाभ मिल सके और युवा बेरोजगारी से निजात पा सकें.

डिंडौरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. इस बजट से आदिवासी जिला डिंडौरी का हर व्यक्ति कई तरह की उम्मीद लगाए बैठा है. बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, संसाधनों का महंगा होना, घर गृहस्थी की चीजों का महंगा होना, तमाम तरह की समस्याओं के साथ-साथ किसान, व्यापारी, युवा, महिला से लेकर हर वर्ग बजट के लिए अपनी राय देकर ये मांग कर रहा है कि वित्त मंत्री बजट में कुछ खास रियायत दें, जिससे महिलाओं और युवा को राहत मिल सके.

बजट को लेकर क्या कहता है आदिवासी जिला डिंडौरी

डिंडौरी जिले में किसी तरह का बड़ा उद्योग या कल कारखाने नहीं हैं, जिसके चलते यहां की आम जनता खेती-किसानी के साथ-साथ छोटे-मोटे काम धंधे पर आश्रित रहती है. जिले का राजस्व भी शासन को पर्याप्त मिलने के बावजूद, यहां की जनता को कुछ खास नहीं मिल पाता. यही कारण है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से डिंडौरी जिले की महिला, पुरुष, युवा और किसान सब ने ये मांग की है कि आज पेश होने जा रहे आम बजट में कुछ ऐसी रियायत दें, जिससे सभी को लाभ मिल सके, उनकी जरूरतें पूरी हो सकें, उनकी दिनचर्या में सुधार आ सके.

गृहणी महिलाओं की मांग है कि आदिवासी जिले में घर गृहस्थी का सामान इतना महंगा होता है कि परिवार को चलाना भी मुश्किल रहता है. घर के सामान से जुड़ी सामग्रियों को सस्ता किया जाए, साथ ही जरूरत के सभी सामान में भी रियायत दी जाए जिससे उन्हें लेने में आसानी हो.

बेरोजगारों का कहना है कि देश सहित प्रदेश और जिले में बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. जिसको दूर करते हुए आम बजट में रोजगार के संसाधनों को उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे महिला और पुरुषों को इसका लाभ मिल सके और युवा बेरोजगारी से निजात पा सकें.

Intro:एंकर _ आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं इस बजट से आदिवासी जिला डिंडौरी का हर व्यक्ति कई तरह की उम्मीद लगाए बैठा है ।बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी ,संसाधनों का महंगा होना, घर गृहस्ती की चीजों का महंगा होना ,तमाम तरह की समस्याओं के साथ-साथ किसान व्यापारी युवा महिला से लेकर हर वर्ग बजट के लिए अपनी राय देकर यह मांग कर रहा है कि वित्त मंत्री बजट में कुछ खास रियायत दे जिससे महिला युवा को राहत मिले।


Body:वि ओ 01 डिंडोरी जिले में चुकी किसी तरह का बड़ा उद्योग या कल कारखाने नहीं है जिसके चलते यहां की आम जनता खेती किसानी के साथ-साथ छोटे-मोटे काम धंधे पर आश्रित रहती है जिले का राजस्व भी शासन को पर्याप्त मिलने के बावजूद यहां की जनता को कुछ खास नहीं मिल पाता जिससे उनकी आम दिनचर्या में महंगाई की मार कम हो सके यही कारण है कि केंद्र की सरकार में वित्त मंत्री महिला नेत्री सीतारमण से डिंडोरी जिले की महिला पुरुष युवा किसान ग्रहणी सभी ने यह मांग की है कि आज पेश करने जा रही आम बजट में कुछ ऐसी रियायत दे जिससे सभी को लाभ मिल सके, उनकी जरूरतें पूरी हो सके, उनकी दिनचर्या में सुधार आ सके।

ग्रहणी महिलाओं की मांग है कि आदिवासी जिले में घर गृहस्ती का सामान इतना महंगा होता है कि परिवार को चलाना भी मुश्किल रहता है घर गस्ती के सामान से जुड़ी सामग्रियों को सस्ता किया जाए साथी जरूरत के सभी सामान में भी राय दी जाए जिससे उन्हें लेने में आसानी हो

बेरोजगार युवती का कहना है कि देश सहित प्रदेश और जिले में बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिसको दूर करते हुए आम बजट में रोजगार के संसाधनों को उपलब्ध कराया जाए जिससे महिला और पुरुषों को इसमें इसका लाभ मिल सके और युवा बेरोजगारी से निजात पा सकें




Conclusion:बाइट 01 ज्योतिप्रकाश धुर्वे
बाइट 02 ग्रामीण महिला
बाइट 03 राजकुमार मोंगरे
बाइट 04 वंदना मानिकपुरी
बाइट 05 रुकमणी मरावी
बाइट 06 राजा बलि मरावी
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