डिंडौरी। रविवार को जबलपुर कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी ने डिंडौरी जिले का दौरा किया. जहां कमिश्नर महेश चंद्र ने शहपुरा विधानसभा क्षेत्र में हो रहे मनरेगा के कार्यों, क्वॉरेंटाइन सेंटरों और गेहूं खरीदी केंद्रों का निरीक्षण जिला कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ किया. कमिश्नर के इस दौरे के बाद कई लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि डिंडौरी जिला ग्रीन जोन में है, ऐसे में जबलपुर रेड जोन से अधिकारियों का जिले में प्रवेश करना कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देना है. जबकि कार्यों की समीक्षा वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती है. बता दें कि जबलपुर में हर रोज कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जो फिलहाल पॉजिटिव केस 92 है और 1 की मौत हो चुकी है.
कमिश्नर के दौरे से हर कोई हैरत में
इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने जबलपुर कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी से बात की तो उनका कहना था कि मॉनिटिरिंग करने में कोई बंधन नही है. हैरत की बात है कि एक ओर जहां खुद कमिश्नर ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जबलपुर की स्थिति को गंभीर बताया और डिंडौरी जिले को इससे बेहतर बताते हुए तारीफ की, तो क्या जरूरत थी कमिश्नर जबलपुर को रेड जोन से निकल कर अन्य सुरक्षित जिलों में जाने की.
सावधानी या लापरवाही
कोरोना वायरस संक्रमित बीमारी है, जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है. लेकिन जबलपुर कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी अपने वाहन में स्वयं तो बैठे ही और साथ में डिंडौरी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी बैठाया. जो सोशल डिस्टेंस के नियमों का उल्लंघन है. इसके अलावा कमिश्नर के दौरे के दौरान लगभग एक 12 से ज्यादा सरकारी वाहनों का काफिला साथ में था.
अधिकारियों के साथ दौरे पर पहुंचे कमिश्नर ने दोपहर बाद डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचकर भोजन किया. इसके बाद जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सभी विभाग प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कोरोना वायरस से जुड़े हर पहलुओं पर चर्चा की गई. कमिश्नर ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अन्य जिलों से डिंडौरी आने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य चेकअप, राशन सहित रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना है. वही जलसंकट की स्थिति न बने इसकी भी चर्चा की गई है.