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मंदिर की घंटी बजते ही दौड़ा चला आता है 'हनी', रोजाना सुबह-शाम आरती में होता है शामिल - Dindori

क्या सुबह और क्या शाम दोनों पहर की आरती में मां का ये अनोखा भक्त लगाता है हाजिरी. आरती के बाद जयकारे भी लगाता है हनी. जिसे लोग चमत्कार मानते हैं.

मां का अनोखा भक्त
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Published : Oct 1, 2019, 5:55 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:27 PM IST

डिंडौरी। यूं तो नवरात्रि के पावन पर्व पर सब मां की आराधना में लीन रहते हैं, पर डिंडौरी जिले में एक ऐसा भक्त है, जो एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे तीन साल से मां की आराधना में मगन है. क्या सुबह और क्या शाम दोनों पहर की आरती में मां का ये अनोखा भक्त मौजूद रहता है, आरती के वक्त मंदिर के घंटे की आवाज सुनकर ऐसे दौड़ लगाता है, मानो कोई उसे अपनी ओर खींच रहा हो. मां के ऐसे अनोखे भक्त की भक्ति देख लोग इसे देवी चमत्कार मानते हैं.

कुछ लोग इसे पुराने जन्म से जोड़ कर देख रहे हैं. मां का ये भक्त आरती के बाद जोरदार जयकारे भी माइक से लगाता है. ये भक्त कोई इंसान नहीं बल्कि एक स्वान है. डिंडौरी के हंस नगर में स्थित भवतारिणी नर्मदा मंदिर का निर्माण नर्मदा नदी के उत्तर तट पर वर्ष 2010 में हुआ था. इस मंदिर के पुजारी दिनेश गौतम का कहना है कि वे पिछले सात सालों से इस मंदिर में दोनों समय पूजा करते आ रहे हैं, लेकिन देखने में आया है कि पिछले तीन सालों से जब भी सुबह-शाम की आरती के वक्त मंदिर की घंटियां बजाई जाती हैं, उसे सुनकर हनी नाम का कुत्ता जहां भी रहता है, दौड़ते हुए मंदिर पहुंच जाता है.

मां को अनोखा भक्त

नर्मदा मंदिर में जब तक आरती होती है, तब तक हनी शांति से अपने दोनों पैरों को आगे कर भक्तिभाव से मां की आरती सुनता है. मां की आरती के बाद जब मंदिर में जयकारे लगाए जाते हैं तो हनी माइक से जोरदार जयकारे भी लगाता है और तब तक लगाता है, जब तक जयकारे लगाना बंद न हो जाये. वहीं रहवासियों का कहना है कि हनी का नाता कहीं न कहीं मां से पुराना है, जिसके चलते वह आज भी उनकी आरती में पूरी आस्था के साथ शामिल होता है.

पूर्व जन्म का है कुछ नाता या चमत्कार !
मां नर्मदा के प्रति हनी की भक्ति-भावना को देख आसपास के सभी नागरिक हैरान हैं. हंस नगर के लोग हनी की इस भक्ति को पूर्व जन्म से जोड़कर देखते हैं और चमत्कार ही मानते हैं. डिंडौरी के हंसनगर के रहवासी नारायण शर्मा बताते हैं कि हनी एकादशी का व्रत भी रखता है, इसका पता तब चला, जब वह उस दिन का प्रसाद नहीं खाता है. हनी की खासियत ये है कि यह किसी का फेंका जूठा नहीं खाता. मंदिर में जब भी रामायण पाठ होता है, हनी उसमें पूरे समय शामिल रहता है. हनी ने आजतक क्षेत्र के किसी भी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया है. वह साल के 365 दिन में 355 दिन मंदिर आता है. अगर वह किसी कारण मंदिर नहीं आ पाता है तो वह मंदिर कि घंटी सुन वहीं से जयकारे लगाता है.

नोटः ईटीवी भारत किसी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. ये खबर स्थानीय लोगों के बताये अनुसार लिखी गई है.

डिंडौरी। यूं तो नवरात्रि के पावन पर्व पर सब मां की आराधना में लीन रहते हैं, पर डिंडौरी जिले में एक ऐसा भक्त है, जो एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे तीन साल से मां की आराधना में मगन है. क्या सुबह और क्या शाम दोनों पहर की आरती में मां का ये अनोखा भक्त मौजूद रहता है, आरती के वक्त मंदिर के घंटे की आवाज सुनकर ऐसे दौड़ लगाता है, मानो कोई उसे अपनी ओर खींच रहा हो. मां के ऐसे अनोखे भक्त की भक्ति देख लोग इसे देवी चमत्कार मानते हैं.

कुछ लोग इसे पुराने जन्म से जोड़ कर देख रहे हैं. मां का ये भक्त आरती के बाद जोरदार जयकारे भी माइक से लगाता है. ये भक्त कोई इंसान नहीं बल्कि एक स्वान है. डिंडौरी के हंस नगर में स्थित भवतारिणी नर्मदा मंदिर का निर्माण नर्मदा नदी के उत्तर तट पर वर्ष 2010 में हुआ था. इस मंदिर के पुजारी दिनेश गौतम का कहना है कि वे पिछले सात सालों से इस मंदिर में दोनों समय पूजा करते आ रहे हैं, लेकिन देखने में आया है कि पिछले तीन सालों से जब भी सुबह-शाम की आरती के वक्त मंदिर की घंटियां बजाई जाती हैं, उसे सुनकर हनी नाम का कुत्ता जहां भी रहता है, दौड़ते हुए मंदिर पहुंच जाता है.

मां को अनोखा भक्त

नर्मदा मंदिर में जब तक आरती होती है, तब तक हनी शांति से अपने दोनों पैरों को आगे कर भक्तिभाव से मां की आरती सुनता है. मां की आरती के बाद जब मंदिर में जयकारे लगाए जाते हैं तो हनी माइक से जोरदार जयकारे भी लगाता है और तब तक लगाता है, जब तक जयकारे लगाना बंद न हो जाये. वहीं रहवासियों का कहना है कि हनी का नाता कहीं न कहीं मां से पुराना है, जिसके चलते वह आज भी उनकी आरती में पूरी आस्था के साथ शामिल होता है.

पूर्व जन्म का है कुछ नाता या चमत्कार !
मां नर्मदा के प्रति हनी की भक्ति-भावना को देख आसपास के सभी नागरिक हैरान हैं. हंस नगर के लोग हनी की इस भक्ति को पूर्व जन्म से जोड़कर देखते हैं और चमत्कार ही मानते हैं. डिंडौरी के हंसनगर के रहवासी नारायण शर्मा बताते हैं कि हनी एकादशी का व्रत भी रखता है, इसका पता तब चला, जब वह उस दिन का प्रसाद नहीं खाता है. हनी की खासियत ये है कि यह किसी का फेंका जूठा नहीं खाता. मंदिर में जब भी रामायण पाठ होता है, हनी उसमें पूरे समय शामिल रहता है. हनी ने आजतक क्षेत्र के किसी भी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया है. वह साल के 365 दिन में 355 दिन मंदिर आता है. अगर वह किसी कारण मंदिर नहीं आ पाता है तो वह मंदिर कि घंटी सुन वहीं से जयकारे लगाता है.

नोटः ईटीवी भारत किसी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. ये खबर स्थानीय लोगों के बताये अनुसार लिखी गई है.

Intro:एंकर _ यू तो नवरात्र पर्व में सभी माँ की आराधना में लीन है।लेकिन हम डिंडौरी जिले के ऐसे भक्त को दिखाने जा रहे है जो एक दो दिन नही बल्कि पूरे 3 सालो से माँ की आराधना में मग्न है। क्या सुबह और क्या शाम दोनो पहर की आरती में माँ का यह अनोखा भक्त दोनो समय देता है हाजिरी।आरती के पूर्व मंदिर के घंटे आवाज सुन ऐसे दौड़ लगाता है मानो कोई उसे अपनी ओर खींच रहा हो। माँ के ऐसे अनोखे भक्त की भक्ति देख लोग इसे देवी चमत्कार मानते है।कुछ इसे पूर्व के जन्म से जोड़ कर देख रहे है। माँ का यह भक्त आरती के बाद जोरदार जयकारे भी माइक में लगाता है। कौन है यह भक्त, क्या है इसका राज,जानिए पुजारी की जुबानी _


Body:वि ओ 01 डिंडौरी नगर के हंस नगर स्थित यह है भवतारिणी नर्मदा मंदिर जिसका निर्माण नर्मदा नदी के उत्तर तट पर वर्ष 2010 में हुआ था। इस मंदिर के पुजारी दिनेश गौतम का कहना है कि वे पिछले 7 वर्षों से इस नर्मदा मंदिर में दोनो समय पूजा करते आ रहे है। लेकिन देखने मे आया है कि पिछले 3 सालों से जब भी सुबह और शाम की आरती के पूर्व मंदिर की घंटियां बजाई जाती है उसे सुनकर हनी नाम का कुत्ता जहाँ भी रहता है वह दौड़ते मंदिर पहुँच जाता है। नर्मदा मंदिर में आरती जब शुरू होती है तब तक वह कुत्ता शांति से अपने दोनों पैरों को आगे कर भक्तिभाव से सुनता है । माँ की आरती के समापन के बाद जब मंदिर में जयकारे लगाए जाते है तो हनी माइक से जोरदार जयकारे लगाता है और तब तक लगाता है जब तक जयकारे लगना बंद न हो जाये।

पूर्व जन्म का है कुछ नाता _ माँ नर्मदा के प्रति कुत्ता हनी की भक्ति भावना को देखकर आसपास के सभी नागरिक हैरान है। हंस नगर के लोग हनी की इस भक्ति को पूर्व जन्म से जोड़कर देखते है और चमत्कार ही मानते है।डिंडौरी के हँसनगर के रहवासी नारायण शर्मा कहते है कि हनी एकादशी का व्रत भी रखता है इसका पता तब चलता है जब वह उस दिन का प्रसाद नही खाता है।हनी की खासियत यह है कि यह किसी का फेका झूठा नही खाता है।मंदिर में जब भी रामायण पाठ होती है हनी उसमें पूरे समय शामिल रहता है।हनी ने आजतक क्षेत्र के किसी भी बच्चे को नुकसान नही पहुचाया है।वह साल के 365 दिन में 355 दिन मंदिर आता है।अगर वह किसी कारण मंदिर नही आ पाता है तो वह मंदिर कि घंटी सुन वही से जयकारे लगाता है।


Conclusion:बाइट 01 दिनेश गौतम_पुजारी
बाइट 02 नारायण शर्मा,स्थानीय निवासी
बाइट 03 सी एल चौकसे,स्थानीय निवासी
Last Updated : Oct 2, 2019, 1:27 PM IST
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