ETV Bharat / state

अनदेखी के अंधेरे में गुम हो रहा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात - नेवसा जलप्रपात

मध्यप्रदेश में कई पर्यटन स्थल अनदेखी के चलते अपनी पहचान खो रहे हैं. डिंडौरी जिले के नेवसा में ऐसा ही जलप्रपात अपनी बुनियादी जरूरतों के आभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है.

अनदेखी के अंधेरे में गुम हो रहा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात
author img

By

Published : Sep 1, 2019, 10:29 PM IST

डिंडौरी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर नेवसा ग्राम पंचायत में बरसाती नालों पर बने सात जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा रहा है. आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहां बिजली, सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों का आभाव हैं, लेकिन कुदरत ने इसे प्राकृतिक सौंदर्य से बखूबी नवाजा है. नेवसा में बनी दो गुफाएं कई रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुई हैं.

अनदेखी के अंधेरे में गुम हो रहा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात

नेवसा की गुफा में शिवलिंग है, शिवलिंग के ठीक पीछे एक छोटा सा बारहमासी प्राकृतिक कुंड है. शिवलिंग की स्थापना जिले के तत्कालीन खेल अधिकारी रविकांत सिंह ठाकुर ने की थी. यहां सावन के महीने में मेले जैसा माहौल रहता है, कांवड़िये शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. नेवसा फॉल को पर्यटन की दृष्टि से संरक्षित किया जाना चाहिए. यहां सड़क, बिजली जैसी बुनियादी व्यवस्था की जाए. साथ ही बैठने के लिए गार्डन और आसपास के क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए डैम बनाना चाहिए.

ईटीवी भारत ने जब कलेक्टर बी कार्तिकेयन से बात की तो उन्होंने बताया कि नेवसा फॉल के लिए एक विशेष योजना तैयार की जा रही है, नेवसा फॉल की सुंदरता बढ़ाने के लिए आर्किटेक्ट से संपर्क किया जा रहा है. साथ ही नेवसा फॉल को जल्द ही पर्यटन स्थलों में शामिल किया जाएगा, ताकि लोग प्रकृति के इस मनोरम दृश्य को देख सकें.

नेवसा फॉस की जरूरतें
नेवसा फॉल पहुंचने के लिए पक्की सड़क.
बिजली की व्यवस्था.
गार्डन तैयार किया जाना चाहिए.
शौचालय का निर्माण.
नेटवर्क की व्यवस्था.
जल संरक्षण के लिए बांध का निर्माण.

डिंडौरी। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर नेवसा ग्राम पंचायत में बरसाती नालों पर बने सात जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा रहा है. आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहां बिजली, सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों का आभाव हैं, लेकिन कुदरत ने इसे प्राकृतिक सौंदर्य से बखूबी नवाजा है. नेवसा में बनी दो गुफाएं कई रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुई हैं.

अनदेखी के अंधेरे में गुम हो रहा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नेवसा जलप्रपात

नेवसा की गुफा में शिवलिंग है, शिवलिंग के ठीक पीछे एक छोटा सा बारहमासी प्राकृतिक कुंड है. शिवलिंग की स्थापना जिले के तत्कालीन खेल अधिकारी रविकांत सिंह ठाकुर ने की थी. यहां सावन के महीने में मेले जैसा माहौल रहता है, कांवड़िये शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. नेवसा फॉल को पर्यटन की दृष्टि से संरक्षित किया जाना चाहिए. यहां सड़क, बिजली जैसी बुनियादी व्यवस्था की जाए. साथ ही बैठने के लिए गार्डन और आसपास के क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए डैम बनाना चाहिए.

ईटीवी भारत ने जब कलेक्टर बी कार्तिकेयन से बात की तो उन्होंने बताया कि नेवसा फॉल के लिए एक विशेष योजना तैयार की जा रही है, नेवसा फॉल की सुंदरता बढ़ाने के लिए आर्किटेक्ट से संपर्क किया जा रहा है. साथ ही नेवसा फॉल को जल्द ही पर्यटन स्थलों में शामिल किया जाएगा, ताकि लोग प्रकृति के इस मनोरम दृश्य को देख सकें.

नेवसा फॉस की जरूरतें
नेवसा फॉल पहुंचने के लिए पक्की सड़क.
बिजली की व्यवस्था.
गार्डन तैयार किया जाना चाहिए.
शौचालय का निर्माण.
नेटवर्क की व्यवस्था.
जल संरक्षण के लिए बांध का निर्माण.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडोरी में जिला मुख्यालय से मुड़की मार्ग में लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नेवसा में बरसाती नालों पर बनी 7 जलप्रपात अनायास प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज नेवसा फॉल के गिरते जलप्रपात के सौंदर्य को देख ऐसा महसूस होता है जैसे ईश्वर ने प्रकृति की खूबसूरती और अनुपम सुंदर को देखने के लिए यह आंखें दी है।नेवसा फॉल जहाँ आजादी के बाद नेटवर्क नही पहुँच पाया है।बिजली की महती आवश्यकता है।कच्ची सड़कें अगर दुरुस्त कर दी जाए तो जिला सहित दूर दराज के पर्यटक यहाँ आकर प्रकृति की खूबसूरती का नजारा देख सकते है। नेवसा में बने दो बड़े गुफा है जो कई रहस्यों को जन्म देते है एक गुफा में शिवलिंग तो दूसरा आज भी एकांत और पहुँचने वालों के दिलो में कई सवाल पैदा करने वाला। अगर जिला प्रशासन चाहे तो सरकारी पोर्टल एनआईसी में नेवसा को विशेष स्थान देकर जिले को पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर जगह दे सकता है लेकिन नेवसा को जगह नही मिली एनआईसी में। लेकिन आज भी डिंडौरी सहित आसपास के लोग बारिश और अन्य दिनों में यहाँ पिकनिक मनाने और घूमने आते है।


Body:वि ओ 01 डिंडौरी जनपद क्षेत्र स्थित नेवसा पंचायत में बने प्राकृतिक झरने जो बारिश और अन्य ऋतुओं में लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करते है। जैसे ही आप नेवसा फॉल के करीब पहुँचते है ठीक वैसे ही नालों से प्रपात में कल कल गिरता पानी एक अलग ही आनंद की अनुभूति देता है दिलों दिमाग मे ताजगी और तनाव को दूरी का अहसाह कराता है। जैसे जैसे आप विशाल गिरते झरनों के पास पहुचेंगे तो वहाँ पानी की बूंदों से उठता शबनम रूपी गुबार आपका भरपूर स्वागत करता है।

वि ओ 02 डिंडोरी के वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा की माने तो नेवसा फॉल स्थित गुफा में स्थानीय जनों ने सामूहिक श्रमदान कर कुंड का रूप दे दिया था ।गिरते प्रपात के नीचे ही एक गुफा भी है जहां भगवान शंकर का विशाल शिवलिंग भी है और पास ही एक विशाल नंदी भी । इसके अलावा स्थापित शिवलिंग के ठीक पीछे एक छोटा सा बारहमासी प्राकृतिक कुंड भी है जिसमें आज भी साफ और स्वच्छ निर्मल जल निकलता है । इस शिवलिंग की स्थापना जिले के तत्कालीन खेल अधिकारी रविकांत सिंह ठाकुर द्वारा की गई थी और स्थानीय जनों की मानें तो श्रावण मास में यहां मेले जैसा माहौल रहता है और काफी तादाद में कावड़िया भगवान भोलेनाथ के विशाल शिवलिंग पर जल अर्पित करने यहां प्रतिवर्ष आते हैं । जबलपुर निवासी शिखा शर्मा का कहना है कि अगर जिला प्रशासन चाहे तो इस क्षेत्र की कायाकल्प बदलकर पर्यटन हब तैयार कर सकता है जिसका रोमांच देखने दूर-दूर से लोग नेवसा फॉल आ सकते हैं।

वि ओ 03 स्थानीय लोगों में रविराज ने ईटीवी भारत की माध्यम से यह मांग की है कि नेवसा फॉल को पर्यटन की दृष्टि से संरक्षित किया जाना चाहिए साथ ही यहां कमियों के रूप में दिखने वाली सड़कें बिजली बैठने की व्यवस्था आसपास गार्डन एवं एक विशाल डैम बनाना चाहिए जिसके चलते आसपास के क्षेत्र में पानी की समस्या भी दूर होगी।वही मंदिर की देखरेख कर रहे सोन दास कनोजे का कहना है कि यह गुफा में पहले कोई नही पहुँच पाता था लेकिन जब से संत शक्ति चेतन महाराज आये है तब से यह जगह लोगो की जानकारी में आई है।अभी वे चतुर मास काटने निकले है।

वि ओ 04 वह इस पूरे मामले में जब ईटीवी भारत ने जब जिला की कलेक्टर बी कार्तिकेयन से बात की तो उनका कहना है कि नेवसा फॉल के लिए एक विशेष योजना तैयार की जा रही है। नेवसा फॉल की सुंदरता को बढ़ाने के लिए जबलपुर से आर्किटेक्ट से संपर्क किया जा रहा है साथ ही नेवसा फॉल को जल्द एनआईसी में भी जगह दी जाएगी जिससे दूरदराज के पर्यटक जानकारी के बाद इस प्रकृति की सुंदरता को देखने यहां पहुंच सकेंगे ।

नेवसा फॉल के लिए मांग_

नेवसा फॉल पहुँचने के लिए पक्की सकड़ बनाई जाए।
नेवसा फॉल के आसपास गार्डन तैयार किया जाना चाहिए।
नेवसा फॉल में बिजली की आवश्यकता ताकी शाम और रात में भी झरनों की सुंदरता दिखाई दे सके।
नेवसा फॉल में सुलभ शौचालय की आवश्यकता ।
नेवसा फॉल में आजादी के बाद से नेटवर्क नही पहुँच पाया।
नेवसा फॉल को सरकार NIC में जगह दी जाए।
नेवसा फॉल के पानी को सहेजने आगे बडा बांध बनाया जाए।
नेवसा फॉल की गुफाओं की जानकारी सूचक पटल लगाया जाए।


Conclusion:बाइट 01 राजेश विश्वकर्मा,डिंडौरी वरिष्ठ पत्रकार
बाइट 02 शिखा शर्मा,जबलपुर निवासी पर्यटक
बाइट 03 रविराज बिलैया,पर्यटक
बाइट 04 सोनदास कनोजे ,मंदिर की देखरेख कर्मी
बाइट 05 बी कार्तिकेयन,जिला कलेक्टर डिंडौरी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.