डिंडौरी। जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला शहपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां पर बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां रयपुरा की बच्ची को अपना हाथ गंवाना पड़ गया है. परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. अब असहाय पिता दिव्यांग मासूम बेटी को साथ लेकर कर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.
जानकारी के मुताबिक नवमी कक्षा की छात्रा कुछ समय पहले स्कूल में खेलते वक्त फिसलकर गिर गई थी, जिससे उसके हाथ मे गम्भीर चोट आई थी. परिजनों ने आरोप लगाया है कि बच्ची को उपचार के लिए शहपुरा के सरकारी अस्पताल में लेकर आए थे, जहां डॉक्टर ईश्वर सिंह ठाकुर ने छात्रा के हाथ में प्लास्टर तो बांधा, लेकिन दो दिन बाद ही बच्ची के हाथ में गैंगरीन हो गया.
इसके बाद पीड़ित पिता रवि झारिया बच्ची को जबलपुर मेडिकल कॉलेज लेकर आए, जहां बच्ची की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को हाथ काटना पड़ा. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ईश्वर ने गलत ढंग से प्लास्टर बांधा था, जिसके कारण उनकी बेटी को हाथ गंवाना पड़ गया. वहीं पीड़िता के पिता ने डॉक्टर पर कार्रवाई किए जाने को लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में गुहार लगाई है.
वहीं इस विषय पर शहपुरा सरकारी अस्पताल के बीएमओ डॉ ईश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि ये सब आरोप निराधार हैं, जिस दिन घटना घटी है, वे उस दिन भोपाल में थे. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के सीएचएमओ बच्ची का बेहतर इलाज कराने के साथ दोषियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.