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बेजुबान पशुओं की जान से हो रहा खिलवाड़, बांटी जा रही एक्सपायर दवाईयां

आदिवासी बहुल जिला डिंडौरी स्थित पशु अस्पताल में ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो लापरवाहियों की लंबी सूची बन गई. स्टोर में एक्सपायर दवाईयां मिलीं, तो डॉक्टरों के भी अनियमित रहने की बात सामने आई.

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Published : May 28, 2020, 12:35 AM IST

Messing with the life of unruly animals
बेजुबान पशुओं की जान से हो रहा खिलवाड़

डिंडौरी। जिले में पशुपालन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय द्वारा एक्सपायरी डेट की दवा बांटने की बात भी आ रही है. इस बात की तफ्तीश ईटीवी भारत की टीम के द्वारा की गई तो मामले में बड़ी लापरवाही खुलकर सामने आई.

आदिवासी बहुल जिला डिंडौरी में बेजुबान पशुओं की जान से हो रहा खिलवाड़

जिला पशु चिकित्सालय में मिली एक्सपायर दवाईयां

जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में रखी कई दवाइयां एक्सपायरी डेट की मिली, जो चिकित्सालय के काउंटर में रखी हुई थीं. ये आदिवासी बहुल जिला है, जहां पशु मालिक अधिकांश गरीब और अशिक्षित होते हैं. ऐसे में जिला पशु चिकित्सालय से मिली एक्सपायरी डेट की दवा खिलाने से मूक जानवर काल के गाल में समा सकते हैं.

पशु मालिकों का यह भी आरोप है कि ड्यूटी चार्ट के अनुसार विभाग के कर्मियों को सुबह 7 बजे से दोपहर 11 बजे तक रहना चाहिए. लेकिन डॉ डिम्पी सिंह रोजाना सुबह 7 बजे की जगह 9 बजे पशु अस्पताल पहुंचती हैं, जिनके इंतजार में दूर-दराज के पशु मालिकों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

एक पशुपालक नरबद यादव का कहना है कि पशु अस्पताल से उन्हें उनकी गाय के इलाज के लिए दवाई नहीं मिलती हैं, जिसके चलते उन्हें मजबूरन बाजार से दवा या इंजेक्शन खरीदना पड़ता है. इनकी गाय को मस्से की बीमारी है, जिसके चलते पूरे अंग में मस्सा फैल रहा है.

डॉक्टर कभी समय से नहीं आती

पशु चिकित्सालय के उपस्थिति रजिस्टर में डॉ डिम्पी सिंह की रोजाना हाजिरी नहीं रहती है. जबकि उनके कार्यालय के अन्य सभी कर्मियों की उपस्थिति लगभग शत प्रतिशत दर्ज है. ऐसे में डॉ डिम्पी सिंह की लापरवाही कई मायनों में बर्दाश्त करने लायक नहीं है.

इस मामले में पशु चिकित्सालय में पदस्थ चतुर्थवर्गीय कर्मचारी त्रिलोक सिंह ने भी यह माना है कि डॉ डिम्पी सिंह के दफ्तर आने का कोई समय तय नहीं है. वे हर रोज दफ्तर सुबह 9 बजे के बाद ही आती हैं.

डिंडौरी। जिले में पशुपालन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय द्वारा एक्सपायरी डेट की दवा बांटने की बात भी आ रही है. इस बात की तफ्तीश ईटीवी भारत की टीम के द्वारा की गई तो मामले में बड़ी लापरवाही खुलकर सामने आई.

आदिवासी बहुल जिला डिंडौरी में बेजुबान पशुओं की जान से हो रहा खिलवाड़

जिला पशु चिकित्सालय में मिली एक्सपायर दवाईयां

जिला मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में रखी कई दवाइयां एक्सपायरी डेट की मिली, जो चिकित्सालय के काउंटर में रखी हुई थीं. ये आदिवासी बहुल जिला है, जहां पशु मालिक अधिकांश गरीब और अशिक्षित होते हैं. ऐसे में जिला पशु चिकित्सालय से मिली एक्सपायरी डेट की दवा खिलाने से मूक जानवर काल के गाल में समा सकते हैं.

पशु मालिकों का यह भी आरोप है कि ड्यूटी चार्ट के अनुसार विभाग के कर्मियों को सुबह 7 बजे से दोपहर 11 बजे तक रहना चाहिए. लेकिन डॉ डिम्पी सिंह रोजाना सुबह 7 बजे की जगह 9 बजे पशु अस्पताल पहुंचती हैं, जिनके इंतजार में दूर-दराज के पशु मालिकों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

एक पशुपालक नरबद यादव का कहना है कि पशु अस्पताल से उन्हें उनकी गाय के इलाज के लिए दवाई नहीं मिलती हैं, जिसके चलते उन्हें मजबूरन बाजार से दवा या इंजेक्शन खरीदना पड़ता है. इनकी गाय को मस्से की बीमारी है, जिसके चलते पूरे अंग में मस्सा फैल रहा है.

डॉक्टर कभी समय से नहीं आती

पशु चिकित्सालय के उपस्थिति रजिस्टर में डॉ डिम्पी सिंह की रोजाना हाजिरी नहीं रहती है. जबकि उनके कार्यालय के अन्य सभी कर्मियों की उपस्थिति लगभग शत प्रतिशत दर्ज है. ऐसे में डॉ डिम्पी सिंह की लापरवाही कई मायनों में बर्दाश्त करने लायक नहीं है.

इस मामले में पशु चिकित्सालय में पदस्थ चतुर्थवर्गीय कर्मचारी त्रिलोक सिंह ने भी यह माना है कि डॉ डिम्पी सिंह के दफ्तर आने का कोई समय तय नहीं है. वे हर रोज दफ्तर सुबह 9 बजे के बाद ही आती हैं.

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