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होली के दिन लगने जा रहा साल का पहला चन्द्रग्रहण, जानें ग्रहण और सूतक काल का समय

Chandra Grahan 2024: चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों ही खगोलीय घटनाएं हैं, इन्हें अशुभ लेकिन महत्वपूर्ण माना जाता है. जब ग्रहण पड़ता है तो इसका सूतक काल भी प्रभावी होता है क्योंकि सूतक काल में कोई भी पूजापाठ या शुभकार्य नहीं किए जाते हैं. इस वर्ष दो चन्द्रग्रहण हैं पहला चंद्रग्रहण होली के दिन पड़ने वाला है. आइये जानते हैं साल के दोनों चंद्रग्रहण के बारे में. कब लगेंगे ये ग्रहण और कितना होगा सूतक काल.

2024 Chandra Grahan
चंद्र ग्रहण 2024
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2024, 2:29 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 2:34 PM IST

Lunar Eclipse Date Time: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और इनके बदलाव से होने वाले असर की गणना की जाती है. इसमें दो खगोलीय घटनाओं का बहुत महत्व है जिन्हें देखकर भी नज़र अन्दाज़ नहीं किया जा सकता है. ये सूर्य और चंद्र ग्रहण हैं. जिन्हें अशुभ और नकारात्मकता का प्रत्येक माना जाता है. 2024 खगोलीय घटनाओं के लिहाज़ से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि इस वर्ष एक नहीं बल्कि दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण पड़ने वाले हैं. आज बात करेंगे इस साल पड़ने वाले दोनों चन्द्रग्रहण के बारे में कि ये ग्रहण कब कब, कितने बजे लगेंगे और इनका सूतक काल क्या होगा.

होली के दिन लगेगा ग्रहण: इस वर्ष दो बार चंद्रग्रहण लगने जा रहे हैं. पहला मार्च और दूसरा और आख़िरी सितंबर के महीने में. इस वर्ष सबसे पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण है जो होली के दिन यानी 25 मार्च को लगने जा रहा है. ज्योतिष्चार्य पंडित शिव मल्होत्रा बताते हैं कि, इस वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण होली के दिन भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर लगेगा. और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी. यानी इस ग्रहण का समय काल 4 घंटे 20 मिनट का होगा.

अधीरात में शुरू होगा सूतककाल: जब ग्रहण होता है तो इसे नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है इसलिए ग्रहण के दौरान भगवान की पूजापाठ भी वर्जित होती है. मंदिरों के पट बंद कर दिये जाते हैं. यानी पूरी तरह सूतक के नियमों का पालन किया जाता है. पहले चन्द्र ग्रहण के समय भी सूतक काल ज्योतिष नियमों के अनुसार 9 घंटे पूर्व से रहेगा जो ग्रहण से पहले 25 मार्च की शुरुआत के साथ ही आधि रात 1 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो जायेगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जायेगा.

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भारत में दिखाई नहीं देगा पहला चंद्र ग्रहण: खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, इस वर्ष पड़ने वाले चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे. ऐसे में कई ज्योतिषियों का मानना है कि भारत में ग्रहण ना दिखने की वजह से इसका असर भी नहीं होगा इसलिए सूतककाल भी यहाँ मान्य नहीं होगा जिससे होली के दिन बिना किसी परेशानी पूजा आदि के कार्य करने में कोई परेशानी नहीं है. हालाँकि कई ज्योतिषविदों का तह भी मानना है कि ग्रहण भले ही भारत में नहीं दिखाई दे रहा लेकिन वह पृथ्वी पर तो पड़ता है. ऐसे में ग्रहण का पृथ्वी पर सूतक लगता ही है इसलिए नियमानुसार सूतककाल का पालन सभी को करना चाहिए.

सितंबर में लगेगा साल का आखरी चंद्रग्रहण: मार्च के बाद इस वर्ष का आख़िरी चंद्रग्रहण 18 सितंबर को होगा ये ग्रहण अलसुबाह क़रीब 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा. जबकि इसकी समाप्ति सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर हो जायेगी. हालाँकि यह ग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

Lunar Eclipse Date Time: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और इनके बदलाव से होने वाले असर की गणना की जाती है. इसमें दो खगोलीय घटनाओं का बहुत महत्व है जिन्हें देखकर भी नज़र अन्दाज़ नहीं किया जा सकता है. ये सूर्य और चंद्र ग्रहण हैं. जिन्हें अशुभ और नकारात्मकता का प्रत्येक माना जाता है. 2024 खगोलीय घटनाओं के लिहाज़ से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि इस वर्ष एक नहीं बल्कि दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण पड़ने वाले हैं. आज बात करेंगे इस साल पड़ने वाले दोनों चन्द्रग्रहण के बारे में कि ये ग्रहण कब कब, कितने बजे लगेंगे और इनका सूतक काल क्या होगा.

होली के दिन लगेगा ग्रहण: इस वर्ष दो बार चंद्रग्रहण लगने जा रहे हैं. पहला मार्च और दूसरा और आख़िरी सितंबर के महीने में. इस वर्ष सबसे पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण है जो होली के दिन यानी 25 मार्च को लगने जा रहा है. ज्योतिष्चार्य पंडित शिव मल्होत्रा बताते हैं कि, इस वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण होली के दिन भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर लगेगा. और इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी. यानी इस ग्रहण का समय काल 4 घंटे 20 मिनट का होगा.

अधीरात में शुरू होगा सूतककाल: जब ग्रहण होता है तो इसे नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है इसलिए ग्रहण के दौरान भगवान की पूजापाठ भी वर्जित होती है. मंदिरों के पट बंद कर दिये जाते हैं. यानी पूरी तरह सूतक के नियमों का पालन किया जाता है. पहले चन्द्र ग्रहण के समय भी सूतक काल ज्योतिष नियमों के अनुसार 9 घंटे पूर्व से रहेगा जो ग्रहण से पहले 25 मार्च की शुरुआत के साथ ही आधि रात 1 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो जायेगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जायेगा.

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सितंबर में लगेगा साल का आखरी चंद्रग्रहण: मार्च के बाद इस वर्ष का आख़िरी चंद्रग्रहण 18 सितंबर को होगा ये ग्रहण अलसुबाह क़रीब 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा. जबकि इसकी समाप्ति सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर हो जायेगी. हालाँकि यह ग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

Last Updated : Jan 3, 2024, 2:34 PM IST
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