डिंडौरी। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. इसका एक उदाहरण डिंडौरी से सामने आया है, जहां दुष्कर्म पीड़िता, महिला आरक्षक के साथ दिनभर एमएलसी (मेडिको लीगल सर्टिफिकेट) के लिए भटकती रही, लेकिन ड्यूटी में तैनात महिला डॉक्टर ने दुष्कर्म पीड़िता की एमएलसी करने से साफ इंकार कर दिया.
डिंडौरी के जिला अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर के इस रवैये से महिला आरक्षक ना सिर्फ हैरत में पड़ गई, बल्कि डॉक्टर की शिकायत महिला आरक्षक ने सिविल सर्जन से की है.
महिला आरक्षक ने बताया कि वह एक दुष्कर्म पीड़िता की एमएलसी के लिए जिला अस्पताल गई थीं. डिंडौरी जिला अस्पताल की डॉक्टर मिनी मॉसकॉले को एमएलसी के लिए लिखा गया था, लेकिन डॉक्टर मिनी मॉसकॉले ने पीड़ित महिला की एमएलसी करने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद वह समस्या को लेकर सिविल सर्जन के पाई गईं, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ है.
पूरे मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर बीपी कोले ने बताया कि महिला डॉक्टर की ड्यूटी चार्ट के अनुसार लगाई गई थी. यदि महिला डॉक्टर ने दुष्कर्म पीड़िता की एमएलसी नहीं की है. तो इस मामले में लापरवाही बरतने वाली महिला डॉक्टर को शो कॉज नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी.