धार। वैसे तो धार अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, यहां के मुगल और मालवा के शासकों द्वारा बनवाए गए स्मारक को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. इसलिए इसे पर्यटक नगरी भी कहा जाता है. ये तो थी धार की ऐतिहासिकता की बात. वहीं दूसरी ओर धार जिले के बदनावर और नालछा में गेंदा के फूलों की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. इस क्षेत्र में गेंदे की खेती करने वाले अधिकतर किसान बारिश की वजह से गेंदे के फूल की बर्बादी को लेकर चिंचित हैं. ज्यादा बारिश की वजह से गेंदे के पौधे खेत में गिर गए हैं. गेंदे के फूलों में मिट्टी लगने और बारिश के पानी में भीग जाने की वजह से पूरी तरीके से खराब हो गए हैं. जिससे कहीं ना कहीं गेंदे के फूलों की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो गई है. किसानों का मानना है कि, नवरात्रि और दीपावली के सीजन में बारिश की वजह से गेंदे की फसल खराब हुई है, उससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है. किसानों का मानना है कि, यदि बारिश नहीं होती तो किसान गेंदे के फूलों की खुशबू की तरह आर्थिक रूप से महक उठते.
बारिश की वजह से गेंदे के फूल हुए खराब
बदनावर के कोद, बिड़वाल, अनारद में पिछले दिनों तेज बारिश हुई थी, बारिश इतनी तेज थी कि, खेतों में पानी भर गया था. तेज बारिश से इसका सबसे ज्यादा असर गेंदे के फूलों की खेती करने वाले किसानों को हुआ है. ग्राम कोद के गेंदे के फूलों की खेती करने वाले किसान विकास पाटीदार ने बताया कि, तेज बारिश से गेंदे के पौधे खेतों में गिर गए, तो वहीं बारिश के पानी में भीगने की वजह से गेंदे के फूल पूरी तरीके से खराब हो गए हैं. खेतों की मिट्टी लगने से गेंदे के फूलों की चमक और उसका रंग फीका हो गया है और उस पर अब कीड़े लग गए हैं, तेज बारिश के कारण गेंदे के फूलों की खेती पूरी तरीके से बर्बाद हो गई है.
नवरात्रि और दीपावली के सीजन से थी बड़ी उम्मीद
ग्राम कोद में गेंदे के फूलों की खेती करने वाली महिला किसान लता पाटीदार ने बताया कि, गेंदे के फूलों की मांग नवरात्रि और दीपावली में ज्याजा होती है. लेकिन बारिश ने इस बार फूलों की खेती को बर्बाद कर दिया है. यदि बारिश नहीं होती तो, गेंदे के फूलों की मांग को हम पूरा कर पाते, जिससे किसानों को बड़ा फायदा होता, लेकिन बारिश ने गेंदे के फूलों को पूरी तरीके से बर्बाद कर दिया है और किसानों को त्योहारों के सीजन में फायदा होने वाला था, वो नुकसान में बदल गया है.
सरकार करे कुछ मदद
बारिश की वजह से गेंदे के फूलों की खेती बर्बाद हो गई है. किसान सरकार सरकार से मांग कर रहे हैं कि, जो नुकसान किसानों को बारिश की वजह से हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करें. उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि, किसान लॉकडाउन की मार से अभी तक उभर नहीं पाया है. ऐसे में यदि सरकार किसानों की मदद करती है, तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
गेंदे के फूलों की खेती की बर्बादी को लेकर कृषि वैज्ञानिक केएस किराड़ ने बताया कि, निश्चित ही बारिश की वजह से गेंदे के फूलों की खेती को बड़ा नुकसान हुआ है, ऐसे में अब किसान भाई गेंदे के पौधों को सहारा देकर खड़ा करें. वहीं भविष्य में नेट हाउस में गेंदे के फूलों की खेती करें. इसके साथ ही, यदि किसान नई फसल लगाने की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ दिन रुकने के बाद वो नई फसल अपने खेतों में लगाएं, संभवत बारिश की संभावना बनी हुई है. इस तरीके के उपायों का अनुसरण करके किसान भाई अपनी फसलों को बचा सकते हैं.