डिंडौरी। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. डिंडौरी जिले के बजाग जनपद में एक ऐसा परिवार है जो एड्स की बीमारी से जूझ रहा है. घर के मुखिया की एड्स के चलते पहले ही मौत हो चुकी है. एचआईवी पीड़ित महिला सहित दोनों बेटियों को भी एड्स है. महिला आदिवासी जनजाति विभाग के हॉस्टल में पार्ट टाइम नौकरी कर रही थी जिसे अब नौकरी से निकाल दिया गया है. ऐसे में अब महिला अपना और घर का भरण-पोषण नहीं कर पा रही है.
एचआईवी पीड़ित महिला लगभग 8 साल से हॉस्टल में रसोईया का काम कर रही थी जिससे उसके परिवार का भरण पोषण और एचआईवी बीमारी का इलाज चलता था. लेकिन अचानक हॉस्टल में सरकारी कर्मचारी आने से महिला को काम से निकाल दिया गया. अब एचआईवी पीड़िता महिला परेशान हैं. एचआईवी पीड़ित महिला की दो बेटियां हैं और वो दोनों भी एचआईवी पीड़ित हैं.
एचआईवी पीड़ित महिला का कहना है कि उनके पास जो भी जमीन जायदाद और पैसे थे उससे वो अपने पति और दो बच्चों का इलाज करा चुकी है. अब उसके पास कुछ नहीं बचा है जिससे वो बाकी बचे परिवार को पालन-पोषण कर सके. पीड़ित परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है, जिसके उनका भरण-पोषण हो सके और वे इलाज भी करा सके.
इस मामले में डिंडौरी जिले की महिला बाल विकास विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर यूवी तेकाम का कहना है कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है. इस मामले में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी ले कर पीड़ित परिवार की यथासंभव मदद की जायेगी.