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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी 96 लाख की सड़क, 7 दिनों में ही तोड़ा दम ! - bjp in dindori

आदिवासी जिला डिंडौरी के लिखनी गांव में आजादी के बाद पहली बार बनने वाली सड़क बनते ही उखड़ने लगी. सड़क बनाने के लिए करीब 96 लाख की मंजूरी दी गई थी. लेकिन लोकनिर्माण विभाग ने महज 75 लाख रुपये में सड़क निर्माण करवा दिया. ग्रामीणों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कृष्णा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

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96 लाख की सड़क में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 21, 2021, 12:32 PM IST

डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के लिखनी गांव में आजादी के बाद पहली बार सड़क बनाने की जितनी खुशी ग्रामीणों को थी. उतनी ही खुशी नोनिहलों को भी थी . जिनके साइकिल के पहिये कभी उबड़-खाबड़ पगडंडियों में चला करती थी. लोकनिर्माण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे की मानें तो सड़क निर्माण के लिए 94 लाख रुपये की लागत मंजूर हुई थी. लेकिन विभाग ने लगभग 75 लाख रुपये में परमार कंस्ट्रक्शन को सड़क बनाने का काम दे दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने गांव में सड़क सिर्फ 7 दिन में ही बना दी.

96 लाख की सड़क में भ्रष्टाचार

दो गांवों को जोड़ने के लिए बनी सड़क उखड़ी

ईटीवी भारत को लिखनी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने के 7 दिनों बाद ही खराब हो गई. सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि ग्रामीणों के हाथ से ही सड़क उखड़ रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कृष्णा परमार जो बीजेपी नेता हैं, उन्होंने सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया है.

बिना बेस के सड़क बनाने का आरोप

मझियाखार और लिखनी के गांव वालों ने लोकनिर्माण विभाग के ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बताया कि महज सात दिन पहले बनी सड़क को हाथों से उखाड़ा जा सकता है. सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में बेस के नाम पर बड़े-बड़े पत्थरों को बिछा दिया गया और रोलर चलाए बिना ही डामरीकरण कर दिया गया.

बीजेपी नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप

सड़क का निर्माण डिंडौरी जिले के मझियाखार से लिखनी गांव को जोड़ने के लिए हुआ था. लोकनिर्माण विभाग ने सड़क निर्माण का ठेका बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष कृष्णा परमार द्वारा संचालित परमार कंस्ट्रक्शन को दिया था.

नेता के रसूख के आगे विभाग नतमस्तक

लिखनी गांव के ग्रामीणों ने बीजेपी नेता पर घटिया सड़क निर्माण का आरोप लगाते हुए एसडीएम व कलेक्टर से भी शिकायत की है. उन्होंने बताया कि बीजेपी नेता के रसूख के आगे प्रशासन भी कार्रवाई करने से कतरा रहा है. वहीं जब लोकनिर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एमएस धुर्वे से बात की गई तो वह ठेकेदार का बचाव करते हुए बताया कि सड़क उन्होंने खड़े होकर बनवाई है गुणवत्ता भी सही है.

सड़क की गुणवत्ता की हो जांच

इन सब के बीच महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोषी रामजी साहू ने ईटीवी भारत की ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग की तारीफ करते हुए कहा, कि जब शासन कांग्रेस का था तो पूर्व मंत्री व डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने यह सड़क की सौगात गांव मझियाखार और लिखनी को दी थी. लेकिन सरकार बदलते ही ठेका भाजपा के नेता को मिल गया. जिसके बाद सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया. महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने मामले की जांच की मांग की है ताकि ग्रामीणों को बेहतर और टिकाऊ सड़क मिल सके.

डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के लिखनी गांव में आजादी के बाद पहली बार सड़क बनाने की जितनी खुशी ग्रामीणों को थी. उतनी ही खुशी नोनिहलों को भी थी . जिनके साइकिल के पहिये कभी उबड़-खाबड़ पगडंडियों में चला करती थी. लोकनिर्माण के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे की मानें तो सड़क निर्माण के लिए 94 लाख रुपये की लागत मंजूर हुई थी. लेकिन विभाग ने लगभग 75 लाख रुपये में परमार कंस्ट्रक्शन को सड़क बनाने का काम दे दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने गांव में सड़क सिर्फ 7 दिन में ही बना दी.

96 लाख की सड़क में भ्रष्टाचार

दो गांवों को जोड़ने के लिए बनी सड़क उखड़ी

ईटीवी भारत को लिखनी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने के 7 दिनों बाद ही खराब हो गई. सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि ग्रामीणों के हाथ से ही सड़क उखड़ रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कृष्णा परमार जो बीजेपी नेता हैं, उन्होंने सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया है.

बिना बेस के सड़क बनाने का आरोप

मझियाखार और लिखनी के गांव वालों ने लोकनिर्माण विभाग के ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बताया कि महज सात दिन पहले बनी सड़क को हाथों से उखाड़ा जा सकता है. सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में बेस के नाम पर बड़े-बड़े पत्थरों को बिछा दिया गया और रोलर चलाए बिना ही डामरीकरण कर दिया गया.

बीजेपी नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप

सड़क का निर्माण डिंडौरी जिले के मझियाखार से लिखनी गांव को जोड़ने के लिए हुआ था. लोकनिर्माण विभाग ने सड़क निर्माण का ठेका बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष कृष्णा परमार द्वारा संचालित परमार कंस्ट्रक्शन को दिया था.

नेता के रसूख के आगे विभाग नतमस्तक

लिखनी गांव के ग्रामीणों ने बीजेपी नेता पर घटिया सड़क निर्माण का आरोप लगाते हुए एसडीएम व कलेक्टर से भी शिकायत की है. उन्होंने बताया कि बीजेपी नेता के रसूख के आगे प्रशासन भी कार्रवाई करने से कतरा रहा है. वहीं जब लोकनिर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एमएस धुर्वे से बात की गई तो वह ठेकेदार का बचाव करते हुए बताया कि सड़क उन्होंने खड़े होकर बनवाई है गुणवत्ता भी सही है.

सड़क की गुणवत्ता की हो जांच

इन सब के बीच महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोषी रामजी साहू ने ईटीवी भारत की ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग की तारीफ करते हुए कहा, कि जब शासन कांग्रेस का था तो पूर्व मंत्री व डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने यह सड़क की सौगात गांव मझियाखार और लिखनी को दी थी. लेकिन सरकार बदलते ही ठेका भाजपा के नेता को मिल गया. जिसके बाद सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया. महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने मामले की जांच की मांग की है ताकि ग्रामीणों को बेहतर और टिकाऊ सड़क मिल सके.

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