धार। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी कोरोना वायरस कि वहज से लगे लॉकडाउन में घर चलाना. इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ति मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत की जा रही है. दरअसल मध्यप्रदेश के धार जिले में मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत धार जिले के तिरला में महिला समूह द्वारा पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विमेट्स) बनाकर कोरोना योद्धाओं को सुरक्षित करने का काम किया जा रहा है, तो वहीं पीपीई किट बनाकर लॉकडाउन के समय बेरोजगारी के बीच में ग्रामीण महिलाएं रोजगार पाकर आमदनी कर रही हैं और अपना घर परिवार चला रही हैं.
जिले के ग्राम तिरला में जय गुरुदेव आजीविका सिलाई सेंटर में 10 ग्रामीण महिलाएं धार पुलिस के लिए पीपीई किट बना रही हैं. जिससे सिलाई सेंटर में काम करने वाली ग्रामीण महिलाओं को प्रति किट 50 रुपय की आमदनी हो रही है. प्रत्येक महिला रोजाना 10 से अधिक पीपीई किट सील कर तैयार कर देती हैं. जिससे उन्हें 1 दिन में 500 रुपये की आमदनी हो रही है. प्रतिदिन 500 रुपय की आमदनी करके ग्रामीण महिलाएं लॉकडाउन के समय बड़ी बेरोजगारी के बीच में भी अच्छा खासा रोजगार पाकर घर परिवार चला रही हैं. जिससे उनके चेहरों पर एक अलग सी खुशी है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस को भी जिले में ही तैयार की जा रही सुरक्षित पीपीई किट मिल रही हैं. जिससे वह भी कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को सुरक्षित कर रहे हैं. इस तरह मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मध्यप्रदेश की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है और पीपीई किट से कोरोना योद्धाओं को सुरक्षित भी किया जा रहा है.
तीन हजार पीपीई किट बनाने का टारगेट
धार पुलिस विभाग द्वारा जिला प्रशासन कि मदद से मध्यप्रदेश प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत धार जिले के ग्राम तिरला के जय गुरुदेव आजीविका सिलाई सेंटर की महिला समूह को पुलिस विभाग के लिए 3 हजार पीपीई किट बनाने का काम दिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
12 मई को देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीपीई किट को लेकर बड़ी बात कही थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि, कोरोना वायरस का संक्रमण जैसे देश में बढ़ा वैसे ही पीपीई किट की जरूरत महसूस हुई. इससे पहले देश में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था. परंतु कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच में भारत में 2 लाख पीपीई किट का निर्माण प्रतिदिन किया जा रहा है.