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स्मार्ट सिटी को भी मात देता धार का आदर्श 'गुलाबी गांव', ग्रामीणों की पहल बनी मिसाल

धार जिले के नवादपुरा गांव में में मौजूद है सारी सुविधाएं, स्मार्ट सिटी को भी मात देता धार का आदर्श 'गुलाबी गांव', ग्रामीणों की पहल बनी मिसाल

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Published : Feb 26, 2019, 3:33 PM IST

गुलाबी गांव

धार। जिले का नवादपुरा गांव गुलाबी गांव के रूप में विख्यात है. ये गांव स्मार्ट सिटी की सुविधाओं को भी मात देता है. एक गांव में जो सुविधाएं मिल रही हैं, उसे सुनकर और देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. जहां प्रदेश के कई गांव और शहर आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, वहां इस गांव की खासियतें और गांववालों की पहल दूसरों के लिए मिसाल है.

dhar, mp
गुलाबी गांव

गुलाबी रंग से रंगा हर घर और घरों की दीवारों पर बनी महापुरुषों की तस्वीरें, साफ-सुथरी सड़कें और सड़कों के बीच लगे हरे-भरे पेड़, बच्चों के लिए सुविधाओं से लैस हाईटेक स्कूल और शहीदों के सम्मान में बना शहीद मंदिर, सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे और शुद्ध पानी के लिये लगा एटीएम सिस्टम युक्त आरओ वॉटर प्लांट, ये सारी सुविधाएं किसी स्मार्ट सिटी की नहीं, बल्कि धार जिले के नवादपुरा गांव में हैं.

आदर्श गांव के रूप से विख्यात हो चुके नवादपुरा को पूरे प्रदेश में गुलाबी गांव के नाम से भी पहचान मिलने लगी है. खास बात ये है कि नवादपुरा में किसी स्मार्ट सिटी के घरों की तरह यहां बने लगभग हर घर में आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. सामान्य से गांव को गुलाबी गांव की पहचान दिलाने और इसकी तस्वीर बदलने में ग्रामीणों के साथ युवा कमल पटेल का अहम योगदान रहा है.

गुलाबी गांव

गांव में शौचमुक्त और पूर्ण शराबबंदी के बाद लोग अब जैविक खेती करने की पहल करने वाले हैं. ग्रामीणों का मानना है कि जैविक खेती करने से गोधन संरक्षित होगा और पर्यावरण का भी संरक्षण होगा. कमल पटेल कहते हैं कि अगर गांव का जनप्रतिनिधि चाहे और ग्रामीणों का साथ मिले तो हर एक गांव को आदर्श बनाया जा सकता.

कहते हैं कि अगर मन में कुछ ठान लो तो हर राह आसान हो जाती है, इसी का उदाहरण पेश किया है नवादपुरा के ग्रामीणों ने. यहां के युवा कमल पटेल की ये पहल एक तरह से सरकार को आईना भी दिखाती है, क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई गांव हैं जहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के कोसों दूर हैं.

धार। जिले का नवादपुरा गांव गुलाबी गांव के रूप में विख्यात है. ये गांव स्मार्ट सिटी की सुविधाओं को भी मात देता है. एक गांव में जो सुविधाएं मिल रही हैं, उसे सुनकर और देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. जहां प्रदेश के कई गांव और शहर आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, वहां इस गांव की खासियतें और गांववालों की पहल दूसरों के लिए मिसाल है.

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गुलाबी गांव

गुलाबी रंग से रंगा हर घर और घरों की दीवारों पर बनी महापुरुषों की तस्वीरें, साफ-सुथरी सड़कें और सड़कों के बीच लगे हरे-भरे पेड़, बच्चों के लिए सुविधाओं से लैस हाईटेक स्कूल और शहीदों के सम्मान में बना शहीद मंदिर, सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे और शुद्ध पानी के लिये लगा एटीएम सिस्टम युक्त आरओ वॉटर प्लांट, ये सारी सुविधाएं किसी स्मार्ट सिटी की नहीं, बल्कि धार जिले के नवादपुरा गांव में हैं.

आदर्श गांव के रूप से विख्यात हो चुके नवादपुरा को पूरे प्रदेश में गुलाबी गांव के नाम से भी पहचान मिलने लगी है. खास बात ये है कि नवादपुरा में किसी स्मार्ट सिटी के घरों की तरह यहां बने लगभग हर घर में आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. सामान्य से गांव को गुलाबी गांव की पहचान दिलाने और इसकी तस्वीर बदलने में ग्रामीणों के साथ युवा कमल पटेल का अहम योगदान रहा है.

गुलाबी गांव

गांव में शौचमुक्त और पूर्ण शराबबंदी के बाद लोग अब जैविक खेती करने की पहल करने वाले हैं. ग्रामीणों का मानना है कि जैविक खेती करने से गोधन संरक्षित होगा और पर्यावरण का भी संरक्षण होगा. कमल पटेल कहते हैं कि अगर गांव का जनप्रतिनिधि चाहे और ग्रामीणों का साथ मिले तो हर एक गांव को आदर्श बनाया जा सकता.

कहते हैं कि अगर मन में कुछ ठान लो तो हर राह आसान हो जाती है, इसी का उदाहरण पेश किया है नवादपुरा के ग्रामीणों ने. यहां के युवा कमल पटेल की ये पहल एक तरह से सरकार को आईना भी दिखाती है, क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई गांव हैं जहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के कोसों दूर हैं.

Intro:गुलाबी रंग से रंगा पूरा गांव, घरों की दीवारों पर बनी महापुरुषों की तस्वीर, साफ-सुथरी सड़के, सड़कों के बिचो-बीच हरे भरे पेड़ पौधे, बच्चों की पढ़ाई के लिए सर्व सुविधा युक्त हाईटेक स्कूल ,शहीदों के सम्मान में बना शहीद मंदिर, सुरक्षा के लिए लगे सी.सी.टी.वी कैमरे, शुद्ध पानी के लिए ए.टी.एम सिस्टम युक्त आर.ओ वाटर प्लांट, शराबबंदी पूर्ण रूप से लागू, हर घर में बने शौचालय ,यह सारी सुविधाएं किसी स्मार्ट सिटी कि नहीं है बल्कि यह सारी सुविधाएं धार जिले के एक गांव की है जिसे आदर्श गांव के रूप में जिले के साथ पूरे प्रदेश में पहचान मिली है इस गांव को अब गुलाबी गांव के नाम से भी जाना जाता है दरअसल धार जिले के ग्राम नवादपुरा इन दिनों हर किसी की जुबा पर है और वह हो भी क्यों ना क्योंकि इस गांव में हर वो सुविधा है जो किसी स्मार्ट सिटी या फिर हाईप्रोफाइल घरों में होती है और यह सब कुछ संभव हुआ है गांव के युवा कमल पटेल कि सोच से और कमल पटेल की सोच को गांव वालों ने मूर्त रुप दिया है उसे सहयोग किया है, कमल पटेल ग्राम नवादपुरा का युवा किसान है उसकी सोच ने ही गांव की तस्वीर को बदल के रख दी है कमल ने बताया कि उसकी सोच थी कि उसका गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित हो इसलिए उसने गांव वालों से सहयोग लिया उन से चर्चा की और गांव की तस्वीर बदलने की पहल कि ओर उसे धीरे धीरे मूर्त रूप देने का काम किया सबसे पहले गांव को गुलाबी रंग से रंगा और फिरे धीरे-धीरे वह सारी सुविधा गांव में मुहैया कराई जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था अब हर कोई अपने गांव को गुलाबी गांव नवादपुरा की तरह विकसित करने की बात कर रहा है इस गुलाबी गांव नवादपुरा में बच्चों की पढ़ाई के लिए जहां एक और हाइटेक स्कूल और आंगनवाड़ी है तो वहीं दूसरी और बच्चो के मनोरंजन के लिए खेल खिलौने और खेल मैदान भी है,इसके साथ ही साथ देश के वीर जवानों के सम्मान के लिए ग्राम नवादपूरा में शहीद मंदिर भी है जिसमें शहीदों की तस्वीर और भारत माता की मूर्ति स्थापित है जहां पर हर कोई शीश नवा कर देश के वीर जवानों कि वीरता को नमन करता है इसके साथ ही साथ गांव में पूर्ण रूप से शराब बंदी लागू है जिसके चलते यहां पर अपराधिक घटनाएं, पारिवारिक विवाद ना के बराबर होते हैं सुरक्षा की दृष्टि से पूरे गांव में सी.सी.टी.वी कैमरे लगे हुए हैं पूरा गांव गुलाबी रंग से रंगा हुआ है , पीने के पानी के लिए ए.टी.एम सिस्टम आधारित आरो प्लांट लगा हुआ है जिससे पूरा गांव 2 रुपय में 20 लीटर साफ और ठंडा पानी पीता है इसके साथ ही साथ गांव की सड़के साफ-सुथरी है जिस के बीचो-बीच हरे भरे पेड़ पौधे लगे हुए हैं गाँव में जगह-जगह बैठने के लिए कुर्सियां और लगी हुई है जहां शाम के समय गांव के बुजुर्ग और युवा एक साथ बैठकर गांव में और क्या नया कर सकते हैं उसके लिए योजना बनाते हैं, इस गांव के प्रत्येक घर में शौचालय बनी हुई है जिसका हर कोई उपयोग भी करता है इस गांव को विकसित करने के लिए जहां एक और कमल पटेल की सोच है तो उस सोच को गांव के हर एक व्यक्ति ने मूर्त रूप देने में अपना सहयोग करा है, आदर्श गांव नवादपुरा के किसान गो-आधारित जैविक खेती की ओर पहल करने वाले हैं गांव वालों का मानना है कि ऐसा करने से गोधन को संरक्षण हो गा तो वहीं जैविक खेती से पर्यावरण का भी संरक्षण होगा इसके लिए भी वह अब योजना बनाकर जैविक खेती करने की तैयारी में है कमल पटेल ने बताया कि यदि पूरा गांव ठान ले कि उसका गांव आदर्श गांव बने तो ऐसा कर पाना बड़ा आसान होता है अब इस आदर्श गांव नवादपुरा की यह तस्वीर देख कर हर कोई अपने आपको इस गांव की तारीफ करने से नहीं रोक पा रहा है इसके साथ ही साथ इस गांव में आने के बाद हर कोई अपने गांव को आदर्श गांव नवादपुरा की तरह विकसित करने के बाद करता है। देखे यह खास रिपोर्ट आदर्श ग्राम नवादपुरा के विसुअल बाइट-कमल पेमाजी पटेल-वन-2-वन से लेले वन टू वन करके भी भेजा है,जिसमे नवादपुरा के कमल पटेल चर्चा है,


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