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आजादी के 73 साल बाद भी मोबाइल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए बैगा गांव, सरकारी योजनाएं पड़ीं ठप

डिंडौरी के बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी की भारी समस्या है, जिसके चलते आदिवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

मंत्री ओमकार सिंह मरकाम
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Published : Nov 15, 2019, 8:40 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 9:58 AM IST

डिंडौरी। एक तरफ केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया, कैशलेस इकॉनमी जैसी बातें करती है, तो वहीं दूसरी तरफ कई इलाके ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की बहुत ज्यादा समस्या है. ये समस्या ट्राइबल इलाकों में और भी गंभीर हो जाती है. प्रदेश में डिंडौरी जिले का बैगा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र आजादी के बाद से ही इस समस्या का दंश झेल रहा है. यहां देश 5G कनेक्टिविटी की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहीं इस पूरे क्षेत्र में मोबाइल टॉवर तक नहीं है. जिले की ये हालत डिजिटल इंडिया के सपने पर सवालिया निशान लगा देती है.

मोबाइल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए बैगा गांव

बता दें कि जिले के बजाग जनपद क्षेत्र चांड़ा समेत कई गांव ऐसे हैं, जहां मोबाइल टॉवरों की कमी है. जिसकी वजह से पर्याप्त कनेक्टिविटी नहीं हो पाती. ऐसे में आदिवासी समाज सरकार की कई योजनाओं से वंचित रह जाता है. विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए कमलनाथ सरकार में मंत्री ओमकार मरकाम ने इस हालत का जिम्मेदार सीधे तौर पर केंद्र को ठहराया.

प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद ही केंद्र सरकार को दो बार मोबाइल टॉवर और इलाके में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पत्र लिखा, लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने कहा कि ये विषय केंद्र का है, राज्य के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि वे मोबाइल टॉवर लगवा सकें. ये जरूर है कि पूर्व में जब कांग्रेस सरकार थी, तब आईएपी योजना के तहत जिलों में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का राज्य के पास अधिकार था, लेकिन मोदी सरकार के बनते ही ये योजना बंद कर दी गई. मंत्री मरकाम ने कहा कि वे जल्द ही सीएम कमलनाथ से इस बारे में बात करेंगे और केंद्र से मांग करेंगे कि समस्या का समाधान जल्द से जल्द करें.

डिंडौरी। एक तरफ केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया, कैशलेस इकॉनमी जैसी बातें करती है, तो वहीं दूसरी तरफ कई इलाके ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की बहुत ज्यादा समस्या है. ये समस्या ट्राइबल इलाकों में और भी गंभीर हो जाती है. प्रदेश में डिंडौरी जिले का बैगा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र आजादी के बाद से ही इस समस्या का दंश झेल रहा है. यहां देश 5G कनेक्टिविटी की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहीं इस पूरे क्षेत्र में मोबाइल टॉवर तक नहीं है. जिले की ये हालत डिजिटल इंडिया के सपने पर सवालिया निशान लगा देती है.

मोबाइल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए बैगा गांव

बता दें कि जिले के बजाग जनपद क्षेत्र चांड़ा समेत कई गांव ऐसे हैं, जहां मोबाइल टॉवरों की कमी है. जिसकी वजह से पर्याप्त कनेक्टिविटी नहीं हो पाती. ऐसे में आदिवासी समाज सरकार की कई योजनाओं से वंचित रह जाता है. विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए कमलनाथ सरकार में मंत्री ओमकार मरकाम ने इस हालत का जिम्मेदार सीधे तौर पर केंद्र को ठहराया.

प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद ही केंद्र सरकार को दो बार मोबाइल टॉवर और इलाके में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पत्र लिखा, लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने कहा कि ये विषय केंद्र का है, राज्य के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि वे मोबाइल टॉवर लगवा सकें. ये जरूर है कि पूर्व में जब कांग्रेस सरकार थी, तब आईएपी योजना के तहत जिलों में इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का राज्य के पास अधिकार था, लेकिन मोदी सरकार के बनते ही ये योजना बंद कर दी गई. मंत्री मरकाम ने कहा कि वे जल्द ही सीएम कमलनाथ से इस बारे में बात करेंगे और केंद्र से मांग करेंगे कि समस्या का समाधान जल्द से जल्द करें.

Intro:एंकर _ भारत देश जिस तरह से नेटवर्क के क्षेत्र में डिजिटल होता जा रहा है वैसे ही बैगा क्षेत्र दिन ब दिन नेटवर्किंग से दूर जा रहे है।इसे दुर्भाग्य ही कहे कि देश मे 4जी कनेक्टिविटी होने के बावजूद बैगा बाहुल्य इलाके में अब तक मोबाइल टावर के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने कोई प्रयास नही किया।हालांकि अब केंद्र में बीते 5 सालों से ज्यादा से केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार है पर बीते 15 सालों से डिंडौरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक।यही कारण है कि बार बार नेटवर्क बढ़ाने की मांग करने के बाद भी डिंडौरी जिले के बजाग जनपद क्षेत्र के बैगा ग्राम चाडा और आसपास में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए अब तक कोई ठोस कदम नही उठाये जा सके।जिसके चलते शासकीय योजनाएं चाहे केंद्र की हो या प्रदेश की, सरकारी तंत्र को संचालित करने में कठिनाईयो से सामना करना पड़ रहा है । जिसका सीधा खामयाजा भोले भाले आदिवासी बैगा भुगत रहे है।वही इस मामले में कमलनाथ सरकार के मंत्री मोदी सरकार पर सीधा आरोप लगा रहे हैं


Body:वि ओ 01 मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के कद्दावर आदिवासी जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम अपने जिला सहित विधानसभा क्षेत्र का लगातार दौरा कर सरकारी योजनाओं की जानकारी आदिवासी बैगाओं को सभा और कार्यक्रम के माध्यम से दे रहे है।लेकिन जब मंत्री से सवाल किया गया कि बैगा बाहुल्य ग्राम चाडा में मोबाइल नेटवर्क देश की आजादी के बाद से अब तक नही पहुँचा तो उन्होंने इसके लिए सीधा जिम्मेदार भाजपा की केंद्र सरकार को बताया।मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का कहना है कि उनके मंत्री बनने के बाद तीसरे दिन ही एक पत्र केंद्र सरकार को लिखा ,जिसमें बैगा ग्रामों को मोबाइल टॉवर लगाकर कनेक्टिविटी से जोड़ने की मांग की ।आरोप है की अब तक उसमें कोई ध्यान केंद्र सरकार ने नही दिया।

12 हजार 400 गाँव नेटवर्क विहीन _ प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का कहना है कि प्रदेश के 12 हजार 400 गाँव अभी भी नेटवर्क विहीन है जिसके लिए उनकी सरकार प्रयास कर रही है।अब तक तीन बार मंत्री ओमकार सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे गाँवो की जानकारी दे चुके है लेकिन कोई ध्यान नही दिया गया।मंत्री मरकाम ने कहा कि अब प्रदेश सरकार के मुखिया कमलनाथ से मिलकर अपने हक के लिए केंद्र से लड़ाई लड़नी पड़ेगी।क्योंकि जब उनकी कांग्रेस की सरकार थी तब आईएपी योजना चलती थी जिसमे बजट आता था लेकिन मोदी सरकार के आते ही वह योजना बंद कर दी गई।


Conclusion:बाइट 01 ओमकार सिंह मरकाम,जनजातीय कार्य मंत्री,मप्र
Last Updated : Nov 15, 2019, 9:58 AM IST
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