धार। जिले का नवादपुरा गांव गुलाबी गांव के रूप में विख्यात है. ये गांव स्मार्ट सिटी की सुविधाओं को भी मात देता है. एक गांव में जो सुविधाएं मिल रही हैं, उसे सुनकर और देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. जहां प्रदेश के कई गांव और शहर आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, वहां इस गांव की खासियतें और गांववालों की पहल दूसरों के लिए मिसाल है.
गुलाबी रंग से रंगा हर घर और घरों की दीवारों पर बनी महापुरुषों की तस्वीरें, साफ-सुथरी सड़कें और सड़कों के बीच लगे हरे-भरे पेड़, बच्चों के लिए सुविधाओं से लैस हाईटेक स्कूल और शहीदों के सम्मान में बना शहीद मंदिर, सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे और शुद्ध पानी के लिये लगा एटीएम सिस्टम युक्त आरओ वॉटर प्लांट, ये सारी सुविधाएं किसी स्मार्ट सिटी की नहीं, बल्कि धार जिले के नवादपुरा गांव में हैं.
आदर्श गांव के रूप से विख्यात हो चुके नवादपुरा को पूरे प्रदेश में गुलाबी गांव के नाम से भी पहचान मिलने लगी है. खास बात ये है कि नवादपुरा में किसी स्मार्ट सिटी के घरों की तरह यहां बने लगभग हर घर में आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. सामान्य से गांव को गुलाबी गांव की पहचान दिलाने और इसकी तस्वीर बदलने में ग्रामीणों के साथ युवा कमल पटेल का अहम योगदान रहा है.
गांव में शौचमुक्त और पूर्ण शराबबंदी के बाद लोग अब जैविक खेती करने की पहल करने वाले हैं. ग्रामीणों का मानना है कि जैविक खेती करने से गोधन संरक्षित होगा और पर्यावरण का भी संरक्षण होगा. कमल पटेल कहते हैं कि अगर गांव का जनप्रतिनिधि चाहे और ग्रामीणों का साथ मिले तो हर एक गांव को आदर्श बनाया जा सकता.
कहते हैं कि अगर मन में कुछ ठान लो तो हर राह आसान हो जाती है, इसी का उदाहरण पेश किया है नवादपुरा के ग्रामीणों ने. यहां के युवा कमल पटेल की ये पहल एक तरह से सरकार को आईना भी दिखाती है, क्योंकि प्रदेश के ऐसे कई गांव हैं जहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के कोसों दूर हैं.