ETV Bharat / state

ऊपर खुली छत, नीचे पुलिया, मंत्री के क्षेत्र में ऐसे चलता है सरकारी स्कूल - सड़क

कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम के क्षेत्र में बच्चे पुलिया के ऊपर बैठकर तालीम ले रहे है.

फोटो
author img

By

Published : Feb 13, 2019, 11:49 PM IST

डिंडौरी। मध्यप्रदेश में सत्ता बदली, निजाम बदला, लेकिन हालात आज भी जस के तस हैं. सरकारी स्कूलों की हालत तो भगवान भरोसे है, जबकि बच्चों का भविष्य अधर में क्योंकि सोनतीरथ गांव में स्कूल की इमारत जमींदोज हो चुकी है, जिसकी सुध कोई नहीं ले रहा, लिहाजा खुले आसमान के नीचे पुल के ऊपर बैठकर मासूमों को अपना भविष्य मुकम्मल करना पड़ रहा है.

वीडियो
undefined


दरअसल, करंजिया विकासखंड के सोनतीरथ गांव का जर्जर स्कूल भवन बारिश के दिनों में जमींदोज हो गया था. गांव में कोई दूसरा सरकारी भवन नहीं है, जहां स्कूल संचालित किया जा सके. लिहाजा शिक्षकों ने पुलिया के ऊपर ही स्कूल लगाने का फैसला लिया और करीब चार महीने गुजरने के बाद भी अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. हैरत की बात तो ये है कि प्रदेश सरकार में आदिवासी विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम खुद करंजिया विकास खंड के बरनई गांव के निवासी हैं. उनके इलाके में सरकारी स्कूल पुलिया के ऊपर चल रहा है.

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में शिक्षा व्यवस्था की बागडोर आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित किया जाता है और मंत्री के इलाके में ही जब ये आलम है तो ऐसे में प्रदेश के अन्य इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की हालत कैसी होगी. ग्रामीणों ने शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर मंत्री ओमकार मरकाम के प्रति नाराजगी व्यक्त कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. जिले में 67 ऐसे स्कूल हैं जो जर्जर भवनों में संचालित होते हैं या फिर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे चल रहे हैं.

undefined

डिंडौरी। मध्यप्रदेश में सत्ता बदली, निजाम बदला, लेकिन हालात आज भी जस के तस हैं. सरकारी स्कूलों की हालत तो भगवान भरोसे है, जबकि बच्चों का भविष्य अधर में क्योंकि सोनतीरथ गांव में स्कूल की इमारत जमींदोज हो चुकी है, जिसकी सुध कोई नहीं ले रहा, लिहाजा खुले आसमान के नीचे पुल के ऊपर बैठकर मासूमों को अपना भविष्य मुकम्मल करना पड़ रहा है.

वीडियो
undefined


दरअसल, करंजिया विकासखंड के सोनतीरथ गांव का जर्जर स्कूल भवन बारिश के दिनों में जमींदोज हो गया था. गांव में कोई दूसरा सरकारी भवन नहीं है, जहां स्कूल संचालित किया जा सके. लिहाजा शिक्षकों ने पुलिया के ऊपर ही स्कूल लगाने का फैसला लिया और करीब चार महीने गुजरने के बाद भी अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. हैरत की बात तो ये है कि प्रदेश सरकार में आदिवासी विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम खुद करंजिया विकास खंड के बरनई गांव के निवासी हैं. उनके इलाके में सरकारी स्कूल पुलिया के ऊपर चल रहा है.

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में शिक्षा व्यवस्था की बागडोर आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित किया जाता है और मंत्री के इलाके में ही जब ये आलम है तो ऐसे में प्रदेश के अन्य इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की हालत कैसी होगी. ग्रामीणों ने शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर मंत्री ओमकार मरकाम के प्रति नाराजगी व्यक्त कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. जिले में 67 ऐसे स्कूल हैं जो जर्जर भवनों में संचालित होते हैं या फिर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे चल रहे हैं.

undefined
ख़बर ftp में भेज दी है।

Slug Name_MP_DINDORI_SPECIAL STORY_12 FEB

स्टोरी - पुल पर शिक्षा
एंकर _ आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है,तमाम सरकारी दावों एवं शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलता यह मामला डिंडौरी जिले के सोनतीरथ गांव का है जहां सरकारी स्कूल पुल के ऊपर लगाया जा रहा है,स्कूल भवन नहीं होने के कारण नन्हे मुन्हे छात्रों को खुले आसमान के नीचे सड़क के बीचोंबीच पुलिया के ऊपर बैठकर पढ़ना पड़ रहा है

वि ओ 01_ वहीँ जिले के जवाबदार अधिकारी सबकुछ जानते हुये कुछ करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हुये हैं। दरअसल करंजिया विकासखंड के सोनतीरथ गांव का जर्जर स्कूल भवन बारिश के दिनों में जमींदोज हो गया था,गांव में कोई दूसरा सरकारी भवन नहीं है जहाँ स्कूल संचालित किया जा सके लिहाजा शिक्षकों ने पुलिया के ऊपर ही स्कूल लगाने का फैसला लिया और करीब चार महीने गुजरने के बाद भी अधिकारीयों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।

वि ओ 02_ हैरत की बात तो यह है कि प्रदेश सरकार में आदिवासी विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम खुद करंजिया विकासखंड के बरनई गांव के निवासी हैं और उनके ही गृह इलाके में सरकारी स्कूल पुलिया के ऊपर संचालित है,हम आपको बता दें कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में शिक्षा व्यवस्था की बागडोर आदिवासी विकास विभाग द्धारा संचालित की जाती है और मंत्री जी के इलाके में ही जब ये आलम है तो ऐसे में प्रदेश के अन्य इलाको में शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। ग्रामीणों ने शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर मंत्री ओमकार मरकाम के प्रति नाराजगी व्यक्त कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं

वि ओ 03_ वहीँ जानकारी के अनुसार जिले में 67 ऐसे स्कूल हैं जो जर्जर भवनों में संचालित हैं या फिर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे लग रहे हैं जिसकी जानकारी उन्होंने अपने वरिष्ठ कार्यालय को भेज दी है लेकिन बजट आवंटन नहीं होने के कारण स्कूल भवनों का निर्माण नहीं हो पाया है।

बाइट 1 - विजय सारीवान,शिक्षक 
बाइट 2 - हरनाम सिंह धुर्वे,स्थानीय ग्रामीण 
बाइट 3 - गंगा सिंह शिक्षक
बाइट 4- देवसिंह परस्ते छात्र
बाइट 5_ग्रामीण महिला
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.