डिंडौरी। इस समय देश कोरोना संकट से जूझ रहा है, एक तरफ जहां लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूर दूसरे जिले और राज्यों में फंसे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर मजदूरों को उनकी जीविका और दो वक्त की रोटी की चिंता सता रही है, इस बीच डिंडौरी जिले में मनरेगा योजना के तहत काम तेजी से चल रहा है, जिससे सात विकास खंडों के करीब 90 हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा है.
प्रदेश सरकार के मुताबिक संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार से जारी एडवाइजरी का पालन करते हुए ग्रामीणों को पंचायत स्तर पर ही काम दिए जाएं, ताकि ग्रामीणों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े. डिंडौरी के जिला पंचायत सीईओ ने ईटीवी भारत से बताया कि जिले के 7 विकास खंडों में 90 हजार से ज्यादा मजदूर प्रतिदिन मनरेगा के तहत अपने पंचायत क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
सीईओ एमएल वर्मा ने जिला पंचायत की टीम के साथ डिंडौरी जनपद क्षेत्र के मुड़िया खुर्द, खामहि विदयपुर, बालपुर रैयत गांव का दौरा किया, जहां जलसंरचना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवीन तालाब, निर्मल नीर, कपिल धारा कूप, कंटूट रेंच का कार्य चल रहा है, इन कामों से जहां बारिश के मौसम और उसके बाद लोगों को निस्तार का पानी मिलता रहेगा. साथ ही जल संग्रहण बना रहेगा.
सीईओ ने कहा कि इन विकास खंडों में डिंडौरी, समनापुर, करंजिया, अमरपुर, शहपुरा, मेंहदवानी, बजाग में मनरेगा के तहत काम जारी है, सभी मजदूर सरकार की एडवाइजरी का पालन कर रहे हैं, जिन जगहों पर मनरेगा के तहत काम चल रहा है, वहां के मजदूरों को दो मास्क दिए गए हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जा रहा है. काम करने की जगह पर सैनिटाइजर का भी उपयोग किया जा रहा है.