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अजब एमपी का गजब स्कूल! एक अतिथि शिक्षक और एक ही कमरे में लग रही पांच कक्षाएं

डिंडौरी के शासकीय प्राइमरी स्कूल के एक ही कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे है, जबकि एक अतिथि शिक्षक के सहारे स्कूल संचालित हो रहा है.

अजब एमपी का गजब स्कूल!
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Published : Sep 8, 2019, 3:32 PM IST

डिंडौरी। जिले के अमरपुर विकास खंड के मोहारी गांव के नवीन प्राथमिक शाला में कुल चार कमरे हैं, जिनमें से दो कमरे की छतों से लगातार प्लास्टर गिर रहे हैं. स्कूल में सिर्फ एक ही शिक्षिका पदस्थ है, जोकि अतिथि शिक्षक है, जिनका कहना है कि स्कूल की स्थिति बहुत खराब है, स्कूल में कुल 23 बच्चे हैं, जिन्हें एक कमरे में ही 5 कक्षाओं को संचालित करना पड़ता है.

अजब एमपी का गजब स्कूल!


स्कूल के नियमित अध्यापक हेमंत उइके का ट्रांसफर ढोलबीजा कर दिया गया है, जिसके बाद से कोई नया नियमित शिक्षक अभी तक नहीं आया है. इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि जिला स्तर से जिले भर के 298 स्कूलों की सूची पहले ही भेजी जा चुकी है, जिनमें मरम्मत होना जरूरी है, लेकिन केवल 52 भवनों के मरम्मत के लिए विभाग से स्वीकृति मिली है.


वहीं जिले में 19 नये भवन निर्माण के लिए अनुमति मिली थी, लेकिन पिछले 2 सालों से वह भी बजट की कमी के चलते नहीं शुरु हो सका.

डिंडौरी। जिले के अमरपुर विकास खंड के मोहारी गांव के नवीन प्राथमिक शाला में कुल चार कमरे हैं, जिनमें से दो कमरे की छतों से लगातार प्लास्टर गिर रहे हैं. स्कूल में सिर्फ एक ही शिक्षिका पदस्थ है, जोकि अतिथि शिक्षक है, जिनका कहना है कि स्कूल की स्थिति बहुत खराब है, स्कूल में कुल 23 बच्चे हैं, जिन्हें एक कमरे में ही 5 कक्षाओं को संचालित करना पड़ता है.

अजब एमपी का गजब स्कूल!


स्कूल के नियमित अध्यापक हेमंत उइके का ट्रांसफर ढोलबीजा कर दिया गया है, जिसके बाद से कोई नया नियमित शिक्षक अभी तक नहीं आया है. इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि जिला स्तर से जिले भर के 298 स्कूलों की सूची पहले ही भेजी जा चुकी है, जिनमें मरम्मत होना जरूरी है, लेकिन केवल 52 भवनों के मरम्मत के लिए विभाग से स्वीकृति मिली है.


वहीं जिले में 19 नये भवन निर्माण के लिए अनुमति मिली थी, लेकिन पिछले 2 सालों से वह भी बजट की कमी के चलते नहीं शुरु हो सका.

Intro:एंकर _ डिंडोरी जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित होने वाले शासकीय प्राइमरी स्कूलों की हालत बेहद खराब है । शिक्षा के जिस मंदिर में देश के नौनिहाल अपना भविष्य संवारने पहुंच रहे हैं वह जर्जर और सुविधा हीन है । स्कूलों की कहीं छत गिर रही है तो कहीं से पानी टपक रहा है। वहीं स्कूलों में नियमित अध्यापक ही नहीं है ,शिक्षा व्यवस्था अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रही है। वहीं जिले के प्रभारी शिक्षा अधिकारी इस पर प्रदेश सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं । जिले के स्कूलों की मरम्मत और निर्माण ना होने के लिए बजट का रोना रो रहे हैं । अगर यही हाल रहा तो बेहतर शिक्षा और सुरक्षा कैसे संभव होगी यह एक बड़ा सवाल है ?


Body:वि ओ 01 हम बात कर रहे है डिंडौरी जिले के अमरपुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम मोहारी के नवीन प्राथमिक शाला बड़े टोला की।जहाँ कुल 4 कमरे है जिनमें से 2 इतने जर्जर है कि आये दिन कमरे की सीलिंग गिर रही है।स्कूल में महज एक ही शिक्षक है जो महिला अतिथि है ।नियमित अध्यापक हेमंत उइके का ट्रांसफर ढोलबीजा कर दिया गया जिसके बाद से कोई नही पहुँचा। वही अतिथि शिक्षिका सुलोचना कुशराम का कहना है कि स्कूल की हालत बहुत खराब है स्कूल में कुल 23 बच्चे है जिन्हें एक कमरे में ही 5 कक्षाओं को संचालित करने पड़ता है ।

वि ओ 02 वही इस मामले में जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा का साफ तौर पर कहना है कि जिला स्तर से जिले भर के 298 ऐसे स्कूलों की सूची पहले ही भेजी है चुकी है जिनमे मरम्मत होना जरूरी है लेकिन केवल 52 भवनों के मरम्मत के लिए विभाग से स्वीकृति मिली है। वही जिले में 19 नवीन भवन के लिए स्वीकृति मिली थी।लेकिन पिछले 2 वर्षों से वह भी नही मिला बजट की कमी के चलते।जैसे ही बजट मिलता है वैसे ही नवीन और पुराने जर्जर स्कूल भवनों के लिए कार्यवाही की जाएगी।


Conclusion:बाइट 01 सुलोचना कुशराम,अतिथि शिक्षक,शा,न,स मोहारी
बाइट 02 राघवेंद्र मिश्रा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी,डिंडौरी
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