डिंडौरी। मंगलवार की शाम मढ़ियारास से फरियाद लेकर नाती के साथ बुजुर्ग कोतवाली थाना शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था. बुजुर्ग की शिकायत थी कि उसके खेत के तालाब से कुछ लोग मछली लगातार चोरी कर रहे हैं. शिकायत कर जब बुजुर्ग अपने दिव्यांग नाती के साथ वापस जा रहा था, तभी टीआई की नजर उसके दिव्यांग नाती के एक हाथ में रखे बल्ले पर पड़ी. टीआई साहब ने दिव्यांग बच्चे से बात की और कोतवाली क्रिकेट मैदान बन गया.
दरअसल फरियादी रामकुमार का नाती नसीब जिसका बायां हाथ नहीं है और दाएं हाथ में उसकी चार अंगुलिया थी. बावजूद इसके नाती ने क्रिकेट का बल्ला पकड़ा था. बल्ला हाथों में लेकर जब नसीब अपने दादा रामकुमार के साथ शिकायत लिखवा कर बाहर जा रहा था तो टीआई सीके सिरामे की नजर नसीब पर पड़ी.
टीआई ने नसीब से पूछा कि बल्ले का क्या करते हो तो उसने फट से जवाब दिया कि क्रिकेट खेलता हूं. टीआई को नसीब इतना इम्प्रेस कर गया कि उन्होंने क्रिकेट की पूरी सामग्री ही मंगा ली, वहीं थाने में कुछ समाज सेवी भी ये नजारा देख रहे थे, जिन्होंने गर्म कपड़े नसीब को दिलवाए. देखते ही देखते गरीब नन्हे दिव्यांग का नसीब भी चमक उठा फिर क्या था, जमकर चौके-छक्के लगने लगे. स्टम्प के पीछे खड़े हवलदार कीपिंग कर रहे थे और थानेदार साहब दिव्यांग नसीब को गेंदबाजी.
इस दौरान टीआई सीके सिरामे ने नन्हे नसीब को क्रिकेट की बारीकियां बताई, जिसे नसीब बखूबी समझ गया. वहीं दिव्यांग नसीब वनवासी को टीआई के द्वारा दिए गए गिफ्ट से खुशी का ठिकाना न रहा तो वहीं उसके दादा रामकुमार को टीआई किसी भगवान से कम नजर नहीं आ रहे थे. बहरहाल नन्हे दिव्यांग नसीब की किस्मत डिंडौरी थाने आने पर चमक उठी.