डिंडौरी। बुधवार को जिला अस्पताल में हुई एक घटना ने फिर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल दी. प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को एम्बुलेन्स से जिला अस्पताल लाया गया. अस्पताल गेट पर एंबुलेंस में महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टॉफ ने कोई सुध नहीं ली. बार-बार बुलाने पर भी कोई भी गर्भवती महिला को अटेंड करने आया. चंद मिनिट बाद एम्बुलेंस में महिला का प्रसव हो गया और मासूम बच्चे की मौत हो गई.
एंबुलेंस में तड़पती रही प्रसूता
नवजात की मौत जिला अस्पताल की चौखट पर हो गई. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन बने रहे. महिला खाल्हे भंवरखंडी गांव की निवासी थी. उसे प्रसव पीड़ा हुई तो जननी एक्सप्रेस से जिला चिकित्सालय लाया गया था. जननी वाहन जिला चिकित्सालय दोपहर 11:30 बजे पहुंच गया. वाहन के स्टॉफ ने प्रसूता वार्ड में जानकारी दी.सूचना देने के बाद भी स्टाफ बाहर नहीं आया.
बच्चे की मौत बाद नहीं पहुंचा स्टॉफ
इधर महिला की तकलीफ बढ़ती गई. जिसके बाद महिला का प्रसव वाहन में ही हो गया. प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई. जिला चिकित्सालय परिसर में खड़े जननी वाहन के पास दोपहर 1:00 बजे तक कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं पहुंचा. जबकि बच्चे की मौत के बाद महिला की भी हालत खराब थी. उसे इलाज की सख्त जरूरत थी.
सिविल सर्जन बेखबर
इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉ मरावी से पूछा गया तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया. ये पूरी घटना घट गई और उन्हें इस मामले की खबर ही नहीं थी. सवाल करने पर उन्होंने बस इतना जवाब दिया कि दिखवातें हैं.
बताया जा रहा है कि महिला की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं. वो बेहर गरीब परिवार से आती है. लिहाजा अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है.