डिंडौरी। जिले में पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई गई सघन बस्ती विकास योजना का बजाग जनपद की ग्राम शोभापुर में दुरूपयोग किया गया. किसान के खेत से लगे नाले पर बन रही पुलिया को बस्ती विकास मद से 10 लाख रुपये की राशि तत्कालीन मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने दी थी, लेकिन पंचायत और सप्लायर की मिलीभगत से 10 लाख में राशि साढ़े 7 लाख निकाल ली गई और मौके पर 7 रुपये का काम भी नहीं हुआ. ग्रामीणों को परेशानियों का सामना आज भी करना पड़ रहा है. वहीं सीईओ बजाग ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा सघन बस्ती विकास का मद आदिवासी विकास विभाग के जरिये ग्राम पंचायत को सीधे खाते में दिया गया था. जिसका उद्देश्य आदिवासी जिलों में बस्ती का विकास कर इसका फायदा ग्रामीणों को पहुंचाया जाना था. जिसमें सीसी सड़क, रंगमंच, पुलिया, स्टाॅपडेम शामिल थे. जिसके लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने करोड़ों का बजट भी जारी किया था. ग्राम पंचायत शोभापुर में वर्तमान में निर्माण कार्यों की जांच बेहद जरूरी है. ताकि गुणवत्ता की पोल जनता के सामने खोली जा सके. शोभापुर की ग्राम पंचायत के नानबाई टोला के ग्रामीण मंगल की माने तो दो टोला को जोड़ने वाले नाले में पुलिया बनाई जानी थी, जहां कुछ माह पहले पत्थर डाला गया था, लेकिन बारिश शुरू होने से काम रोक दिया गया मंगल ने कहा, काम जल्द चालू होना चाहिए ताकि ग्रामीणों को एक टोले से दूसरे टोला जाने में आसानी हो सके.
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
मामले में डिंडौरी की महिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोषी रामजी साहू से बात की गई तो उनका कहना था कि बस्ती विकास योजना कांग्रेस सरकार की महत्वपूर्ण योजना थी. जिसका मसकद आदिवासी इलाके की बस्ती का विकास करना था. वर्तमान में सरकार भाजपा की है तो राशि उन्ही के इशारे पर निकाली गई होगी. पुलिया का निर्माण होना चाहिए यही मांग है.
सीईओ को राशि निकालने की है जानकारी
ऐसा नहीं है कि शोभापुर ग्राम पंचायत का पहली मर्तबा गड़बड़ी का मामला सामने आया है. सीईओ बजाग स्वाति सिंह की माने तो इसके पहले भी दो बार उनके द्वारा शोभापुर पंचायत के सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला पंचायत सीईओ को लिख चुकी हैं. सीईओ बजाग ने कहा कि रही बात शोभापुर ग्राम पंचायत में बन रही पुलिया की जिसकी राशि 10 लाख में से साढ़े 7 लाख रुपये पंचायत द्वारा निर्माण कार्य के पहले निकालने की तो वह उनके संज्ञान में आई है. उसकी जांच करवाकर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
मौके पर पहुंचा ईटीवी भारत
बहरहाल ईटीवी भारत ने जब मौके का मुआयना किया तो कार्य स्थल पर नाले में केवल पत्थर बिखरे पड़े थे. बाकी का मटेरियल सिर्फ बिल पर ही दिखाई दिया. जिसे सरकारी एप पंचायत दर्पण में अपलोड किया गया है. जिस फर्म ने मटेरियल के नाम पर 3 लाख 36 हजार का भारी भरकम बिल लगाया है. वह गाड़ासरई के राय कंस्ट्रक्शन के नाम से दिख हो रहा हैस जिसकी जांच होनी चाहिए.