धार। ऐतिहासिक भोजशाला में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा है. सरस्वती जन्मोत्सव (saraswati puja celebrate in bhojshala) के साथ ही बसंत उत्सव की शुरुआत हो गई है. भोजशाला में सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है. इस मौके पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है, अगले तीन दिनों तक कई कार्यक्रम होंगे.
भगवा ध्वज से सजा भोजशाला
राजा भोज स्मृति भोज उत्सव समिति ने जबरदस्त तैयारियां की है. भोजशाला के अंदरूनी हिस्से को भगवा ध्वज से सजाया गया है. शहर में भी भगवा पताकाएं लगाई गई हैं. सरस्वती मंदिर भोजशाला में महाराजा भोज के समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार प्रकांड पंडितों के नेतृत्व में यज्ञ हवन शुरू हुआ, जो सूर्यास्त तक चलता रहेगा. हवन की शुरुआत सुबह सात बजे से हुई. यहां पर आसपास के हजारों लोग परिवार के साथ मां सरस्वती के दर्शन और पूजन करने के लिए आते हैं. साथ ही श्रद्धालु यज्ञ में आहुति देने के लिए भी भोजशाला पहुंचते हैं.
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
चार दिवसीय आयोजन में सबसे पहला दिन आज मुख्य है (dhar on basant panchami). शनिवार को शहर के लालबाग से शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें बड़ी संख्या में शहर और दूरदराज से आए लोग शामिल होंगे. दोपहर में एक धर्म सभा का आयोजन भी होगा, जिसको दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा संबोधित करेंगे. डीआईजी इंदौर जोन चंद्रशेखर सोलंकी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद है. जिसमें 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं. हर चप्पे पर पुलिस मौजूद है.