डिंडौरी। आदिवासी जिले में भ्रष्ट सचिवों पर कार्रवाई की बजाय उनसे लेनदेन कर बहाली का काम जिला पंचायत के कथित अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा सूची बनाकर मोटी रकम भी वसूली जा रही है. जिसका ऑडियो वायरल हुआ है. हालांकि इस ऑडियो की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है. बताया जा रहा है कि जिन नामों का ऑडियो में उल्लेख है वो प्रभावशील और जिम्मेदार अधिकारी हैं. ये ऑडियो बजाग जनपद क्षेत्र में पदस्थ महिला सचिव की बहाली के बाद जिला पंचायत के कथित अधिकारियों द्वारा लेनदेन का सामने आया है. जिसके बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से जांच कर कार्रवाई की मांग की है. वहीं जिला पंचायत सीईओ जांच की बात कह रहे हैं.
मध्यप्रदेश में पंचायती राज अधिनियम के बाद सरपंच और सचिव को सभी वित्तीय शक्तियां दी गई थीं. जिसका उपयोग कर वो अपने ग्राम का और ग्रामीणों का विकास कर सकें. लेकिन ग्राम सचिवों ने इसका दुरुपयोग कर अपने हित के चलते शासकीय राशियों का बंदरबाट करना शुरू कर दिया. ऐसे ही कुछ सचिवों पर कार्रवाई कर उन्हें जिला पंचायत सीईओ ने बर्खास्त कर दिया था, लेकिन जो कथित ऑडियो वायरल हुआ है उसके सामने आने से अब जिला पंचायत के कथित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगे हैं. वायरल ऑडियो जो व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हुआ है वो बजाग जनपद क्षेत्र की किसी पंचायत महिला सचिव का है. जिसने अपनी बहाली को लेकर जिला पंचायत के कुछ अधिकारियों की एक लाख रुपए की डिमांड को न पूरी करते हुए 64 से 70 हजार रुपए दिए हैं. इस रकम का बाकायदा बंटवारा भी कथित रूप से किया गया है.
जहां मामले में कांग्रेस के डिंडौरी जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला ने वायरल ऑडियो की जिला प्रशासन से जांच की मांग की है. साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं अब जिला पंचायत के सीईओ का कहना है कि ऐसे कोई वायरल ऑडियो को लेकर शिकायत नहीं आई है और अगर आती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी. जिला पंचायत सीईओ का ये भी कहना है कि जिले के ऐसे भ्रष्ट सचिवों की लिस्ट है जिसकी जांच की जाएगी, जिन्हें पूर्व में बर्खास्त किया गया था.
नोट- ईटीवी भारत इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.