डिंडोरी। शाहपुरा राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगने और बंधक बनाकर प्रताड़ित करने की शिकायत के बाद राई मेहंदवानी के निलंबित पटवारी सोहन लाल साहू के समर्थन में मध्य प्रदेश पटवारी संघ की डिंडोरी इकाई ने एक बार फिर एक जुड़ता दिखाई है. संघ ने निष्पक्षता से जांच की मांग को लेकर कलेक्टर बी कार्तिकेयन के नाम एसडीएम मनीषा भगवती पांडे को ज्ञापन सौंपा है. संघ का कहना है कि शिकायत के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों में से शाहपुरा तहसीलदार एनएल वर्मा का नाम जांच से अलग क्यों रखा गया. इसके साथ ही अन्य कई तार्किक चीजों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है.
दरअसल मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने पूर्व में राई मेहंदवानी में पदस्थ पटवारी द्वारा शहपुरा के तत्कालीन एसडीएम महेश मंडलोई, तहसीलदार एनएल वर्मा और नायब तहसीलदार ऋषभ ठाकुर पर लगाए गंभीर आरोपों की घटना के बाद कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा था. इस पर संज्ञान लेते हुए शहपुरा एसडीएम महेश मंडलोई को डिंडौरी अटैच कर अपर कलेक्टर मिनिषा भगवती पांडेय को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया. इसके लिए पटवारी संघ ने कलेक्टर के प्रति आभार जताया, लेकिन जांच में कुछ बिंदुओं पर निराशा हाथ लगने पर संघ ने फिर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.
पटवारी संघ ने निष्पक्ष जांच के लिए तीन बिंदुओं पर निवेदन किया है. संघ ने लिखा है कि मुख्य आरोपियों में से शहपुरा तहसीलदार का नाम जांच से मुक्त रखा गया है. वहीं तत्कालीन नायब तहसीलदार ऋषभ ठाकुर भी वर्तमान पदस्थापना और प्रभाव से जांच की दिशा बदल सकते हैं. इसलिए निर्भीक जांच के लिए उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने की मांग की है. संघ ने तीसरे बिंदु में कहा है कि तत्कालीन एसडीएम महेश मंडलोई ने आरोपी तहसीलदार को ही पटवारी सोहन साहू के निलंबन के बाद विभागीय जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किया है. इन बिंदुओं पर पटवारी संघ सहमत नहीं है और कलेक्टर से इनकी गंभीरता से पड़ताल कराकर दोषियों पर सख्त एक्शन लेने की मांग की है. वहीं संघ ज्ञापन में यह भी कहा है की रयपुरा के तत्कालीन नायब तहसीलदार ऋषभ ठाकुर वर्तमान पदस्थापना और प्रभाव से जांच की दिशा बदल सकते हैं.