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शहर में यूरिया का संकट, घंटों इंतजार के बाद किसानों को मिल पा रही खाद

धार में इन दिनों यूरिया की कमी के चलते किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में किसानों को लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है, तब जाकर प्रत्येक किसान को 3 बोरी यूरिया मिल पा रही हैं.

urea crisis
घंटों लाइन में लगने को मजबूर किसान
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Published : Dec 10, 2019, 7:05 PM IST

धार। खाद को लेकर सरकार भले कितने ही दावे कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत आज भी जस की तस है, नगर पंचायत सरदारपुर में स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में किसानों को लम्बी-लम्बी लाइनों में लगना पड़ रहा है, तब जाके कहीं यूरिया मिल पा रहा है. संस्था हर एक किसान को 3 बोरी यूरिया दे रही है.

घंटों लाइन में लगने को मजबूर किसान


रबी की फसल की बोवनी के बाद से ही यूरिया की किल्लत लगातार हो रही है. इस बार गेंहू की बोवनी का रकबा अधिक है. ऐसे में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया की जरूरत है, लेकिन खाद का आवश्यकता में कमी होना किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ये समय सिंचाई का है, लेकिन यूरिया खाद के लिए सिंचाई का काम बंद कर दिया गया है. यूरिया की कमी के चलते बाजार में मूल्य से अधिक भाव में यूरिया मिल रही है.

धार। खाद को लेकर सरकार भले कितने ही दावे कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत आज भी जस की तस है, नगर पंचायत सरदारपुर में स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में किसानों को लम्बी-लम्बी लाइनों में लगना पड़ रहा है, तब जाके कहीं यूरिया मिल पा रहा है. संस्था हर एक किसान को 3 बोरी यूरिया दे रही है.

घंटों लाइन में लगने को मजबूर किसान


रबी की फसल की बोवनी के बाद से ही यूरिया की किल्लत लगातार हो रही है. इस बार गेंहू की बोवनी का रकबा अधिक है. ऐसे में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया की जरूरत है, लेकिन खाद का आवश्यकता में कमी होना किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ये समय सिंचाई का है, लेकिन यूरिया खाद के लिए सिंचाई का काम बंद कर दिया गया है. यूरिया की कमी के चलते बाजार में मूल्य से अधिक भाव में यूरिया मिल रही है.

Intro:धार
सरदारपुर
सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे है। किसान सुबह सोसयटी खुलने से पहले ही लाईन मे लगता है तब कही जाकर यूरिया मिलता है बड़े किसान को ज्यादा परेशानी हो रही है , सुसायटी मे लग रही लम्बी लम्बी कतार से पता चलता है, की यूरिया की के लिए कितना परेशान होना पड़ रहा है,अब यह यूरिया की किल्लत नही तो क्या है ,रबी  की फसल की बोवनी के बाद से यूरिया खाद की किल्लत किसान महसूस करने लगा है। मगर फिर भी आवशकता के अनुसार खाद नही  मिल रहा है। इस बार गेहुॅ की बोनी का रकबा अधिक है। ऐसे मे किसानो को पर्याप्त मात्रा मे यूरिया की आवशकता बनी हुई है। समय-समय पर फसल को खाद की आवशकता बनी रहती है  जिससे फसल की पैदावार बढ सके । लेकिन खाद का नही मिलना  किसानो के लिये चिंता का विषय बन गया है। सोमवार को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मे यूरिया आने की सूचना जैसे ही किसानो को मिली तो सुबह से ही लाइन मे लग गये ,लम्बी लाइन देख संस्था द्वारा प्रत्येक
किसनो को 3 बोरी ही युरीया मिल रहीहै।




   Body:धार
सरदारपुर
सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे है। किसान सुबह सोसयटी खुलने से पहले ही लाईन मे लगता है तब कही जाकर यूरिया मिलता है बड़े किसान को ज्यादा परेशानी हो रही है , सुसायटी मे लग रही लम्बी लम्बी कतार से पता चलता है, की यूरिया की के लिए कितना परेशान होना पड़ रहा है,अब यह यूरिया की किल्लत नही तो क्या है ,रबी  की फसल की बोवनी के बाद से यूरिया खाद की किल्लत किसान महसूस करने लगा है। मगर फिर भी आवशकता के अनुसार खाद नही  मिल रहा है। इस बार गेहुॅ की बोनी का रकबा अधिक है। ऐसे मे किसानो को पर्याप्त मात्रा मे यूरिया की आवशकता बनी हुई है। समय-समय पर फसल को खाद की आवशकता बनी रहती है  जिससे फसल की पैदावार बढ सके । लेकिन खाद का नही मिलना  किसानो के लिये चिंता का विषय बन गया है। सोमवार को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मे यूरिया आने की सूचना जैसे ही किसानो को मिली तो सुबह से ही लाइन मे लग गये ।लम्बी लाइन देख संस्था द्वारा प्रत्येक
किसनो को 3 बोरी ही युरीया मिल रही है। वर्तमान मे सिचांई का काम चल रहा है। परन्तु यूरिया खाद के लिये सिंचाई को बंद कर लाइन मे लग रहे है। बाजार मे मुल्य से अधिक भाव मे युरीया की कालाबाजारी चल रही है। जब की कई संस्था मे खाद नही मिलने के कारण किसान को बार बार संस्था के चक्कर लगाना पड़ रहा है।




   Conclusion: धार
सरदारपुर
सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे है। किसान सुबह सोसयटी खुलने से पहले ही लाईन मे लगता है तब कही जाकर यूरिया मिलता है बड़े किसान को ज्यादा परेशानी हो रही है , सुसायटी मे लग रही लम्बी लम्बी कतार से पता चलता है, की यूरिया की के लिए कितना परेशान होना पड़ रहा है,अब यह यूरिया की किल्लत नही तो क्या है ,रबी  की फसल की बोवनी के बाद से यूरिया खाद की किल्लत किसान महसूस करने लगा है। मगर फिर भी आवशकता के अनुसार खाद नही  मिल रहा है। इस बार गेहुॅ की बोनी का रकबा अधिक है। ऐसे मे किसानो को पर्याप्त मात्रा मे यूरिया की आवशकता बनी हुई है। समय-समय पर फसल को खाद की आवशकता बनी रहती है  जिससे फसल की पैदावार बढ सके । लेकिन खाद का नही मिलना  किसानो के लिये चिंता का विषय बन गया है। सोमवार को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मे यूरिया आने की सूचना जैसे ही किसानो को मिली तो सुबह से ही लाइन मे लग गये ।लम्बी लाइन देख संस्था द्वारा प्रत्येक
किसनो को 3 बोरी ही युरीया मिल रही है। वर्तमान मे सिचांई का काम चल रहा है। परन्तु यूरिया खाद के लिये सिंचाई को बंद कर लाइन मे लग रहे है। बाजार मे मुल्य से अधिक भाव मे युरीया की कालाबाजारी चल रही है। जब की कई संस्था मे खाद नही मिलने के कारण किसान को बार बार संस्था के चक्कर लगाना पड़ रहा है।
(1)कन्ना बाई किसान महीला
(2) लक्ष्मीनारारण पाटीदार किसान
(3) सुनिल पाटीदार किसान



   
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