डिंडौरी। भीषण गर्मी के चलते पूरे प्रदेश में जल संकट से हाहाकार मचा हुआ है.आदिवासी जिला डिंडौरी में भी लोगों को जलसंकट समस्या से जूझना पड़ रहा है. पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीणों को देखते हुए जब आदिवासी नेता और कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से सवाल किया गया तो उन्होंने इस समस्या के लिए पीएम मोदी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया.
पीएम मोदी पर फोड़ा ठीकरा
मंत्री ओमकार सिंह का आरोप है कि देश मे जब यूपीए की सरकार थी तो जिले के लिए खासा बजट आता था. 5 हजार 400 करोड़ की राशि ग्रामीण पेयजल योजना मिशन के लिए आती थी, लेकिन जब से मोदी सरकार बनी है तब से ये राशि 1हजार 900 करोड़ में सीमित कर दी गयी.
विधानसभा से मिले आंकड़ो के मुताबिक
आंकड़ों के तहत मंत्री ओमकार सिंह ने खुलासा करते हुए कहा, कि पानी की समस्या से जूझ रहे डिंडौरी जिले में ये जल संकट के हालात अभी बने है. इन हालातों के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं. 2013-14 में देश में बनीं मोदी सरकार ने पहला बजट आते ही पेयजल राशि घटाकर कम कर दी. जिसकी वजह से ये हालात बने है .
उन्होंने कहा कि डिंडौरी जिले के लिए बीआरजीएफ योजना के तहत 19 करोड़ प्रतिवर्ष मिलता था, जिसमे आंगनवाड़ी का निर्माण, पंचायत भवन का निर्माण और पेयजल व्यवस्था का निर्माण ये सब चीजे इस योजना के तहत आती है,लेकिन इसे भी मोदी सरकार ने बंद कर दिया.
वहीं आईएपी योजना (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान) के तहत वर्ष 2011-12 में 30 करोड़ प्रति वर्ष आता था. जिसमे मुख्यालय से लेकर जंगल तक के रहने वाले ग्रामीणों के लिए पेयजल की व्यवस्था करते थे. उसे भी मोदी जी ने बंद कर दिया था. ओमकार सिंह ने कहा कि अब प्रदेश में कमलनाथ सरकार है जो पेयजल संकट की समस्या का हल निकालने की कोशिश करेगी.