डिंडौरी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर नेवसा ग्राम पंचायत में बरसाती नालों पर बने सात जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा रहा है. आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहां बिजली, सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों का आभाव हैं, लेकिन कुदरत ने इसे प्राकृतिक सौंदर्य से बखूबी नवाजा है. नेवसा में बनी दो गुफाएं कई रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुई हैं.
नेवसा की गुफा में शिवलिंग है, शिवलिंग के ठीक पीछे एक छोटा सा बारहमासी प्राकृतिक कुंड है. शिवलिंग की स्थापना जिले के तत्कालीन खेल अधिकारी रविकांत सिंह ठाकुर ने की थी. यहां सावन के महीने में मेले जैसा माहौल रहता है, कांवड़िये शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. नेवसा फॉल को पर्यटन की दृष्टि से संरक्षित किया जाना चाहिए. यहां सड़क, बिजली जैसी बुनियादी व्यवस्था की जाए. साथ ही बैठने के लिए गार्डन और आसपास के क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए डैम बनाना चाहिए.
ईटीवी भारत ने जब कलेक्टर बी कार्तिकेयन से बात की तो उन्होंने बताया कि नेवसा फॉल के लिए एक विशेष योजना तैयार की जा रही है, नेवसा फॉल की सुंदरता बढ़ाने के लिए आर्किटेक्ट से संपर्क किया जा रहा है. साथ ही नेवसा फॉल को जल्द ही पर्यटन स्थलों में शामिल किया जाएगा, ताकि लोग प्रकृति के इस मनोरम दृश्य को देख सकें.
नेवसा फॉस की जरूरतें
नेवसा फॉल पहुंचने के लिए पक्की सड़क.
बिजली की व्यवस्था.
गार्डन तैयार किया जाना चाहिए.
शौचालय का निर्माण.
नेटवर्क की व्यवस्था.
जल संरक्षण के लिए बांध का निर्माण.