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माता ब्रजेश्वरी का मंदिर बना आस्था का केंद्र, नवरात्र में उमड़ी भक्तों की भीड़

डिंडौरी के शहरपुरा में मां ब्रजेश्वरी मंदिर में भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं. नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है.

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Published : Oct 5, 2019, 8:15 AM IST

Updated : Oct 5, 2019, 9:09 AM IST

मां ब्रजेश्वरी करती हैं भक्तों की मुराद पूरी

डिंडौरी। देश भर में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले के शहपुरा में मां ब्रजेश्वरी मंदिर में प्रथम दिन से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना कर रहे हैं.

मां ब्रजेश्वरी करती हैं भक्तों की मुराद पूरी

जिला मुख्यालय से 9 किमी दूर जबलपुर-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलगी नदी के तट पर अमठेरा घाट में मां ब्रजेश्वरी का मंदिर स्थित है. यहां मां ब्रजेश्वरी कि मूर्ति 42 वर्ष पुरानी है. ब्रजेश्वरी माता मंदिर के नीचे बलवंतेश्वर मंदिर भी है यहां भगवान शिवजी विराजमान है. यहां का प्राकृतिक वातावरण भी बहुत मनोरम है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसकी सारे मनोकामना पुरी होती है.

मंदिर के पंडा जेठूलाल झारिया ने बताया कि यहां दोनों नवरात्रि चैत्र और क्वांर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मां दुर्गा की स्थापना भी करते हैं. वही ग्रामीण आकाश साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है. यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते है. बसंत पंचमी के अवसर पर यहां मेला लगता है.

डिंडौरी। देश भर में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले के शहपुरा में मां ब्रजेश्वरी मंदिर में प्रथम दिन से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना कर रहे हैं.

मां ब्रजेश्वरी करती हैं भक्तों की मुराद पूरी

जिला मुख्यालय से 9 किमी दूर जबलपुर-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलगी नदी के तट पर अमठेरा घाट में मां ब्रजेश्वरी का मंदिर स्थित है. यहां मां ब्रजेश्वरी कि मूर्ति 42 वर्ष पुरानी है. ब्रजेश्वरी माता मंदिर के नीचे बलवंतेश्वर मंदिर भी है यहां भगवान शिवजी विराजमान है. यहां का प्राकृतिक वातावरण भी बहुत मनोरम है. मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसकी सारे मनोकामना पुरी होती है.

मंदिर के पंडा जेठूलाल झारिया ने बताया कि यहां दोनों नवरात्रि चैत्र और क्वांर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मां दुर्गा की स्थापना भी करते हैं. वही ग्रामीण आकाश साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है. यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते है. बसंत पंचमी के अवसर पर यहां मेला लगता है.

Intro:ईटीवी भारत स्पेशल स्टोरी

नवरात्रि के प्रथम दिन से ही मां ब्रजेश्वरी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शारदेय नवरात्र में शहपुरा सहित आसपास के ग्रामीण यहां मां ब्रजेश्वरी के दर्शन करने पहुँच रहे हैं ।भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना माता से कर रहे हैं ।
42 साल पहले हरियाणा के चंडीगढ़ निवासी संत योगानन्द गुप्ता ने की थी मंदिर की स्थापना ।Body:ईटीवी भारत स्पेशल स्टोरी
डिंडौरी-
नवरात्रि के प्रथम दिन से ही मां ब्रजेश्वरी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शारदेय नवरात्र में शहपुरा सहित आसपास के ग्रामीण यहां मां ब्रजेश्वरी के दर्शन करने पहुँच रहे हैं ।भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना माता से कर रहे हैं ।
ज्ञात हो कि शहपुरा मुख्यालय से 9 किमी दूर जबलपुर-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलगी नदी के तट पर अमठेरा घाट में मां ब्रजेश्वरी का मंदिर स्थित है । यहां मां ब्रजेश्वरी मूर्ति 42 वर्ष पुरानी है । ब्रजेश्वरी माता मंदिर के नीचे बलवंतेश्वर मंदिर भी है जो कि शिव जी मंदिर है। यहां का प्राकृतिक वातावरण भी बहुत मनोरम है। यहाँ की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसके सारे मनोकामना पूर्ण होती है। यहाँ दूर दूर से भक्त माता के दरबार में आते है , यहाँ दोनों ही नवरात्र में भक्तों की भीड़ रहती है ।


यहां शहपुरा सहित आसपास के कई ग्राम के लोगों के आस्था का केंद्र बनी हुई है । बताया जाता है कि यहां मां ब्रजेश्वरी मंदिर की स्थापना 42 साल पहले हरियाणा के चंडीगढ़ निवासी संत योगानन्द गुप्ता जी को मां ब्रजेश्वरी ने दर्शन दिया था । उसके बाद उनके द्वारा यहां मंदिर का निर्माण कराया गया ।

यहां मां ब्रजेश्वरी मंदिर के व्यवस्थापक चंडीगढ़ निवासी राजू गुप्ता उर्फ़ बजरंगी बताते हैं कि उनके पिता संत योगानन्द गुप्ता को माता ब्रजेश्वरी ने दर्शन दिया था । जिसके बाद लगभग 42 साल पहले उनके द्वारा यहां मंदिर का निर्माण कराया गया । तब से लेकर आज तक यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर मां ब्रजेश्वरी और बलवंतेश्वर के दर्शन को आते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं ।

मां ब्रजेश्वरी मंदिर के पंडा जेठूलाल झारिया ने बताया कि यहां दोनों नवरात्रि चैत्र और क्वांर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है । यहां मां दुर्गा की स्थापना भी करते हैं । यहां जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं माता अवश्य पूरी करती हैं ।

ग्रामीण आकाश साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है ।यह लोगों की आस्था का केन्द्र है । यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते है । बसंत पंचमी के अवसर पर यहां मेला लगता है ।
नवरात्रि में यहां भंडारे और कन्या भोजन कराया जाता है ।


बाइट1- राजू गुप्ता उर्फ़ बजरंगी, व्यवस्थापक, मां ब्रजेश्वरी मंदिर

बाइट2- जेठू लाल झारिया, पंडा, मां ब्रजेश्वरी मंदिर

बाइट3- आकाश साहू, ग्रामीणConclusion: शहपुरा मुख्यालय से 9 किमी दूर जबलपुर-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलगी नदी के तट पर अमठेरा घाट में मां ब्रजेश्वरी का मंदिर स्थित है । यहां मां ब्रजेश्वरी मूर्ति 42 वर्ष पुरानी है । ब्रजेश्वरी माता मंदिर के नीचे बलवंतेश्वर मंदिर भी है जो कि शिव जी मंदिर है। यहां का प्राकृतिक वातावरण भी बहुत मनोरम है। यहाँ की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसके सारे मनोकामना पूर्ण होती है।
Last Updated : Oct 5, 2019, 9:09 AM IST
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