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ग्रामीणों ने पेश की मानवता की मिसाल, लावारिश को धूमधाम से दी अंतिम विदाई

धार जिले के सरदारपुर विकासखंड अंतर्गत रिंगनोद गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है, ग्रमाणों ने 35 साल से गांव में रह रहे एक लावारिश व्यक्ति की अंतिम यात्रा ढ़ोल नगाड़ों के साथ निकाली और उसे श्रद्धांजलि दी.

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Published : Dec 22, 2019, 12:19 PM IST

Villagers presented the example of humanity in ringnod dhar
ग्रामीणों ने पेश की मानवता की मिसाल

धार। सरदारपुर विकासखंड अंतर्गत रिंगनोद गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जहां ग्रमाणों ने लगभग 35 साल से रिंगनोद के यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद उर्फ उस्ताद को उनके निधन के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि दी.

ग्रामीणों ने पेश की मानवता की मिसाल

विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद लगभग 35 साल से रिंगनोद यात्री प्रतिक्षालय में रह रहे थे. वे बहुत ही मिलनसार शख्स थे. उनकी मौत के बाद गांव के लोगों में शोक है. लोगों ने चंदा इकट्ठा कर उनकी शव यात्रा गांव के सभी सड़कों से निकाली और विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया.

विद्या प्रसाद जब से गांव में आए थे, तभी से लोगों का मन मोहने लगे थे. 35 साल पहले वो आटा चक्की में पिसाई का काम करने लगे थे फिर ड्राइवरी और फिर होटलों में समोसे बनाने का काम करने लगे. इसलिए उन्हें हर कोई अच्छे से जानता था, इसीलिए सभी धर्म समाज के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर के उनको अंतिम विदाई दी.

धार। सरदारपुर विकासखंड अंतर्गत रिंगनोद गांव के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जहां ग्रमाणों ने लगभग 35 साल से रिंगनोद के यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद उर्फ उस्ताद को उनके निधन के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि दी.

ग्रामीणों ने पेश की मानवता की मिसाल

विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद लगभग 35 साल से रिंगनोद यात्री प्रतिक्षालय में रह रहे थे. वे बहुत ही मिलनसार शख्स थे. उनकी मौत के बाद गांव के लोगों में शोक है. लोगों ने चंदा इकट्ठा कर उनकी शव यात्रा गांव के सभी सड़कों से निकाली और विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया.

विद्या प्रसाद जब से गांव में आए थे, तभी से लोगों का मन मोहने लगे थे. 35 साल पहले वो आटा चक्की में पिसाई का काम करने लगे थे फिर ड्राइवरी और फिर होटलों में समोसे बनाने का काम करने लगे. इसलिए उन्हें हर कोई अच्छे से जानता था, इसीलिए सभी धर्म समाज के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर के उनको अंतिम विदाई दी.

Intro:धार- सरदारपुर के पास रिंगनोद के ग्रामीण जनों ने पेश की मिसाल,,, लगभग 35 वर्ष पूर्व रिंगनोद के बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद के नाम से मशहूर के निधन होने पर ग्रामीण जनों ने चंदा एकत्रित कर बैंड बाजों के साथ गांव के प्रमुख मार्गो से शवयात्रा निकालकर विधि विधान से अंतिम क्रिया कर्म किया । जिसमें सर्वधर्म लोगों ने शामिल होकर अंतिम विदाई दी। विद्या प्रसाद ड्राइवर ने अपने मिलनसार व्यवहार से लोगों के दिलों में राज किया Body:धार-सरदारपुर के पास रिंगनोद के ग्रामीण जनों ने पेश की मिसाल,,, लगभग 35 वर्ष पूर्व रिंगनोद के बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद के नाम से मशहूर के निधन होने पर ग्रामीण जनों ने चंदा एकत्रित कर बैंड बाजों के साथ गांव के प्रमुख मार्गो से शवयात्रा निकालकर विधि विधान से अंतिम क्रिया कर्म किया । जिसमें सर्वधर्म लोगों ने शामिल होकर अंतिम विदाई दी। विद्या प्रसाद ड्राइवर ने अपने मिलनसार व्यवहार से लोगों के दिलों में राज किया था। 35 वर्ष पूर्व रिंगनोद में आटा चक्की पिसाई का कार्य , ड्राइवरी, वाह होटलों में कचोरी समोसे बनाने का कार्य सभी में महारत हासिल थी यात्री प्रतीक्षालय के आसपास के दुकानदारों ने अपना व्यवसाय कार्य बंद कर विद्या प्रसाद को अंतिम विदाई दी
Conclusion:धार-सरदारपुर के पास रिंगनोद के ग्रामीण जनों ने पेश की मिसाल,,, लगभग 35 वर्ष पूर्व रिंगनोद के बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय में लावारिस अवस्था में रह रहे विद्या प्रसाद ड्राइवर उर्फ उस्ताद के नाम से मशहूर के निधन होने पर ग्रामीण जनों ने चंदा एकत्रित कर बैंड बाजों के साथ गांव के प्रमुख मार्गो से शवयात्रा निकालकर विधि विधान से अंतिम क्रिया कर्म किया । जिसमें सर्वधर्म लोगों ने शामिल होकर अंतिम विदाई दी। विद्या प्रसाद ड्राइवर ने अपने मिलनसार व्यवहार से लोगों के दिलों में राज किया था। 35 वर्ष पूर्व रिंगनोद में आटा चक्की पिसाई का कार्य , ड्राइवरी, वाह होटलों में कचोरी समोसे बनाने का कार्य सभी में महारत हासिल थी यात्री प्रतीक्षालय के आसपास के दुकानदारों ने अपना व्यवसाय कार्य बंद कर विद्या प्रसाद को अंतिम विदाई दी
बाईट- (1) संजय गर्ग रिगनोद
(2)दिलीप व्यास मंदिर पुजारी रिगनोद
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