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किसानों की मेहनत पर जंगली सुअरों का कहर, फसलें बर्बाद, अब मुआवजे की आस

लॉकडाउन और प्राकृतिक आपदा के बाद अब फसलों पर जंगली सुअरों ने आक्रमण करना शुरू कर दिया है. जिससे धार जिले के अन्नदाता बेहद परेशान हैं. उनकी हरी-भरी फसल पर सुअरों ने धावा बोल दिया है, जिसकी सूचना जिला प्रशासन को देने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Invasion of wild boars on crops
फसलों में सुअरों का आतंक
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Published : Sep 4, 2020, 11:06 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 11:42 AM IST

धार। कृषि प्रधान देश भारत में अब खेती करना दिन-ब-दिन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. कोरोना काल में अन्नदाताओं ने आर्थिक नुकसान की मार झेली है, जिससे उबरने के लिए अपने खेतों में मक्का, सोयाबीन, गन्ना, तुवर की फसल लगाई है, लेकिन इन फसलों को भी जंगली जानवरों का ग्रहण लग गया है. धार जिले के किसान इन दिनों जंगली सुअरों के उत्पात से परेशान हैं. सुअरों ने कई एकड़ मक्के की फसल को तहस-नहस कर दिया है.

फसलों में सुअरों का आतंक

फसलों पर जंगली सुअरों का आक्रमण

प्राकृतिक आपदा की मार झेलने के बाद अब अन्नदाता की बची फसलों पर रात के अंधेरे में जंगली सुअर अपना निशाना बना रहे हैं. धार जिले के ग्राम हतनावर, खतड़गाव, सुलगाव, पीपल्दागढ़ी के किसान जंगली सुअरों से काफी परेशान हैं. उनकी मक्का, गन्ना, तुंवर, सोयाबीन की हरी-भरी फसलों को रात में सुअर चट कर जाते हैं.

Invasion of wild boars on crops
सुअरों से परेशान किसान

किसानों की हरी-भरी फसल बर्बाद

जिले में इन दिनों आलम ये है कि किसान जब अपने खेतों में पहुंचता है, तो उनकी हरी-भरी फसल खेतों में बिखरी मिलती है. फसलों की बर्बादी को लेकर जब किसान सरकारी अफसरों से बात करते है, तो उन्हें नियमों का हवाला दिया जाता है, जो जख्मों में नमक छिड़कने जैसा है. ऐसे में कृषि प्रधान देश का अन्नदाता आखरी करें तो क्या करें ?

Invasion of wild boars on crops
पूरी फसल बर्बाद

अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

मक्के की खेती करने वाले किसान ललित सिंह सोलंकी बताते हैं कि लॉकडाउन के समय उनकी सब्जी की उपज नहीं बिक पाई, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. उस आर्थिक नुकसान की मार झेलकर जैसे-तैसे मक्के की फसल तैयार की थी, उनमें भी जंगली सुअरों का आक्रमण हो गया है. उनकी तीन बीघा में लगी मक्के की फसल को सुअरों ने खा दिया है, जिससे उनको बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. अब इसकी भरपाई के लिए वह कई बार सरकारी नुमाइंदों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Invasion of wild boars on crops
खेत हुए तहस-नहस

नुकसान की भरपाई कौन करें?

खुजावा गांव के किसान राजेंद्र मंडलोई ने बताया कि आसपास के कई गांवों में जंगली सुअरों के अटैक के कारण बड़ी संख्या में किसानों की मक्का, सोयाबीन, गन्ने की फसलें बर्बाद हुई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है.

इस नुकसान की भरपाई शासन प्रशासन की ओर से मुआवजे के रूप में होनी चाहिए, जिसे लेकर वह कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कई गई है. किसानों को उम्मीद है कि उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई शासन की ओर से जल्द से जल्द की जाए.

Invasion of wild boars on crops
खराब हुआ मक्का

ये भी पढ़े- विस्थापन का दर्द, हर साल बाढ़ में फंस जाती है हजारों जिंदगियां, आखिर कब मिलेगा पूरा हक !

निरीक्षण अधिकारी ने बताया पालतू सुअर

फसलों में जंगली सुअरों के आक्रमण की जानकारी मिलने के बाद निरीक्षण अधिकारी योगेंद्र सिंह मौर्य खेतों में पहुंचे, उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट की टीम ने किसानों के खेतों का निरीक्षण किया है. जिसमें पाया गया है कि खेतों में फसलों को नुकसान जंगली सुअरों ने नहीं बल्कि पालतू सुअरों ने पहुंचाया है, ऐसे में शासकीय नियमानुसार मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है, यदि जंगली सुअरों ने फसलों को बर्बाद किया होता तो मुआवजा शासन जरूर देती.

ये भी पढ़े- भारी बारिश के बीच बढ़े सब्जियों के दाम, गड़बड़ाया आम जनता का बजट

किसानों ने किया जंगली सुअर होने का दावा

निरीक्षण अधिकारी योगेंद्र सिंह मौर्य का ये बयान किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. योगेंद्र सिंह मौर्य का मानना है कि किसानों की फसलों को पालतू सुअरों ने बर्बाद किया है, जिसके चलते उन्हें शासन की तरफ से मुआवजा राशि नहीं मिलेगी.

वहीं किसानों का दावा है कि उनकी फसलों को जंगली सुअरों ने बर्बाद किया है. जो भी कारण हो, किसानों की फसलें तो बर्बाद हो गई, जिससे आर्थिक नुकसान तो किसानों को हुआ है, अब ऐसी स्थिति में आखिर अन्नदाता करें भी तो क्या करें?

धार। कृषि प्रधान देश भारत में अब खेती करना दिन-ब-दिन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. कोरोना काल में अन्नदाताओं ने आर्थिक नुकसान की मार झेली है, जिससे उबरने के लिए अपने खेतों में मक्का, सोयाबीन, गन्ना, तुवर की फसल लगाई है, लेकिन इन फसलों को भी जंगली जानवरों का ग्रहण लग गया है. धार जिले के किसान इन दिनों जंगली सुअरों के उत्पात से परेशान हैं. सुअरों ने कई एकड़ मक्के की फसल को तहस-नहस कर दिया है.

फसलों में सुअरों का आतंक

फसलों पर जंगली सुअरों का आक्रमण

प्राकृतिक आपदा की मार झेलने के बाद अब अन्नदाता की बची फसलों पर रात के अंधेरे में जंगली सुअर अपना निशाना बना रहे हैं. धार जिले के ग्राम हतनावर, खतड़गाव, सुलगाव, पीपल्दागढ़ी के किसान जंगली सुअरों से काफी परेशान हैं. उनकी मक्का, गन्ना, तुंवर, सोयाबीन की हरी-भरी फसलों को रात में सुअर चट कर जाते हैं.

Invasion of wild boars on crops
सुअरों से परेशान किसान

किसानों की हरी-भरी फसल बर्बाद

जिले में इन दिनों आलम ये है कि किसान जब अपने खेतों में पहुंचता है, तो उनकी हरी-भरी फसल खेतों में बिखरी मिलती है. फसलों की बर्बादी को लेकर जब किसान सरकारी अफसरों से बात करते है, तो उन्हें नियमों का हवाला दिया जाता है, जो जख्मों में नमक छिड़कने जैसा है. ऐसे में कृषि प्रधान देश का अन्नदाता आखरी करें तो क्या करें ?

Invasion of wild boars on crops
पूरी फसल बर्बाद

अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

मक्के की खेती करने वाले किसान ललित सिंह सोलंकी बताते हैं कि लॉकडाउन के समय उनकी सब्जी की उपज नहीं बिक पाई, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. उस आर्थिक नुकसान की मार झेलकर जैसे-तैसे मक्के की फसल तैयार की थी, उनमें भी जंगली सुअरों का आक्रमण हो गया है. उनकी तीन बीघा में लगी मक्के की फसल को सुअरों ने खा दिया है, जिससे उनको बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. अब इसकी भरपाई के लिए वह कई बार सरकारी नुमाइंदों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Invasion of wild boars on crops
खेत हुए तहस-नहस

नुकसान की भरपाई कौन करें?

खुजावा गांव के किसान राजेंद्र मंडलोई ने बताया कि आसपास के कई गांवों में जंगली सुअरों के अटैक के कारण बड़ी संख्या में किसानों की मक्का, सोयाबीन, गन्ने की फसलें बर्बाद हुई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है.

इस नुकसान की भरपाई शासन प्रशासन की ओर से मुआवजे के रूप में होनी चाहिए, जिसे लेकर वह कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कई गई है. किसानों को उम्मीद है कि उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई शासन की ओर से जल्द से जल्द की जाए.

Invasion of wild boars on crops
खराब हुआ मक्का

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निरीक्षण अधिकारी ने बताया पालतू सुअर

फसलों में जंगली सुअरों के आक्रमण की जानकारी मिलने के बाद निरीक्षण अधिकारी योगेंद्र सिंह मौर्य खेतों में पहुंचे, उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट की टीम ने किसानों के खेतों का निरीक्षण किया है. जिसमें पाया गया है कि खेतों में फसलों को नुकसान जंगली सुअरों ने नहीं बल्कि पालतू सुअरों ने पहुंचाया है, ऐसे में शासकीय नियमानुसार मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है, यदि जंगली सुअरों ने फसलों को बर्बाद किया होता तो मुआवजा शासन जरूर देती.

ये भी पढ़े- भारी बारिश के बीच बढ़े सब्जियों के दाम, गड़बड़ाया आम जनता का बजट

किसानों ने किया जंगली सुअर होने का दावा

निरीक्षण अधिकारी योगेंद्र सिंह मौर्य का ये बयान किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. योगेंद्र सिंह मौर्य का मानना है कि किसानों की फसलों को पालतू सुअरों ने बर्बाद किया है, जिसके चलते उन्हें शासन की तरफ से मुआवजा राशि नहीं मिलेगी.

वहीं किसानों का दावा है कि उनकी फसलों को जंगली सुअरों ने बर्बाद किया है. जो भी कारण हो, किसानों की फसलें तो बर्बाद हो गई, जिससे आर्थिक नुकसान तो किसानों को हुआ है, अब ऐसी स्थिति में आखिर अन्नदाता करें भी तो क्या करें?

Last Updated : Sep 4, 2020, 11:42 AM IST
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