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सरकारी स्कूल के बच्चों ने कलेक्टर को लिखा पत्र, कहा- अंकल स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा? - अतरिया गांव

कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले डिंडौरी के समनापुर विकासखंड के अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि "कलेक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?"

अंकल स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?
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Published : Sep 24, 2019, 2:24 PM IST

"कलेक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?" ये डर है एक जर्जर हो चुके सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का. स्कूल के बच्चों ने एक नए अंदाज में जिला कलेक्टर को अपनी परेशानियों से अवगत कराया है. बच्चों ने पत्र लिखकर समय रहते प्रशासन को अपने जीवन के प्रति आशंका से अवगत कराया है.

ये बच्चे कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले डिंडौरी के समनापुर विकासखंड के अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय के हैं. जानकारी के अनुसार मासूम बच्चों का ये पत्र समनापुर के समाज सेवियों ने कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार दिलीप मरावी को सौंपा है.

आवेदन के माध्यम से जानकारी दी है कि बच्चे समनापुर के अतरिया स्कूल में पढ़ते हैं, बच्चों का कहना है कि जब वो घर से विद्यालय जाते हैं तब एक कंकड़ भी पैरों में चुभ जाए तो दर्द होता है. अगर ये विद्यालय उनके ऊपर गिरेगा तब कितना दर्द होगा. उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बच्चों ने पत्र में लिखा है कि स्कूल की खराब स्थिति देख उनका विद्यालय आने का मन भी नहीं करता और डर भी लगता है. लेकिन वो अपने माता-पिता को कहते हैं कि स्कूल नहीं जाना तो घरवाले समझते हैं कि पढ़ने का बहाना कर रहे हैं.

अंकल स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?

आगे बच्चों ने लिखा है कलेक्टर अंकल आपसे निवेदन है कि स्कूल को बनवा दें या फिर स्कूल के बाहर अपना एक लेटर लगवा दें की ये विद्यालय कभी भी गिर सकता है. अपने बच्चों को स्कूल न भेंजे. अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन कभी भी गिर जाने की स्थिति में है. एक ही कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षा संचालित हो रही हैं. जिससे बच्चों की पढाई नहीं होती और दूसरे कमरे में आंगनबाड़ी संचालित होती है.

समाज सेवी ग्रुप ने पोस्ट मैन बनकर इस चिट्ठी के माध्यम से बच्चों की परेशानियों के बारे में कलेक्टर को बच्चों और स्कूल की समस्याओं से अवगत कराया.

"कलेक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?" ये डर है एक जर्जर हो चुके सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का. स्कूल के बच्चों ने एक नए अंदाज में जिला कलेक्टर को अपनी परेशानियों से अवगत कराया है. बच्चों ने पत्र लिखकर समय रहते प्रशासन को अपने जीवन के प्रति आशंका से अवगत कराया है.

ये बच्चे कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले डिंडौरी के समनापुर विकासखंड के अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय के हैं. जानकारी के अनुसार मासूम बच्चों का ये पत्र समनापुर के समाज सेवियों ने कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार दिलीप मरावी को सौंपा है.

आवेदन के माध्यम से जानकारी दी है कि बच्चे समनापुर के अतरिया स्कूल में पढ़ते हैं, बच्चों का कहना है कि जब वो घर से विद्यालय जाते हैं तब एक कंकड़ भी पैरों में चुभ जाए तो दर्द होता है. अगर ये विद्यालय उनके ऊपर गिरेगा तब कितना दर्द होगा. उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बच्चों ने पत्र में लिखा है कि स्कूल की खराब स्थिति देख उनका विद्यालय आने का मन भी नहीं करता और डर भी लगता है. लेकिन वो अपने माता-पिता को कहते हैं कि स्कूल नहीं जाना तो घरवाले समझते हैं कि पढ़ने का बहाना कर रहे हैं.

अंकल स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?

आगे बच्चों ने लिखा है कलेक्टर अंकल आपसे निवेदन है कि स्कूल को बनवा दें या फिर स्कूल के बाहर अपना एक लेटर लगवा दें की ये विद्यालय कभी भी गिर सकता है. अपने बच्चों को स्कूल न भेंजे. अतरिया गांव में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन कभी भी गिर जाने की स्थिति में है. एक ही कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षा संचालित हो रही हैं. जिससे बच्चों की पढाई नहीं होती और दूसरे कमरे में आंगनबाड़ी संचालित होती है.

समाज सेवी ग्रुप ने पोस्ट मैन बनकर इस चिट्ठी के माध्यम से बच्चों की परेशानियों के बारे में कलेक्टर को बच्चों और स्कूल की समस्याओं से अवगत कराया.

Intro:कलैक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा..

एंकर-डिंडोरी के समनापुर में
"कलेक्टर अंकल! स्कूल की छत हमारे ऊपर गिरी तो क्या होगा?" यह भय है एक जर्जर हो चुके सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का। जो इन बच्चों ने एक नए अंदाज में जिला कलेक्टर को भेजे पत्र में बयां किया है। इस तरह से बच्चों ने समय रहते प्रशासन को अपने जीवन के प्रति आशंका से अवगत कराया है।

Body:ये बच्चे हैं कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम के गृह डिंडोरी जिले के समनापुर विकासखंड के अतरिया ग्राम में संचालित होने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है। जानकारी के अनुसार मासूम बच्चों का यह पत्र समनापुर के समाज सेवियों ने कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार दिलीप मरावी को सोंपा ।

आवेदन म
के माध्यम से जानकारी दी है बच्चे समनापुर के अतरिया स्कूल में पढते हैं,जब हम घर से विद्यालय जाते हैं तब एक कंकड़ भी हमारे पैरों में चुभ जाये तो दर्द होता है। अगर यह विद्यालय हमारे उपर गिरेगी तब कितना दर्द होगा उसकी कल्पना भी नही कर पा रहे हैं ,विद्यालय की खराब स्थिति देख हमारा मन विद्यालय आने को नहीं करता और डर भी लगता है लेकिन हम अपने माता-पिता को कहते कि हमे स्कूल नहीं जाना है तब हमारे माता-पिता न पढने का बहाना समझते हैं ।
और आगे बच्चों ने लिखा है कलेक्टर अंकल आपसे निवेदन है कि आप हमारे स्कूल को बनवा दें या फिर स्कूल के बाहर अपना एक लेटर लगवा दें की यह विद्यालय कभी भी गिर सकता है अपने बच्चों को न पहुंचाएं ।

"विद्यालय का भवन कभी भी गिर जाने की स्थिति में है एवं एक ही कमरे पहली से पांचवीं तक की कक्षा संचालित है जिससे बच्चों की पढाई नहीं होती।एवं दूसरे कमरे में आंगनवाड़ी संचालित होती है
बताया गया है कि, समाज सेवी ग्रुप ने पोस्टमेन बन इस चिट्ठी के माध्यम से बच्चों की परेशानियो के बारे में कलेक्टर को बच्चों और विद्यालय की समस्याओं से अवगत कराया।Conclusion:
बाइट- सुनील मार्को,छात्र
बाइट-अंजली सैयाम,छात्रा
बाइट- रागिनी उइके शिक्षिका
बाइट- गीता मरावी,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

बाइट-दिलीप मरावी ,नायब तहसीलदार समनापुर
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